अधूरी जानकारी लेकर खबर प्रकाशित करने पर भड़के विज, बोले- जर्नलिज्म में एथिक्स मेंटेन रखने की है जरुरत

3/18/2023 5:53:35 PM

चंडीगढ़(चंद्रशेखर धरणी): स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज ने एक बार फिर से बेहद सुलझे हुए अंदाज में उनके द्वारा विधानसभा के बजट सत्र में हाजिर ना होने के कारणों और उनके बारे अधूरी जानकारियां होने के बावजूद एक समाचार पत्र में खबर के प्रकाशन को लेकर कड़ी नाराजगी व्यक्त की है। अनिल विज द्वारा बजट सत्र के पहले और दूसरे चरण में शामिल नहीं होने को लेकर हुए दुष्प्रचार से बाबा को गुस्सा आया है। मीडिया फ्रेंडली विज ने कहा जर्नलिज्म में एथिक्स मेंटेन रखने की जरूरत है।

 

बिना तथ्यों की जानकारी लिए बगैर ही खबर की गई प्रकाशित

 

प्रदेश के गृह मंत्री अनिल विज बेहद मीडिया फ्रेंडली समझे जाते हैं, लेकिन इस प्रकार की खबर छपने के बाद वह काफी नाराज दिखे। क्योंकि खबर में मीडिया के एथिक्स को कुचलते हुए हाइपोथेटिकल तरीके से बातें लिखी गई थी। विज से फोन पर या रूबरू होकर खबर के तथ्यों को लेकर कोई जानकारी नहीं ली गई थी। एक प्रमुख राष्ट्रीय समाचार पत्र में इस प्रकार से बिना तथ्यों बिना सच्चाई वाली खबर छपना कहीं ना कहीं पत्रकारिता की विश्वसनीयता पर भी सवाल खड़े करने वाला साबित हुआ है। विज ने कड़े शब्दों में समाचार प्रकाशन कहा है कि आधी अधूरी जानकारी के चलते अथवा विपक्षी दलों के हाथ की कठपुतली बनने की बजाय उनसे सच्चाई की मालूमात कर ली होती, तब शायद यह समाचार प्रकाशित न किया जाता।

 

छवि को ठेस पहुंचाने के लिए खबर की गई थी प्रकाशित: विज

 

दरअसल  एक समाचार पत्र में अनिल विज द्वारा बजट सत्र के पहले और दूसरे चरण में शामिल नहीं होने को लेकर कई प्रकार की संभावनाएं व्यक्त करने के नाम पर विज को लेकर अनर्गल और झूठी बातें छापी गई थी। समाचार संवाददाता ने समाचार को कुछ इस तरीके से प्रकाशित किया, जिससे अनिल विज की छवि को सीधे तौर पर ठेस पहुंच रही थी। इस खबर के माध्यम से मुख्यमंत्री और उनके बीच में मतभेद होने की बात पर मोहर लगाई जा रही थी। इस पर कड़ी नाराजगी व्यक्त करते हुए अनिल विज ने स्पष्ट किया कि शारीरिक स्वास्थ्य ठीक ना होने के चलते वह सत्र अटेंड नहीं कर पा रहे हैं। प्रकाशित हुई इस खबर को पढ़ने से यह बात तो क्लियर सामने आ रही थी कि संवाददाता खबर के माध्यम से यह साबित करना चाहता था कि अनिल विज स्वस्थ है, लेकिन राजनीतिक मतभेदों के कारण सत्र में शामिल नहीं हो रहे। जबकि अनिल विज ने अपने सिर पर हुई गांठ के कारणों, उससे लगातार बढ़ रही असहनीय पीड़ा, स्वास्थ्य विशेषज्ञों की इस गांठ के बारे में दी गई राय और हुए ऑपरेशन की पूरी जानकारी बड़े खुले रूप से इस नाराजगी व्यक्त करने वाले पत्र के माध्यम से दी है।

 

सिर के ऑपरेशन के विज बजट सत्र में नहीं हो पाए शामिल

 

अनिल विज ने इस पत्र में छात्र काल से लेकर 2014 में सरकार बनने तक के बीच पार्टी के लिए अपने संघर्ष के दौर को पूरी व्याख्या की है। उन्होंने 1991 में भाजपा और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ पर लगे प्रतिबंध के दौरान  हुए उन पर भयंकर लाठीचार्ज के कारण लगी सिर पर चोट से बनी गांठ के ऑपरेशन और टांके  खुलने की वजह से वह बजट सत्र में शामिल नहीं हो पाए। मौजूदा डीजीपी उस लाठीचार्ज के दौरान अंबाला में अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक के पद पर तैनात थे और उस दौरान अनिल विज पर भयंकर लाठीचार्ज हुआ था।

 

कई बार सरकार के आदेशों पर लाठीचार्ज के शिकार हुए विज

 

दरअसल अनिल विज भाजपा के संघर्ष के दौर में लगातार हर छोटे बड़े आंदोलन में बड़े आक्रामक रूप से सरकार के खिलाफ प्रदर्शनों में शामिल होते रहे हैं और कई बार सरकार के आदेशों पर लाठीचार्ज के भी शिकार अनिल विज हुए हैं। जिससे उनके सिर पर कोई लाठी के कारण गांठ बन गई थी। जिसका लगातार इलाज करवाने के बावजूद कोई समाधान ना होता देख चिकित्सकों ने उन्हें ऑपरेशन करवाने की सलाह दी थी। जोकि 17 फरवरी 2023 को पीजीआई चंडीगढ़ के मशहूर चिकित्सक डॉक्टर सुनील बाबा ने किया। ठीक इसके बाद 21 फरवरी को शुरू हुए बजट सत्र के पहले चरण में उपचाराधीन होने के कारण वह शामिल नहीं हो पाए थे। अनिल विज ने यह भी साफ किया कि कुछ ठीक होते ही नियमित गतिविधियां जैसे जनता की समस्याओं को समझते हुए जनता दरबार इत्यादि भी लगाना बेहद जरूरी था। जोकि अवश्य रात्रि 10 बजे तक भी चला। लेकिन जनता दरबार के अगले दिन ही अचानक किन्ही कारणों से इस ऑपरेशन के बाद सिर में लगे टांके खुल गए, जिसकी वीडियो भी अनिल विज ने सलंग्न की है। चिकित्सकों को 13 मार्च 2023 को सुबह 10 बजे फिर से टांके लगाने पड़े और उन्हें बेड रेस्ट की सलाह दी गई। जिस कारण से वह सत्र के दूसरे चरण  में भी भाग नहीं ले पाए।

                (हरियाणा की खबरें टेलीग्राम पर भी, बस यहां क्लिक करें या फिर टेलीग्राम पर Punjab Kesari Haryana सर्च करें।)     

 

 

 

 

Content Editor

Ajay Kumar Sharma