अंतरराष्ट्रीय स्तर के खिलाड़ी रहने के बावजूद खेल मंत्री संदीप सिंह हमारी उम्मीदों पर खरा नहीं उतर पाए: वरुण

8/17/2021 8:13:10 PM

चंडीगढ़ (धरणी): हरियाणा में बढ़ रहे नशे के प्रचलन को रोकने के लिए जहां सरकार अपने द्वारा किए गए कामों पर अपने ही पीठ थपथपा रही है। वहीं विपक्ष इनकी इस नीति पर ही उंगली उठा रहा है। आज कांग्रेस के युवा विधायक वरुण मुलाना ने कहा कि हरियाणा प्रदेश की सीमाएं कई राज्यों से लगी हुई है और लगातार प्रदेश में नौजवान नशे के जाल में फंसते जा रहे हैं। सिंथेटिक नशों का कारोबार काफी बड़ा है। लेकिन सरकार मानने को तैयार ही नहीं है। अगर किसी परेशानी को समस्या मानेगी ही नहीं तो समाधान आखिर कैसे निकलेगा ? उन्होंने कहा कि इसका सबसे पहला समाधान है कि हर हाथ को काम मिलना चाहिए। लेकिन सरकार इस काम में पूरी तरह से विफल साबित हुई है। उन्होंने कहा कि आज गरीब आदमी को पेट भरना भी मुश्किल हो गया है। गैस सिलेंडर, पेट्रोल, डीजल, सरसों का तेल समेत घर में उपयोग होने वाली हर चीज के भाव आसमान छू रहे हैं। न तो हाथ को काम है, शिक्षा का स्तर बेहद गिर चुका है, रोजगार है नहीं और नशे में लगातार बढ़ोतरी होती जा रही है।

वरुण मुलाना ने कहा कि मैंने इस बार भी सवाल लगाया है कि ग्रामीण आंचल में खेलों को बढ़ावा देने के लिए क्या कार्यक्रम चलाया जा रहा है। पहले भी मैंने एक सुझाव दिया था कि खेल ब्लॉक स्तर के साथ-साथ कभी-कभी ग्राम स्तर पर करवाए जाएं। ताकि प्रतिभा खुलकर सामने आए। वरुण मौलाना ने इस बात पर खेल मंत्री पर कटाक्ष करते हुए कहा कि प्रदेश के खेल मंत्री संदीप सिंह खुद अंतरराष्ट्रीय स्तर के खिलाड़ी रह चुके हैं। जिसके चलते उनसे काफी उम्मीदें थी। लेकिन वह हमारी उम्मीदों पर खरा नहीं उतर पाए।

वरुण मुलाना ने जल्द ही कार्यकारिणी बनने के भी संकेत देते हुए कहा कि हम सबने नेतृत्व से मांग की है कि जल्द ही प्रदेश, जिला और ब्लॉक स्तर पर कार्यकारिणी का गठन किया जाए। जिस पर नेतृत्व ने भी सहमति जताई है। उन्होंने कहा कि दिल्ली में जो विधायक इकट्ठे हुए थे, वह किसी के खिलाफ नहीं बल्कि किसी बात को लेकर हुए थे। प्रदेश का एक-एक कांग्रेस का कार्यकर्ता-नेता कांग्रेस की छतरी के नीचे मजबूती से एक होकर खड़ा है।

वरुण मुलाना ने कहा कि मैंने पिछली बार भी किसानों को नलकूप कनेक्शन न मिल पाने की आवाज उठाई थी। कुछ किसानों ने 6-6 साल से कनेक्शन अप्लाई कर रखे हैं। एक तरफ सरकार 2022 तक किसानों की आय को दोगुना करने की बात करती है। लेकिन यह केवल और केवल बात ही करते हैं। इस बार भी मैंने ध्यानाकर्षण प्रस्ताव लगाया है। साथ ही मैंने पाठशालाओं में पहली से आठवीं तक शिक्षा ग्रहण करने वाले बच्चों को इस बार पुस्तके नहीं मिल पाने पर भी ध्यानाकर्षण प्रस्ताव लगाया है। 

आज प्रदेश के सरकारी स्कूलों में बच्चों की संख्या पहले से कहीं अधिक हुई है। लेकिन सरकार पुस्तकों की जगह पैसे देने की बात कर रही है। जबकि बाजार में पुस्तकें उपलब्ध ही नहीं है। इसके साथ-साथ मैंने एक और ध्यानाकर्षण प्रस्ताव लगाया है जोकि 2008 में नई पेंशन स्कीम के बाद जो भी कर्मचारी सेवानिवृत्त हुए उनकी पेंशन में न तो सालाना कोई बढ़ोतरी होती है और ना ही कर्मचारियों के स्वर्गवास के बाद उनके परिवार को कोई लाभ मिल पाता है। इन कर्मचारियों को बुजुर्ग सम्मान भत्ता से भी कम पेंशन दी जा रही है। इसके लिए ही मैंने ध्यानाकर्षण प्रस्ताव लाया है।

उन्होंने कहा इस बार कांग्रेस पार्टी किसान आंदोलन और पुलिस भर्ती पेपर लीक मामले पर भी सरकार को गिरेगी। आज हर वर्ग कर्मचारी हो, किसान हो, छोटा दुकानदार हो या मजदूर हर वर्ग सरकार से दुखी है। 28 बार पेपर लीक इस सरकार के दौरान हो चुके हैं। हम चाहते हैं कि सरकार युवाओं को रोजगार दे। उसके बाद प्रदेश की 90 फ़ीसदी समस्याओं का समाधान हो जाएगा। वरुण ने कहा कि मैंने अपने क्षेत्र की समस्याओं को लेकर मुख्यमंत्री से फोन पर कई बार बात की है। मेरे क्षेत्र में सरसों की खरीद का कोई भी केंद्र नहीं था। मैंने वह बनवाया। 
फसल बीमा अनिवार्य होने के दौरान मैंने यह भी बात रखी थी कि कंपनी का पूरे प्रदेश के ब्लॉक स्तर पर कोई भी दफ्तर नहीं है। मैंने सुझाव दिया था के कृषि केंद्र के दफ्तरों में ही इंश्योरेंस कंपनी के आदमियों को बिठाना चाहिए। मुख्यमंत्री द्वारा प्रदेश के हर विधानसभा में पांच-पांच करोड़ रुपए के कार्य करवाने की बात कही गई थी। लेकिन वह अभी तक रुके हुए हैं। मैंने इसके लिए भी सवाल लगाया हुआ है। मैंने 16 तारांकित प्रश्न लगाए हैं। यह सरकार सबका-साथ सबका विकास का दावा करती है। लेकिन समान विकास कहां हैं ? केवल नारों में ही समान विकास दिखाई देता है।

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Content Writer

vinod kumar