हरियाणा के इस छोरे ने इंजीनियर की नौकरी छोड़ शुरू की मोती की खेती, कमा रहा लाखों रुपए

6/9/2017 12:50:04 PM

गुड़गांव:जब किसी में कुछ करने की चाह होती है तो वह छोटे कामों से भी अपनी पहचान बना लेते हैं। ऐसा ही कुछ गुड़गांव के फरूखनगर तहसील के गांव जमालपुर के रहने वाले विनोद कुमार ने कर दिखाया। विनोद ने इंजीनियर की नौकरी छोड़कर मोती की खेती शुरू की। जिससे वह 5 लाख रुपए सलाना कमा रहा है। इतना ही नहीं वह दूसरे किसानों को भी इस खेती का प्रशिक्षण दे रहा है। 

27 वर्षीय विनोद कुमार का कहना है कि उन्होंने वर्ष 2013 में मानेसर पॉलिटेक्निक से मैकेनिकल इंजीनियरिंग में डिप्लोमा किया। इसके बाद दो साल तक नौकरी की। उनके पिता भी किसान थे। प्राइवेट नौकरी के साथ थोड़ी रूचि खेती में भी थी। इंटरनेट पर खेती की नई-नई तकनीक के बारे में पढ़ते-पढ़ते मोती की खेती के बारे में पढ़ा। कुछ जानकारी इंटरनेट से जुटाई तो पता चला कि कम पैसे और कम जगह में यह काम किया जा सकता है। मोती की खेती का प्रशिक्षण देने वाला देश का एक मात्र संस्थान सेंट्रल इंस्टिट्यूट ऑफ फ्रेश वॉटर एक्वाकल्चर (सीफा) भुवनेश्वर से मई 2016 में एक सप्ताह का प्रशिक्षण लिया और 20 गुणा 10 फुट एरिया में 1 हजार सीप के साथ मोती की खेती शुरू कर दी। 

विनोद कुमार ने बताया कि यह खेती शुरू करने के लिए पानी के टैंक की जरूरत पड़ती है। मेरठ, अलीगढ़ व साउथ से 5 रुपए से 15 रुपए में सीप खरीदी जा सकती हैं। यह मछुआरों के पास मिलती है। इन सीप को 10 से 12 महीने तक पानी के टैंक में रखा जाता है। जब सीप का कलर सिल्वर हो जाता है तो मानो मोती तैयार हो गया है। पूरा सैटअप खड़ा करने में लगभग 60 हजार रुपए खर्च आ जाता है। इस खेती में सबसे अहम काम सीप की सर्जरी करना है। इसके लिए ही विशेष प्रशिक्षण लेना पड़ता है। सीप के अंदर दो मोती पैदा हो सकते हैं। जैसी आकृति उसके अंदर रखी जाती है वैसा ही मोती पैदा हो जाता है। वे भगवान गणेश, शिव, 786 आदि के मोती भी पैदा करते हैं। 

विनोद ने बताया कि मोती की कीमत उसकी क्वालिटी देकर तय की जाती है। एक मोती की कीमत 300 रुपए से शुरू होकर 1500 रुपए तक है। इसकी मार्केट सूरत, दिल्ली, मुंबई, हैदराबाद और कलकत्ता में है। वे वर्ष 2016 से ही अलग-अलग जगह अपने मोती भेजते हैं। एक बार माल जाने लगे तो खरीदार खुद संपर्क में रहते हैं। विदेशों में भी खासी मांग है लेकिन उसके लिए आपके पास पैदावार अधिक होनी चाहिए तभी एक्सपोर्ट का काम कर सकते हैं। वे खुद 2000 सीप के व्यवसाय से 5 लाख रुपए से ज्यादा की आमदनी ले रहे हैं। विनोद खुद भी किसानों को प्रशिक्षण देते हैं। किसान उनके पास इस खेती का प्रशिक्षण लेने के लिए आते हैं।