सार्वजनिक स्थलों पर तंबाकू प्रतिबंध के आदेश धुएं में

5/21/2018 10:30:26 AM

सिरसा(कौशिक): तंबाकू के इस्तेमाल पर नकेल कसने के लिए कई बार सरकार द्वारा दिशा-निर्देश जारी किए लेकिन धरातल पर इन निर्देशों का पालन नहीं हो पाया। कागजी खानापूर्ति के लिए बीच बीच में गिने चुने चालान काटकर अधिकारी आराम से बैठ जाते हैं। सार्वजनिक स्थलों पर तंबाकू के प्रति लोगों को जागरूक करने के लिए पोस्टर, होडिंग्स, पम्फलेट आदि प्रचार सामग्री चस्पा करने तक ही अभियान सिमटकर रह गया है। 

चाहे बस अड्डा हो या रेलवे स्टेशन, पार्क हो या भीड़ भरे बाजार, हर जगह लोग बेधड़क धूम्रपान करते दिखाई दे जाएंगे। दूसरी तरफ तंबाकू उत्पादों पर प्रतिबंध भी नजर नहीं आता। कन्फैक्शनरी की दुकानों व पनवाडिय़ों के यहां नियमों को ताक पर रख कर नाबालिग बच्चों को तंबाकू उत्पाद बेचे जा रहे हैं। गुटखे पर 15 अगस्त 2012 से पाबंदी है। 

तब पान मसाले में तंबाकू मिक्स करके बेची जाती थी। सरकारी आदेश के लचीले प्रावधान को गुटखा निर्माता कंपनियों ने हथियार की तरह इस्तेमाल किया और पान-मसाले व जरदे के अलग अलग पाऊच तैयार कर मार्कीट में बिक्री के लिए उतार दिए। प्रावधान के अनुसार इनकी अलग-अलग बिक्री पर रोक नहीं है। 

गुटखा 2 भागों में बिक रहा है और शौकीन बड़े चाव से इसका सेवन कर सरकारी आदेशों को पीक से लाल से कर रहे हैं। पाबंदी से पहले गुटखे की जितनी बिक्री होती थी, उससे कहीं ज्यादा बिक्री अब हो रही है, क्योंकि पाबंदी सिर्फ नाम भर की है। जिस तरह सरकार ने सिरसा शहर को खुले में शौच मुक्त व स्टे्र कैटल फ्री घोषित कर रखा है, वैसे ही तंबाकू उत्पादों पर लगाई गई पाबंदी का हाल है। यह सब कागजों में ही लागू है।

सार्वजनिक स्थलों पर धड़ल्ले से धूम्रपान होता है। सिगरेट के पैकेट पर अवश्य लिखा है कि धूम्रपान स्वास्थ्य के लिए हानिकारक है और अब तो सिगेटर के पैकेटों पर डैंजर साइन भी छपकर आते हैं। बावजूद इसके इनकी बिक्री पर कोई फर्क नहीं पड़ा है। आदेश हैं कि शिक्षण संस्थानों के 100 मीटर के दायरे में तंबाकू उत्पाद नहीं बिकने चाहिए और नियमों की अवहेलना करने वाले दुकानदारों के खिलाफ कार्रवाई की बात कही गई है परंतु दुकानदारों को कार्रवाई की जरा भी चिंता नहीं।

मुख्य बस अड्डे के पास कन्फैक्शनरी की छोटी-बड़ी कई दुकानें हैं। इन सभी दुकानों पर तंबाकू उत्पाद खरीदे व बेचे जाते हैं। नाबालिग बच्चों को यह उत्पाद खुलेआम दिए जाते हैं। सार्वजनिक स्थलों में एक रेलवे स्टेशन परिसर ही ऐसा स्थल हैं जहां तंबाकू उत्पाद पर सख्ती से रोक लगाई गई है। स्टेशन परिसर में धूम्रपान पर कड़ी पाबंदी है जो भी सिगरेट बीड़ी पीते नजर आता है, रेलवे सुरक्षाबल कर्मी उसका चालान काट देते हैं।

रेलवे एक्ट में तंबाकू के खिलाफ कड़े प्रावधान किए गए हैं। समाज ङ्क्षचतकों का कहना है कि प्रदेश में तंबाकू उत्पादों की बिक्री व सेवन नियमाविरुद्ध जारी है। जिस मकसद से सरकार ने प्रदेश में गुटखे पर पाबंदी लगाई थी, वह मकसद पूरा नहीं हो पाया है। सरकार को चाहिए कि इसको लेकर कड़े नियम बनाए जाएं और प्रभावी ढंग से रोक लगाई जाए ताकि लोगों का स्वास्थ्य बचाने का सरकार का मकसद पूरा हो। 
 


 

Rakhi Yadav