विधानसभा क्षेत्र का लेखा-जोखा: एससी वर्ग के लिए आरक्षित है बवानीखेड़ा सीट

9/27/2019 7:52:07 PM

भिवानी(अशोक भारद्वाज): हरियाणा विधानसभा चुनाव का बिगुल बज चुका है। 21 अक्तूबर को प्रदेश के मतदाताओं को अपने मतदाधिकार का प्रयोग करने का मौका मिलेगा। आईए, अब बात करते है भिवानी जिला के बवानीखेड़ा विधानसभा क्षेत्र की। बवानीखेड़ा विधानसभा क्षेत्र में 3 लाख पांच हजार 89 मतदाता है, इनमें एक लाख 61 हजार 223 पुरूष मतदाता व एक लाख 43 हजार 161 महिला मतदाता शामिल हैं।

इन मतदाताओं को आने वाले 2019 के विधानसभा चुनाव में अपने मत डालने का अवसर मिलेगा। बवानीखेड़ा विधानसभा के राजनीतिक इतिहास की बात करें तो यहां से 2014 में भाजपा के विशंबर वाल्मिकी अपने प्रतिद्वंदी इनेलो उम्मीदवार दया भुरटाना को दो हजार 500 के लगभग मतों से हराकर विधायक बने। इससे पूर्व 2005 व 2009 में भी कांग्रेस के रामकिशन फौजी ने यह सीट जीती थी। 2002 में भी रामकिशन फौजी ही यहां से हरियाणा विकास पार्टी की टिकट पर विधायक बने थे।

1996 में जगन्नाथ हरियाणा विकास पार्टी की टिकट पर यहां से विधायक बने। 1991 में अमर सिंह हरियाणा विकास पार्टी से यहां से बिधायक बने। 1987 में जगन्नाथ लोकदल से यहां के विधायक बने। 15 साल तक 2000 से लेकर 2014 तक लगातार तीन बार रामकिशन फौजी ने यहां से जीत दर्ज की थी। जिन्हे चौ. बंसीलाल परिवार का हमेशा यहां से साथ मिला। 

इससे पूर्व भी 1991 व 1996 में हरियाणा विकास पार्टी के ही विधायक यहां से रहे, लेकिन हरियाणा बनने के बाद भाजपा के विशंबर वाल्मिकी ने पहली बार 2014 में यहां से सीट जीती। एक बार फिर से यह सीट भाजपा के लिए जिताऊ सीट साबित हो सकती है। क्योंकि मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने इस क्षेत्र के विकास कार्यो के लिए अच्छा खासा अनुदान दिया हुआ है तथा उन्होंने खुद इस हलके में पांच सालों के दौरान दर्जनों भर अपनी उपस्थिति दर्ज कराई है। 

गुप्त काल के समय की ईंटे व अन्य सामान भी मिलता

बवानीखेड़ा हलके इतिहास की बात करें तो यह लगभग 700 वर्ष पुराना है। यहां गुप्त काल के समय की ईंटे व अन्य सामान भी मिलते हैं। महंत बलिनाथ ने यहां सैंकड़ों वर्ष पहले यहां डेरा बनाया था। उन्ही के नाम से बवानीखेड़ा हलका बना। यह हलका एससी वर्ग के लिए आरक्षित है। इस हलके से लंबे समय से चौ. बंसीलाल से जुड़े लोग ही जीतते रहे है। 2014 के चुनाव में पहली बार भाजपा उम्मीवार ने यहां से जीत दर्ज की थी।

वर्तमान हालात की बात करें तो कांग्रेस व भाजपा में इस विधानसभा सीट से टक्कर होने की उम्मीद है। इस विधानसभा क्षेत्र की एक खास बात यह भी है कि बवानीखेड़ा विधानसभा भिवानी जिला में आता है, परंतु लोकसभा क्षेत्र के हिसाब से यह हिसार लोकसभा सीट का हिस्सा है। बवानीखेड़ा विधानसभा क्षेत्र से सबसे अधिक 26 प्रत्याशी 1991 के विधानसभा चुनाव में थे।

सबसे कम 2 उम्मीदवार 1972 में विधानसभा में चुनाव में थे। बवानीखेड़ा विधानसभ से सबसे अधिक मतदान 2005 में 75.80 प्रतिशत हुआ था। वही सबसे कम मतदान 1968 में 41.98 प्रतिशत हुआ। इस विधानसभा क्षेत्र में 55 के लगभग गांव आते हैं। बवानीखेड़ा कस्बा में 13 वार्ड है। 2019 के विधानसभा चुनाव में यहां 232 बूथ बनाए गए थे। 
 

Shivam