शीर्ष अदालतें धर्म की उपेक्षा करके उसे बिगाड़ने का काम कर रही: शंकराचार्य

9/29/2018 11:09:13 AM

पलवल(गुरूदत्ता गर्ग): राष्ट्रीय एकता के लिए ढाई हजार वर्ष पूर्व देश के पश्चिम में स्थापित मठ द्वारिका शारदा पीठ के शंकराचार्य स्वरूपानंद सरस्वती ने पलवल में आयोजित धर्मसभा में कहा कि देश की शीर्ष अदालतें धर्म की उपेक्षा करके धर्म को बिगाड़ने का काम कर रही हैं। सरकारों का काम मन्दिर-मस्जिद निर्माण करने का नही होता है क्योंकि सरकारें बनते ही धर्म निरपेक्ष हो जाती हैं। अयोध्या में भगवान श्रीराम जन्म स्थान पर मंदिर निर्माण के लिए नाटक ज्यादा हो रहा है और हकीकत दिखाई नही दे रही। उन्होंने कहा कि उस स्थान पर मस्जिद थी ही नही बाबरी मस्जिद का नाम देकर इसका हौवा खड़ा किया गया था।  

पलवल के महाराणा प्रताप भवन में द्वारिका शारदा मठ(पीठ) के शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती का भव्य रीती से स्वागत किया गया। यहां पर आयोजित धर्मसभा को सम्बोधित करते हुए शंकराचार्य स्वरूपानंद सरस्वती ने धर्मं की व्याख्या करते हुए मनुष्य को सभी प्राणियों में श्रेष्ठ होने का कारण बताया। उन्होंने कहा कि देश में व्याप्त जातिगत भेदभाव पर अपनी टिप्पणी करते हुये कहा कि हमें जाति की बजाय देखना चाहिए कि उसके अंदर देश भक्ति कितनी है। उन्होंने केरल के सबरीमला मन्दिर पर आये सुप्रीम कोर्ट के निर्णय पर चिंता व्यक्त की। उन्होंने कहा कि अदालतें जो कर रही हैं वह धर्म-शास्त्रों के विरुद्ध जाकर कर रही हैं। 
       

Rakhi Yadav