केंद्रीय मंत्री बीरेंद्र सिंह को रोशन लाल आर्य की नसीहत

punjabkesari.in Friday, Feb 03, 2017 - 04:51 PM (IST)

कुरुक्षेत्र (खुंगर):जाटों के आंदोलन के संबंध में केंद्रीय मंत्री बीरेंद्र के बयान पर भी आपत्ति दर्ज करवाते हुए उनको कुरुक्षेत्र में हरियाणा बीज निगम के पूर्व चेयरमैन तथा राष्ट्रीय लोकतंत्र मंच के राष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष रोशन लाल आर्य ने नसीहत दी है कि वह पद त्याग कर जाटों के साथ आंदोलन में बैठें। आर्य ने कुरुक्षेत्र में सांसद राजकुमार सैनी के निवास स्थान पर पत्रकारवार्ता में आरोप लगाया कि राज्यभर में जो जाट धरने पर बैठे हैं, उन पर सीधे हाईकोर्ट की अवमानना का मामला बनता है। जाटों को 5 जातियों बिश्नोई, रोड़, त्यागी इत्यादि की भांति पीछे हट जाना चाहिए, जब तक कोर्ट का फैसला नहीं आ जाता। उन्होंने कहा कि पांचों जातियों ने कोर्ट की बात को माना है। केवल जाट ऐसे हैं जो कोर्ट की बात न मानकर अपनी बात को सड़कों पर मनवाना चाहते हैं। जाट अब मामलों को सड़कों पर तय करना चाहते हैं। यह सीधे लोकतंत्र के विरुद्ध है। 

ऐसे पता नहीं कोर्ट में कितने मामले पैंडिग हैं। इस तरह तो वह लोग भी कोर्ट की बात न मानकर फैसले सड़कों पर लेने लगेंगे। बीरेंद्र सिंह को जो पद 40 सालों में कांग्रेस ने नहीं दिया, वह भाजपा ने उन्हें कुछ ही समय में दे दिया। बीरेंद्र सिंह सब कुछ प्राप्त कर भी वातावरण बिगाडऩा चाहते हैं। उन्होंने जाटों से अपील की कि कोर्ट से ऊपर होने का प्रयास न करें। जाटों को कोर्ट के फैसले की प्रतीक्षा करनी चाहिए। उन्होंने कहा कि सरकार ऐसे लोगों को नौकरी न दे जिन्होंने मार-काट में हिस्सा लिया था। सरकार अगर ऐसे लोगों को नौकरियां देती है तो ऐसा करने से प्रदेश में अपराध को उद्योग का दर्जा मिलेगा। 

ऐसा करने से हरियाणा में अपराधों की नर्सरी बनेगी और लोग मार-काट की ट्रेनिंग देंगे। जाटों द्वारा सांसद सैनी और आर्य की जुबान पर रोक लगाने की बात का जवाब देते हुए उन्होंने कहा कि वे अपनी बात तो कर ही नहीं रहे। वह तो केवल कोर्ट की बात कर रहे हैं। जाट केवल उन पर आरोप लगाकर इस माध्यम से कोर्ट पर दबाव बनाना चाहते हैं। उन्होंने कहा कि सांसद सैनी और आर्य का जाटों से कोई झगड़ा नहीं है। वह लोग तो यह कह रहे हैं कि लोकतंत्र में सभी को बराबर का अधिकार मिलना चाहिए। कानून सभी के लिए एक है। इस अवसर पर राष्ट्रीय लोकतंत्र मंच के कई पदाधिकारी तथा कार्यकत्र्ता मौजूद थे।
 


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