भाजपा की भ्रष्टाचार पर ‘जीरो टॉलरैंस’ नीति पर वायरल ऑडियो का प्रहार

3/12/2018 8:54:04 AM

अम्बाला(ब्यूरो): भाजपा की भ्रष्टाचार पर ‘जीरो टॉलरैंस’ की नीति पर वायरल हुए एक ऑडियो ने तीखा प्रहार करने का काम किया है। इससे पूर्व भी भाजपा के कुछ नेताओं के खिलाफ वायरल ऑडियो से आरोप लगते रहे हैं लेकिन सरकार इनकी सत्यता की जांच करवाने से बचती रही है। चुनाव करीब आने के कारण आने वाले समय में ऐसे ऑडियो भाजपा के लिए नुक्सान का सौदा साबित हो सकते हैं।

समालखा और गन्नौर नगर पालिकाओं में कुछ भाजपा पार्षदों के ऐसे ऑडियो वायरल हुए थे जिनमें रिश्वत मांगने के आरोप थे। सरकार की ओर से इन ऑडियो की कोई जांच नहीं करवाई गई। अब एक ऑडियो जमकर वायरल हो रहा है जिसमें चेयरमैन पद पर बैठा सी.एम. का एक करीबी काम के बदले 45 लाख रुपए की मांग कर रहा है। 

सरकार की ओर से इस ऑडियो की जांच करवाने का अभी तक कोई निर्णय नहीं लिया गया है। हो सकता है कि यह ऑडियो नकली हो लेकिन सरकार को अपनी पारदॢशता दिखाते हुए इसकी जांच करवानी चाहिए। अगर ऑडियो नकली निकलता है तो इससे भाजपा सरकार की भ्रष्टाचार के खिलाफ जीरो टॉलरैंस की नीति पर मोहर लग जाएगी। साथ ही विपक्ष को इसे मुद्दा बनाने का मौका भी नहीं मिलेगा। 

यहां उल्लेखनीय यह भी है कि जाट आरक्षण आंदोलन के दौरान कांग्रेसी नेता भूपेंद्र सिंह हुड्डा के करीबी प्रो. वीरेंद्र सिंह का एक ऑडियो वायरल हुआ था। उस ऑडियो में फोन पर प्रो. वीरेंद्र सिंह अपने जानने वालों को ङ्क्षहसा फहलाने के निर्देश दे रहे थे। सरकार ने ऑडियो की तत्काल जांच करवाई। ऑडियो सही पाया गया। सरकार ने केस दर्ज करवाने और प्रो. वीरेंद्र सिंह को गिरफ्तार करवाने में ज्यादा समय नहीं लगाया। 

अब जबकि भाजपा के ही चेयरमैन का ऑडियो वायरल हो रहा है तो सरकार इसकी जांच में देरी कर रही है। विपक्ष इसे मुद्दा बनाकर सरकार को घेरने का काम कर सकता है। अगर ऑडियो सही पाया जाता है तो इससे भाजपा को चुनावों में बड़ा नुक्सान हो सकता है। फिलहाल इस ऑडियो ने पार्टी की मुश्किलें बढ़ाने का काम कर दिया है।