ग्रामीणों ने नहीं दिखाई शराब के ठेके बंद करने में रुचि, मिले बस 7 प्रस्ताव

1/1/2020 11:23:04 AM

डेस्क: हरियाणा सरकार के गांवों में ठेके बंद करने के प्रस्ताव पर ग्रामीणों ने ज्यादा रुचि नहीं दिखाई, क्योंकि आबकारी व कराधान विभाग तक केवल 7 प्रस्ताव ही पहुंचे हैं। आबकारी मुख्यालय ने सभी जिलों को 2 सप्ताह के भीतर रिपोर्ट भेजने के लिए कहा है। भाजपा-जजपा गठबंधन सरकार ने पहली कैबिनेट बैठक में उन गांवों में अगले सत्र से ठेके नहीं खोलने का फैसला लिया था जहां 10 फीसदी आबादी ग्राम सभा कर विरोध में प्रस्ताव पारित करेगी। हालांकि मुख्यालय तक बेशक 7 प्रस्ताव पहुंचे हैं, लेकिन कुछ दिन पहले डिप्टी सी.एम. दुष्यंत चौटाला ने कहा था कि अकेले जींद से 25 प्रस्ताव प्राप्त हुए हैं। 

यह भी कहा जा सकता है कि उनके पास शायद ठीक रिपोर्ट नहीं थी या फिर ग्राम सभाओं ने सही तरीके से प्रस्ताव नहीं भेजे तभी मुख्यालय तक पूरे प्रस्ताव नहीं पहुंचे। दुष्यंत ने महिलाओं से भी अनुरोध किया था कि फैसले को अमलीजामा पहनाने के लिए आगे आएं। सरकार ने जनता की सुविधा के लिए प्रस्ताव पारित करने की तिथि 30 नवम्बर से बढ़ाकर 31 दिसम्बर की थी।

मौजूदा सत्र में 304 पंचायतों ने शराब के ठेके न खोलने का दिया था प्रस्ताव
घोषणा के बाद भी जहां 7 प्रस्ताव मिले, वहीं 1 अप्रैल से इस वर्ष दौरान कुल 304 पंचायतों ने अपने अधिकार क्षेत्र में शराब के ठेके न खोलने संबंधी प्रस्ताव पारित कर आबकारी एवं कराधान विभाग को भेजा। इनमें से केवल 57 पंचायतों के प्रस्तावों पर ही विभाग ने स्वीकृति की मोहर लगाई। 48 पंचायतों द्वारा पारित प्रस्तावों में कई खामियों के चलते खारिज कर दिया गया। इसके अलावा 199 प्रस्ताव अधूरे थे  या तय समयसीमा के बाद दाखिल किए गए। हरियाणा में इस समय शराब के कुल 2259 ठेके हैं, जिनमें से 950 ग्रामीण अंचल तो 765 ग्रामीण-अर्बन की संयुक्त सीमा में चल रहे हैं।

Isha