अविश्वास प्रस्ताव के बाद सामने आ जाएगी किसानों के साथ होने के दावे करने वाले विधायकों की सच्चाई: राव दान सिंह

3/7/2021 6:20:27 PM

चंडीगढ़ (धरणी): सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव को लेकर सत्तारूढ़ पक्ष पूरी तरह से संतुष्ट और वे चिंतित नजर आ रहा है। वहीं विपक्ष में बैठी कांग्रेस अपने फैसले पर अडिग नजर आ रही है। आज पंजाब केसरी ने कांग्रेसी विधायक राव दान सिंह से बातचीत की, जिसमें उन्होंने कहा कि उनका अविश्वास प्रस्ताव सदन में न केवल टिकेगा, बल्कि बहुत से विधायकों की सच्चाई भी जनता दरबार में सामने आ पाएंगी, क्योंकि बहुत से विधायक किसानों में जाकर उनके साथ होने के दावे करते हैं, जबकि चंडीगढ़ में आकर वह सरकार के फैसलों का गुणगान करते हैं। ऐसे विधायकों के असली चेहरे सबके सामने आ जाएंगे।

राव दान सिंह ने कहा कि आज कानून व्यवस्था प्रदेश में चरमराई हुई है। महंगाई आसमान को छू रही है। 100 दिन से हमारे अन्नदाता आंदोलनरत हैं, लेकिन देश-प्रदेश की सरकारें इस पर कोई संज्ञान नहीं ले रही। राजनीतिक व्यवस्था पूरे प्रदेश में फैली है। कई विधायकों ने जहां अपना समर्थन इस सरकार से वापस लिया। वहीं एक विधायक ने तो कानूनों के विरोध में इस्तीफा तक दे दिया। इन परिस्थितियों को देखते हुए कांग्रेस के लिए जरूरी था कि सदन के पटल पर सच्चाई क्या है इसे रखें। 10 तारीख को डिस्कशन के बाद यह साफ हो जाएगा कि कौन किसानों के हक में और कौन हितों के खिलाफ है।

सिंह ने कहा कि यह सत्ता में बैठे लोग किसान को और आमजन को बरगलाने में लगे हैं कि यह राष्ट्रीय सरकार का मुद्दा है, हमने एपीएमसी में इस मुद्दे को रखा था और प्रावधान भी कर चुके हैं और अभी यह प्रावधान चाहते हैं कि कोई भी व्यक्ति एमएसपी से कम खरीद या बेच करता है तो वह गैरकानूनी होगा और इसमें सजा का प्रावधान हम चाहते हैं। सत्ता पक्ष ने इस मामले को कोर्ट में विचाराधीन और सुप्रीम कोर्ट के स्टे की बात कहकर इसे खारिज कर दिया, जबकि ऐसा बिल्कुल नहीं है।सता पक्ष ने अगली तारीख तक इस पर सुनवाई की बात टाल दी है।

साथ ही राव ने 75 फ़ीसदी के कानून पर भी सवाल खड़े करते हुए कहा कि सरकार द्वारा स्थाई निवास प्रमाण पत्र में 15 साल की कंडीशन को घटाकर 5 साल करने से प्रदेश के आरक्षित लोगों को भारी नुकसान होगा, जो व्यक्ति हमारे प्रदेश में 5 साल पढऩे के लिए आएगा या सर्विस करेगा। वह भी यहां का स्थाई निवासी हो जाएगा, जिससे हरियाणा के लोगों को भारी नुकसान नौकरियों के चलते होगा। यह 75 फीसदी वाला यह कानून केवल और केवल को भ्रमित करने के लिए पारित किया गया कानून है।
 

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Content Writer

Shivam