न्याय के लिए दर-दर भटक रही पीड़िता दम्पत्ति, रेवाड़ी पुलिस पर उठे सवालिया निशान (VIDEO)

3/24/2018 8:07:38 AM

रेवाड़ी(मोहिंदर भारती):  साढ़े 5 माह से भी अधिक समय बीतने के बाद भी रेवाड़ी पुलिस की जांच सत्ता के प्रभाव से आगे ही नहीं बढ़ पा रही। साढ़े 5 माह पूर्व अन्तर्जातीय विवाह करने वाले एक नवविवाहित युगल को रेवाड़ी के बस अड्डे पर निवस्त्र कर दिया गया। सिर्फ यह जानने के लिए की वह किस धर्म से सम्बंध रखता है। सरेआम बेइज्जत होने के बाद दम्पति न्याय के लिए गुहार लगा रहे है। 

वहीं,पुलिस प्रशासन के कानों में जू तक नहीं रेंग रही। यह दम्पति न्याय के लिए छोटे से लेकर बड़े अधिकारी की चौखट तक जा चुके है। लेकिन लगता है कि सत्ता के प्रभाव् के कारण पुलिस भी असहाय नजर आ रही है। हुआ यूं कि महेंद्रगढ़ जिले के एक गांव के रहने वाले युवक युवती ने प्रेम विवाह किया था। एक दिन वह नूंह से दवाई लेकर जैसे ही रेवाड़ी बस अड्डे पर पहुंचे तो वहा कई हिंदू सगंठनों से जुड़े लोग पहुंच गए। और उसे बस अड्डे पर ही बस के पीछे ले जाकर निवस्त्र कर यह पहचान की गई कि वह दोनों किस धर्म से सम्बंध रहते है। 

पीड़ित ने इसकी शिकायत पहले बस अड्डा चौकी पर की लेकिन उसकी सुनवाई नहीं होने पर सीएम विंडों पर लगाई। उसके बाद शिकायत बस अड्डा चौकी पहुंची लेकिन सत्ता के प्रभावशाली लोगों ने उनपर दवाव डालना शुरू कर दिया। जब यह मामला सुर्खियां बनने लगा तो रेवाड़ी एसपी ने तुरंत कार्रवाई ना करने पर चौकी प्रभारी को निलंबित कर दिया और जांच डीएसपी स्तर के अधिकारी को दे दी। 
 

वहां भी वहीं हुआ जो होना था। थाने पर हिंदू संगठनों के कई प्रभावशाली नेताओं ने पहुंच कर दम्पति पर फैसले का दवाव बनाना शुरू कर दिया लेकिन पीड़ित दम्पति टस से मस नहीं हुई। यहीं नहीं निवस्त्र करने वाली महिला की भी पहचान कर ली गई। उसके बाद पुलिस पहचान की गई महिला सहित अज्ञात लोगों के ख़िलाफ़ मामला जरूर दर्ज कर लिया गया लेकिन उसके बाद इसे ठंडे बस्ते में डाल दिया गया। इसके बाद दम्पति न्याय की गुहार करने के बाद छोटे से लेकर बड़े अधिकारी के पास जा चुके है। लेकिन उन्हें हर जगह बेबसी ही मिली।

न्याय के लिए जब वह डीएसपी के पास पहुंची तो उन्होंने टका सा जवाब दिया कि जहां जाना चाहो वहां जाओ कोई कार्रवाई नहीं होगी। इससे साफ़ पता लगता है कि रेवाड़ी पुलिस कितनी संवेदनशील है। अब साढ़े 5 माह से ज्यादा समय बीतने के बाद भी पुलिस यह पता नहीं लगा सकी की आखिर वो कौन लोग थे। जबकि एक की पहचान कर ली गई थी। 

इससे साफ पता चलता है कि पुलिस सत्ता के आगे बेबस है। छोटे-मोटे अपराधों में अपराधियों को रात को ही घर से दबोचने वाली पुलिस के हाथ आज तक उनके गिरेबान तक क्यों नहीं पहुंच सके। यही नहीं जिस चौकी प्रभारी को निलंबित किया गया था। उसे भी सत्ताधारियों ने इनाम देते हुए तुरन्त बहाल करवा दिया। ऐसे में आप समझ सकते है कि क्या पुलिस के हाथ उन तक पहुंच पाएंगे। यह तो आने वाला समय ही बताएगा। अब देखना यह होगा कि सुशासन देने वाली सरकार क्या इस दम्पति को न्याय दिला पायेगी या फिर न्याय पाने के लिए यह दम्पति यूं ही दर-दर भटकती रहेगी। 

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