किसान विरोधी नीतियों के खिलाफ ग्रामीण गांव को करेंगे बंद

12/10/2019 3:08:22 PM

रोहतक: हरियाणा के सभी प्रमुख किसान संगठनों ने मिलकर फैसला लिया है कि 8 जनवरी को पूरे प्रदेश में केंद्र और राज्य सरकार की कथित किसान विरोधी नीतियों के खिलाफ संपूर्ण गांव बंद किया जाएगा। यह फैसला अखिल भारतीय किसान संघर्ष समन्वय समिति की हरियाणा इकाई के सभी संगठनों की बैठक में लिया गया। हरियाणा बंद अखिल भारतीय स्तर पर किसान संगठनों द्वारा भारत ग्रामीण बंद के तहत किया जा रहा है। बंद की तैयारी के लिए 28 दिसंबर को हांसी में पूरे प्रदेश के किसान कार्यकर्ताओं की महापंचायत बुलाई गई है।

हरियाणा के 19 किसान संगठन इस मुहिम से पहले ही जुड़ चुके हैं। राष्ट्रीय समन्वय के प्रतिनिधियों योगेन्द्र यादव व इंद्रजीत सिंह ने बताया कि आज रोहतक में हुई समन्वय बैठक में यह तय किया गया कि अखिल भारतीय किसान संघर्ष समन्वय समिति द्वारा राष्ट्रीय स्तर पर स्वीकार किए गए घोषणापत्र में हरियाणा के किसानों की कुछ मांगों को भी जोड़ा जाना चाहिए। इनमें पराली जलाने के नाम पर किसानों की प्रताडऩा को बंद करना, फसल बेचने के लिए ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन की अनिवार्यता को समाप्त करना, फसल बीमा योजना में व्याप्त धांधलीबाजी को की जांच करना और ट्यूबवेल मोटर सब्सिडी को चुनिंदा कंपनियों तक सीमित करने की शर्त समाप्त करना शामिल है। 

सभी किसान संगठनों ने पराली जलाने पर किसानों के खिलाफ केस बनाने के खिलाफ चल रहे किसान आंदोलन का समर्थन किया और राज्य सरकार से मांग की की जो सरकार पराली का इस्तेमाल करने की वैकल्पिक व्यवस्था नहीं कर सकती वह कम से कम पराली जलाने के नाम पर किसानों को प्रताडि़त करना बंद करे। साथ ही प्रदेश में जगह-जगह भूमि अधिग्रहण के विरुद्ध चल रहे धरनों का समर्थन किया।

बैठक में आए संगठन
बैठक में राष्ट्रीय समन्वय के प्रतिनिधियों के साथ किसान संगठनों में अखिल भारतीय किसान सभा, हरियाणा किसान सभा, अखिल भारतीय किसान महासभा, ऑल इंडिया किसान मजदूर खेत संगठन, जम्हूरी किसान सभा, भारतीय किसान यूनियन (घासीराम नैन), जय किसान आंदोलन, अखिल हरियाणा एमएसपी संघर्ष समिति के प्रतिनिधियों प्रेम सिंह गहलावत, मंदीप सिंह, आजाद सिंह, राजेन्द्र सिंह, जियालाल, प्रीत सिंह, हंसराज राणा, प्रदीप धनखड़, अनूप सिंह, जयकरण, महेन्द्र सिंह आदि ने प्रमुख तौर भाग लिया।

Edited By

vinod kumar