मानसून में टमाटर हुआ लाल, शिमला मिर्च हुई तीखी

7/23/2019 12:04:28 PM

फरीदाबाद (महावीर गोयल): बरसात से भले ही लोगों को गर्मी से राहत मिली हो, लेकिन इसने गृहणियों की मुश्किलें बढ़ा दी हैं। बरसात के चलते सब्जियों के दामों में उछाल आ गया है। टमाटर जहां और लाल हो गया है। वहीं शिमला मिर्च का स्वाद भी तीखा हो चला है। इसके अलावा अन्य सब्जियों के दाम भी बढ़ गए हैं। ऐसे में गृहणियों का रसोई का बजट बिगड़ गया है। बारिश से सब्जी की फसल खराब होने के चलते सब्जियों के भाव दो से तीन गुणा बढ़ गए। जो पहले सब्जी 10 से 20 रुपए प्रति किलोग्राम बिक रही थी। वो अब बढ़कर 40 से 60 रुपए तक हो गई। इससे आम आदमी को बहुत परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। सब्जियों के साथ फलों के भावों में भी बढ़ोतरी हुई है।

बरसात होने के चलते टमाटर, शिमला मिर्च आदि की आवक कम हो रही है। इसके चलते दामों में वृद्धि हो गई है। सब्जी विक्रेताओं का कहना है कि अगर आगामी दिनों में और अधिक बरसात हुई तो सब्जियों के दामों में और वृद्धि होने से इंकार नहीं किया जा सकता। इन दिनों ज्यादातर सब्जियां हिमाचल प्रदेश के अलावा यूपी और राजस्थान से आ रही हैं। वहीं, सब्जियों के दामों में इजाफा होने से खास तौर पर गृहणियों में मायूसी छाई हुई है। सेक्टर 3 निवासी गृहणी लक्ष्मी, शारदा का कहना है कि सब्जी का स्वाद बढ़ाने के लिए उसमें डाला जाने वाला टमाटर व शिमला मिर्च आदि भी महंगे हो गए हैं। ऐसे में उनके लिए घर चलाना मुश्किल होता जा रहा है। जानकारों की मानें तो सब्जियों के जो दाम मंडी में होते हैं, वही दाम मोहल्लों-सेक्टरों की गलियों में नहीं होते। मंडी से गली तक पहुंते ही सब्जियों के दामों में पांच से दस रुपए प्रति किलोग्राम तक की वृद्धि हो जाती है। ऐसे में आम आदमी की जेब और भी ढीली हो जाती है। गृहणियों का कहना है कि सब्जियों के दाम सभी जगह समान होने चाहिए। 

बारिश से आवक प्रभावित
टमाटर के दाम बारिश के कारण आसमान पर हैं। कुछ ही दिनों में टमाटर की आपूर्ति कम होने के कारण टमाटर के भाव थोक में बहुत अधिक बढ़ोतरी हुई है। टमाटर के शौकीनों की थाली से जहां टमाटर गायब है। आलम यह है कि बाजार में सब्जी की खरीदारी करने वाले लोग मोल भाव करने के बाद ही खरीदारी कर रहे हैं। जो सब्जी मंहगी लग रही है उसे नहीं खरीद रहे हैं। लोगों का कहना है 100 रुपए की सब्जी खरीदने पर थैला नहीं भरता। व्यापारियों के मुताबिक थोक और फुटकर बाजार में सब्जी के दामों में 35 से 40 प्रतिशत का अंतर आ गया है। सब्जी का स्वाद बढ़ाने और सजावट में उपयोग आने वाली हरी धनियां आम आदमी की पहुंच से बाहर हो गया है। कई राज्यों में कई दिनों से तेज बारिश ने जगह-जगह ट्रकों के पहिये रोक दिए। इसके अलावा बिहार, यूपी और असम में बाढ़ आने से ट्रांसपोर्ट पर गहरा प्रभाव पड़ा है जिस कारण मंडियों में ट्रक नहीं पहुंच रहे है। इससे सब्जियों के दामों में उछाल आ गया है। मंडी में जहां प्रतिदिन सब्जियों के आठ से दस ट्रक आते थे वहीं अब केवल दो से तीन ट्रक ही पहुंच रहे है।

Isha