रोडवेज कर्मियों के द्वारा आंदोलन करने के ऐलान पर परिवहन मंत्री का बयान

12/4/2018 7:37:13 PM

चंडीगढ़(धरणी): हरियाणा रोडवेज कर्मचारी यूनियनस एकबार फिर से आंदोलन की रणनीति बनाता नजर आ रहा है। इस आंदोलन को लेकर हरियाणा के परिवहन मंत्री कृष्ण पवार का कहना है कि मामला हाईकोर्ट में विचाराधीन है। पिछला आंदोलन भी हाईकोर्ट की दखल के बाद खत्म हुआ था। अब भी अगर प्रदर्शन होता है तो हाई कोर्ट ही संज्ञान लेगा।

वहीं पंवार का कहना था कि सरकार आंदोलन को लेकर कोई तानाशाही रवैया इख्तयार नहीं कर रही है, पहला आंदोलन केवल 700 बसों के विरोध में था उनका आरोप था कि हम प्राइवेटाइजेशन कर रहे हैं लेकिन उस बस पर कंट्रोल हमारे जीएम का है। वैसे भी परिवहन विभाग की बस का 49 से 51 रुपये प्रतिकिलो मीटर खर्च आता है लेकिन एल 1 स्कीम में यह खर्च 31 रुपये से 37 रुपये तक खर्च आएगा।

ड्राइवरों को नौकरी से निकालने के मुद्दे पर उन्होंने कहा कि हमने 2016 में 412 ड्राइवर एडहॉक पर रखे थे, इनका वर्क टर्न एक साल के लिये था, लेकिन ड्राइवरों की कमी के कारण इसे एक साल और एक्सटेंट किया गया था, अब हमारे पास करीब 1600 के ड्राइवर ज्वाईन कर चुके हैं, जिसके चलते फरीदाबाद डिपो से ड्राइवरों को बर्खास्त किया है।

वहीं ओवरटाइम सिस्टम खत्म करने को लेकर उन्होंने बताया कि यह 2002 में अतीत की सरकार ने पॉलिसी बनाई थी कि ड्राइवर एक सप्ताह में केवल 48 घंटे ही सेवाएं देगा, हम उसी को लागू कर रहे हैं। इससे अबतक कोई लांग रूट बंद नहीं हुआ। हरसाल हम 300 करोड़ के करीब ओवर टाइम देते थे, लेकिन ऐसा नहीं है कि इस सिस्टम के शुरू होने से ड्राइवर आधे सफर से गाड़ी वापिस ले आएगा, उसे गाड़ी निर्धारित स्थान पर पहुंचानी होगी। अगर कोई ड्राइवर आधे रूट से बस वापिस लाता है तो उसके खिलाफ कड़ी कार्यवाई की जाएगी।

Shivam