पर्यावरण बचाने को पुलिस जवानों ने किया ऐसा काम कि हर कोई कर रहा सलाम, सैलरी पर लिया है लोन

9/20/2021 1:26:02 PM

सोनीपत (पवन राठी): पर्यावरण को बचाने के लिए पुलिस के दो जवानों ने बीड़ा उठाया है। उनके इस जज्बे को हर कोई सलाम कर रहा है। इन दोनों जवानों को ट्री मैन का खिताब दे रखा है। चंडीगढ़ पुलिस के कांस्टेबल देवेंद्र सूरा और हरियाणा पुलिस में एएसआई पवन कुमार अब तक हरियाणा के कई जिलों में 10 लाख से ज्यादा पेड़ लगा चुके हैं और 50 हजार के करीब पौधों की नर्सरी भी तैयार कर ली है वो भी खुद के पैसों से। इन दोनों जवानों ने सैलरी पर लोन लेकर ये सब किया है, ताकि पर्यावरण को बचाया जा सके। 



बता दें कि चंडीगढ़ पुलिस में बतौर कांस्टेबल तैनात देवेंद्र सूरा साल 2011 से सोनीपत में पौधा रोपण कर रहे हैं। देवेंद्र ने बताय कि जब वह चंडीगढ़ पुलिस में भर्ती हुए तो चंडीगढ़ की हरियाली देखकर बहुत प्रभावित हुए और सोनीपत को हराभरा बनाने का बीड़ा उठाया। देवेंद्र अब तक अपने प्रयास से डेढ़ लाख के करीब पौधे लगा चुके हैं। वह कभी साइकिल पर तो कभी बैल गाड़ी में पौधे रखकर गांवों में जाते है और लोगों को पौधरोपण के लिए प्रेरित करते।  



देवेंद्र ने बताया कि वह अपनी सैलरी से पौधे लगाते हैं। उन्होंने लोन भी ले रखा है जिससे 50 हजार पौधों की नर्सरी तैयार की है। अब तक देवेंद्र सूरा और उसकी टीम हरियाणा के विभिन्न जिलों में 15 ऑक्सीजन बाग भी लगा चुकी हैं। 10 हजार से ज्यादा युवा देवेंद्र सूरा और पवन की टीम का हिस्सा बन चुके हैं। 



वहीं हरियाणा पुलिस में अस्सिटेंट सब इंस्पेक्टर पवन कुमार भी पिछले कई सालों से इसी मुहिम का हिस्सा हैं और लगातार लोगों को पेड़ लगाने के लिए प्रेरित कर रहे हैं। पवन कुमार ने बताया कि सोनीपतपुलिस लाइन में उन्होंने 3 हजार पेड़ लगाकर शुरुवात की थी और अब तक 10 हजार पेड़ अपने खर्च से लगाए हैं। उन्होंने कहा कि कई बार उनके सामने पैसे की समस्या आती है अगर सरकार उनकी मदद करे तो इस मुहिम को तेजी से आगे बढ़ाया जा सकता है जो पर्यावरण को बचाने में अहम योगदान होगा। पवन कुमार ने बताया कि वह अपनी तनख्वाह का 20% हिस्सा केवल पर्यावरण को बचाने के लिए पेड़ लगाने में लगाते हैं।  



देवेंद्र सूरा ने बताया कि चंडीगढ़ पुलिस के आला अधिकारी भी उनकी इस मुहिम से जुड़े हैं और उसे हर संभव मदद कर रहे हैं। उन्होंने बताया कि कोरोना काल में जिस तरह से देश में ऑक्सीजन की भारी किल्लत देखने को मिली उसका मुख्य कारण पेड़ों का काटे जाना था। देवेंद्र और उनकी टीम अभी केवल वह पेड़ लगा रहे हैं जिन पर पशु पक्षी ज्यादा निर्भर हैं और जो ज्यादा ऑक्सीजन देते हैं। 

 

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Content Writer

vinod kumar