थ्रीसी और औरिस बिल्डर को लगा झटका, खरीदारों का पैसा करना होगा वापस नहीं तो होगी कार्रवाई

1/4/2020 12:37:51 PM

गुडग़ांव (ब्यूरो) : हरियाणा रियल एस्टेट अथॉरिटी से पटकनी खाने के बाद ग्रीनोपोलिस प्रोजेक्ट को लेकर थ्रीसी और औरिस बिल्डर को ट्रिव्यूनल से भी झटका लगा है। हरियाणा रियल एस्टेट अपीलाईट ट्रिव्यूनल में दोनों ही बिल्डरों ने हरेरा निर्णय के खिलाफ अपील किया था जहां से उन्हें तत्काल प्रोजेक्ट को पूरा करने को कहा है। इतना ही नहीं, ट्रिव्यूनल ने बिल्डरों को किसी भी प्रकार से मोहलत देने से भी इंकार कर दिया है।

उल्लेखनीय है कि ग्रीनोपोलिस प्रोजेक्ट गुडग़ांव के सेक्टर 89 में प्रस्तावित था जिसमें करीब 1800 खरीदारों ने 850 करोड़ रुपए बिल्डर को सौंप दिया था। लेकिन दशक भर से अधिक समय बीत जाने के बाद लोगों को बिल्डर घर दे पाने में नाकाम रहा है। हरियाणा रियल एस्टेट अथारिटी गुडग़ांव के फैसले को सही ठहराते हुए ट्रिव्यूल ने अपने फैसले में दोनों ही बिल्डरों को कहा है कि आपकी दस एकड़ जमीन को जब्त किया जाना पूरी तरह जायज है।

गत नवम्बर माह में गुडग़ांव हरेरा कार्यालय ने खरीदारों के हितों की सुरक्षा के लिए बिल्डरों की दस एकड़ जमीन को जब्त करने का आदेश दिया था। साथ ही प्रोजेक्ट को लेकर जमा की धनराशि को एस्क्रो खाते में जमा करने को कहा था। जिसके बाद दोनों ही बिल्डरों ने हरेरा के निर्णय के खिलाफ हरियाणा रियल एस्टेट अपीलाईट ट्रिव्यूनल में मामला दायर किया था। टिव्यूनल के इस फैसले का ग्रीनोपोलिस के खरीदारों ने स्वागत किया है और कहा है कि हमें जल्दी से जल्दी प्रोजेक्ट पूरा करके घर दिया जाना चाहिए। 

फैसले के प्रमुख बिंदू
थ्रीसी और औरिस बिल्डर संयुक्त रुप से ग्रीनोपोलिस प्रोजेक्ट को पूरा करने के लिए जिम्मेदार है और जल्द से जल्द तय समय सीमा में प्रोजेक्ट को पूरा करना होगा। इस प्रोजेक्ट की बिक्री से प्राप्त कुल करीब साढ़े आठ सौ करोड़ रुपए बिल्डरों ने वसूल लिए हैं लेकिन प्रोजेक्ट को पूरा नहीं करने के दोषी हैं। खरीदारों के हित में हरेरा का दस एकड़ जमीन को जब्त करके उससे खरीदारों को राहत देने का फैसला पूरी तरह उचित है।

क्या है ग्रीनोपोलिस मामला 
गुडग़ांव के सेक्टर 89 में ग्रीनोपोलिस प्रोजेक्ट की शुरुआत की गई थी। मामला लंबे समय तक हरियाणा रियल स्टेट रेगुलेटरी प्राधिकरण में चलता रहा है और प्राधिकरण ने इसे लेकर बिल्डर को काफी मोहलत भी दी है। हांलाकि बावजूद इसके बिल्डर प्रोजेक्ट को पूरा कर पाने में अक्षम रहा है। प्रोजेक्ट को लेकर हरेरा ने नोडल आफिसर की नियुक्ति किया था। जबकि औरिस की सम्पत्ति को बेचने पर हरेरा ने पहले ही रोक लगा दिया है। उक्त प्रोजेक्ट को 2012 में चालू किया गया था और खरीददारों को कहा गया कि आगामी 2015 तक यूनिट सभी को दे दिए जाएंगे।

Isha