103 वर्ष की उम्र में भी पूरी तरह स्वस्थ्य हैं हिन्दी रक्षा आंदोलन के सदस्य वैद्य राम लाल
punjabkesari.in Saturday, Mar 27, 2021 - 01:44 PM (IST)

यमुनानगर (सुरेंद्र मेहता): हरियाणा के यमुनानगर के प्रेम नगर निवासी वैद्य राम लाल 103 वर्ष की आयु का लंबा सफर तय करने के बावजूद पूर्णत: स्वस्थ्य है। जीवन के इस लंबे सफर के दौरान वे जहां पिछले 90 वर्ष से अधिक समय से आयुर्वेदिक चिकित्सा पद्घति से लोगों की सेवा कर रहे हैं। उन्होंने 1957 में हिन्दी भाषा की रक्षा के लिए चलाए गए हिन्दी रक्षा आंदोलन में भी सक्रिय भूमिका अदा की है। हिंदी भाषा के लिए उनके इस योगदान को देखते हुए मुख्यमंत्री मनोहर लाल के निर्णय के तहत राज्य सरकार द्वारा उन्हें सूचना, जन सम्पर्क एवं भाषा विभाग के माध्यम से 10 हजार रूपये मासिक पेंशन दी जा रही है।
जिला के 9 अन्य राष्ट्र भक्तों को भी हिन्दी भाषा की रक्षा के लिए इस आंदोलन में सहयोग करने पर इस पेंशन का लाभ दिया जा रहा है। वैद्य राम लाल 103 वर्ष की आयु में न केवल अच्छी प्रकार से चलते-फिरते हैं और अपनी दैनिक क्रिया सामान्य व्यक्ति की तरह करते हैं, बल्कि जिला सूचना एवं जन संपर्क अधिकारी कार्यालय में प्रति वर्ष अपना जीवन प्रमाण पत्र देने के लिए भी स्वयं व्यक्तिगत रूप से उपस्थित होते हैं। उन्होंने मीडिया सेंटर में उपस्थित पत्रकारों के साथ हिंदी रक्षा आंदोलन से जुड़े अनेकों संस्मरण सांझा किए।
उन्होंने कहा कि 30 अप्रैल 1957 में आरंभ हुआ हिन्दी आंदोलन 27 दिसम्बर 1957 तक जारी रहा था। इस आंदोलन में हिन्दी भाषा की रक्षा के लिए हरियाणा के अनेकों जागरूक नागरिकों ने अपना सहयोग दिया और आंदोलन के दौरान उन्हें कई बार उनके स्वयं के घर पर व सरकारी विश्राम गृह में नजरबंद भी रखा गया। उन्होंने पेंशन के रूप में हरियाणा सरकार द्वारा दिए जा रहे सम्मान का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने उनके आंदोनल के सहयोग को उचित सम्मान दिया है। वैद्य राम लाल ने मीडिया से बातचीत करते हुए अपने अनुभव सांझा किए।
यमुनानगर के जिला सूचना एवं जन सम्पर्क अधिकारी हरदीप सिंह ने बताया कि वैद्य राम लाल इतनी आयु में अपनी सेहत का विशेष ध्यान रखते हैं। उन्हें हिन्दी भाषा के लिए उनके योगदान को देखते हुए मुख्यमंत्री मनोहर लाल के निर्णय के तहत राज्य सरकार द्वारा उन्हें सूचना, जन सम्पर्क एवं भाषा विभाग के माध्यम से 10 हजार रूपये मासिक पेंशन दी जा रही है। जिला के 9 अन्य राष्ट्र भक्तों को भी हिन्दी भाषा की रक्षा के लिए इस आंदोलन में सहयोग करने पर इस पेंशन का लाभ दिया जा रहा है।
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