नेशनल हाइवे पर हुआ सड़क हादसा, पेड़ से टकराया रेत से लदा ट्रॉला, चालक की मौत

11/8/2019 11:26:55 AM

फिरोजपुरझिरका (ब्यूरो) : गुरुग्राम-अलवर नेशनल हाइवे पर एक बार फिर से सड़क हादसा हो गया। गांव पटपड़बास के नजदीक हुए हादसे में ट्रॉला चालक की दर्दनाक मौत हो गई। इस दुर्घटना में सहचालक भी घायल हुआ है। दरअसल हादसा ट्रॉला के अचानक अनियंत्रित हो जाने की वजह से हुआ। यहां ट्रॉला पेड़ों में जा घुसा। हादसे के समय गाडी की स्पीड इतनी तेज थी कि उसकी टक्कर से चार से पांच पेड़ टूट गए।

इस दुर्घटना की आवाज काफी दूर तक सुनाई दी। जिसे सुनकर आसपास के लोग दुर्घटनास्थल पर पहुंच गए। लोगों ने यहां कड़ी मशक्कत के बाद गाडी चालक व मृतक को बाहर निकाल लिया। हादसा सुबह करीब सात बजे हुआ। जानकारी के अनुसार सुबह करीब सात बजे खनिज सामग्री से भरा एक ट्रॉला फिरोजपुर झिरका की तरफ आ रहा था। इसी बीच ट्रॉला जैसे ही गांव पटपड़बास के नजदीक पहुंचा तो अचानक ट्रॉला चालक के संतुलन से बाहर होकर हाइवे किनारे खड़े पेडों में जा टकराया।

दुर्घटना के दौरान ट्रॉला के परखच्चे उड़ गए। इसमें मुख्य चालक जो बगल वाली सीट पर बैठा था की मौके पर ही मृत्यु हो गई। जबकि सहचालक जो गाड़ी चला रहा था उसे गंभीर चोटें आई। हादसा इतना भयानक था कि इसे देखने वालों की रूख कांप उठी। जांच अधिकारी दयाचंद ने बताया कि हकमूदीन उर्फ हक्कू (44) की उक्त दुर्घटना में मृत्यु हुई है जबकि अबरारा (20) इसमें घायल हुआ है। उपरोक्त संदर्भ में पुलिस द्वारा मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी गई है। 

वहीं अगर उपरोक्त हाइवे पर हादसों की बात करें तो बीते 5-6 दिनों यह 10 वीं दुर्घटना है। इसमें तीन लोगों की जान जा चुकी है जबकि 12 लोग गंभीर रूप से घायल हुए हैं। उक्त हाइवे पर बढ़ते हादसों को लेकर क्षेत्र के लोग इसे अब खूनी हाइवे कहने लगे हैं। इस सड़क पर पिछले पांच सालों में हुए हादसों पर अगर गौर करें तो वो आंकडे वाकई चौंकाने वाले हैं। वैसे दिन प्रतिदन उक्त हाइवे पर होते हादसों के पीछे कारण भी साफ नजर आ रहा है।

दरअसल उक्त सिंगल रूट हाइवे पर वाहनों का अधिक दबाव है। इसपर गुरुग्राम और अलवर के बीच प्रतिदिन हजारों की संख्या में वाहन गुजरते हैं। ओवरलोड और डग्गामार वाहन यहां बड़ी समस्या है। ऐसे में हादसे रूक नहीं पा रहे हैं। हालाकि प्रशासन व पुलिस बड़े स्तर जिले में समय समय पर ट्रैफिक नियमों को लेकर अभियान चलाते हैं लेकिन उसके बावजूद भी यहां दुर्घटनाएं कम होने का नाम नहीं ले रही हैं।       

Isha