बजट सत्र: ब्राह्मणों से दान की जमीन वापस लेने के मुद्दे पर हंगामा, कुलदीप ने बांटे पर्चे(VIDEO)
3/4/2020 3:11:51 PM
चंडीगढ़(धरणी): हरियाण विधानसभा के बजट सत्र के आखिर दिन बुधवार को ब्राह्मणों, धौलदार, भूंडीदार, भूमिहार सहित अन्य लोगों से धौलीदार (दान की गई जमीन) की जमीन वापस लेने के मामले पर एक बार फिर जमकर हंगामा हुआ। दान की जमीन वापसी के मुद्दे पर कांग्रेस विधायक कुलदीप वत्स पर्चे लेकर विधानसभा में पहुंच गए।
इन पर लिखा है क्या आप गरीबों के हक के लिए उनके साथ खड़े हैं ? कुलदीप वत्स ने मंगलवार को भी सदन से वाक आउट कर विधानसभा के अंदर ही गांधी प्रतिमा के सामने इस मुद्दे पर धरना दिया था। इसके साथ ही अब इन पर्चों को कुलदीप वत्स विधानसभा के बाहर आ रहे सभी दलों के विधायकों को बांटकर इस मुद्दे पर मदद के लिए अपील की थी।
एक दिन पहले विधानसभा के अंदर उठाया था मामला
गौरतलब है कि हरियाणा सरकार ने कहा कि ब्राह्मणों को दान में दी गई पंचायती भूमि का मालिकाना हक न देने की बात कही थी और कहा था कि ऐसी जमीन की रजिस्ट्री नहीं होगी। इस पर विधायक कुलदीप वत्स मंगलवार को धौली की जमीन का मामला उठाते हुए विधानसभा की वेल में पहुंच गए थे। स्पीकर के एतराज जताने के बाद विधानसभा परिसर में महात्मा गांधी की प्रतिमा के सामने धरने पर बैठे। थोड़ी देर बाद नेता प्रतिपक्ष भूपेंद्र सिंह हुड्डा व विधायक बीबी बतरा भी कुछ देर के लिए उनके पास बैठे थे। इससे पहले वत्स-हुड्डा और डिप्टी सीएम दुष्यंत चौटाला के बीच खूब बहस हुई थी।
ये बोले दुष्यंत चौटाला
दुष्यंत चौटाला ने कहा कि धौली का मतलब दान दी गई जमीन है। 920 एकड़ के आसपास की जमीन को लोगों ने जमीन दान दे रखी है। 2011 के बाद 1200 एकड़ के आसपास पंचायत की जमीन को धौली में दिखाया गया है। मैं तो बारी-बारी विधायक और नेता प्रतिपक्ष भूपेंद्र सिंह हुड्डा से आग्रह कर चुका हूं कि वे विधानसभा में जांच की मांग करें। मैं उनके चहेते अधिकारियों से इस मामले की जांच करवा देता हूं।
सरकार किसी भी व्यक्ति की दान दी गई जमीन को वापिस नहीं ले रही। लेकिन कांग्रेस के राज में बिल कुछ आया, नियम कुछ बने। विपक्ष जो सवाल उठा रहा है, उसको लेकर विधानसभा में जवाब दे चुका हूं। इससे पहले दुष्यंत चौटाला विधानसभा में भी भूपेंद्र सिंह हुड्डा पर सीधा आरोप लगाया था कि आपने चहेतों को फायदा पहुंचाने के लिए यह नियम बनाया था। उप-मुख्यमंत्री ने सदन में धौलीदार की परिभाषा पढ़कर बताई थी और कहा कि इस परंपरा के तहत मृत्युु शैया पर कोई व्यक्ति अपनी निजी जमीन ही ब्राह्मणों को दान कर सकता था।