पिछले 3 विधानसभा चुनावों में बदलता रहा प्रमुख दलों का वोट शेयर

6/17/2019 12:45:01 PM

जींद (जसमेर): प्रदेश में पिछले 3 विधानसभा चुनावों में प्रमुख दलों का वोट शेयर और उनका प्रभाव क्षेत्र बदलता रहा है। इस दौरान कांग्रेस का वोट शेयर लगातार कम होता गया तो इनैलो का वोट शेयर लगभग स्थिर सा रहा है। भाजपा का वोट शेयर 2005 के मुकाबले 2009 में कम हुआ तो 2014 में सैंसेक्स की तरह उछाल मारकर कांग्रेस व इनैलो से आगे निकल गया।

भाजपा 2014 में जी.टी. रोड बैल्ट के दम पर सत्ता में आई तो 2019 में भाजपा का प्रयास उस जाट लैंड में सेंध लगाने का है,जो पिछले विधानसभा चुनाव में इनैलो एवं कांग्रेस के साथ खड़ी थी। कांग्रेस का प्रयास इस बार भाजपा को जी.टी.रोड बैल्ट पर चुनौती देने का है वहीं जे.जे.पी.खुद को भाजपा और कांग्रेस के विकल्प के रूप में स्थापित करने में लगी हुई है। 

प्रदेश की राजनीति का मिजाज रोचक रहता है। 2005 से 2014 के 3 विधानसभा चुनावों में प्रदेश की राजनीति ने कई तरह की नई करवट ली। 2005 के विधानसभा चुनावों में कांग्रेस को जनता ने सिर आंखों पर बैठाया और भाजपा व इनैलो को नकार दिया। 2009 में जनता ने कांग्रेस को सत्ता तो दी,लेकिन इस चेतावनी के साथ कि उसने सही काम नहीं किया तो अगली बार मौका नहीं मिलेगा। कांग्रेस को केवल 40 सीटें मिली थीं और उसने जोड़-तोड़ करके सरकार बनाई थी। 

इनैलो को विपक्ष में बैठने का जनादेश था। भाजपा को प्रदेश की जनता ने 2005 व 2009 में इस लायक भी नहीं समझा था कि उसे विपक्षी दल के रूप में ही स्वीकार करती। 2014 के विधानसभा चुनाव आए तो प्रदेश की जनता ने कांग्रेस को विधानसभा में विपक्ष के नेता के लायक भी नहीं छोड़ा और भाजपा को पहली बार प्रदेश की सत्ता सौंप दी। इनैलो को फिर जनता ने मुख्य विपक्षी दल की भूमिका सौंपी।

Shivam