मतदान आज, जीतेगा कौन-किसकी होगी हार, फैसला वीरवार

1/28/2019 9:56:30 AM

जींद(संजय अरोड़ा): प्रदेश की राजनीतिक राजधानी जींद में हो रहे उपचुनाव ने पूरे सूबे की सियासत को सरगर्म कर दिया है। प्रचार और वोटों की अपील का दौर अब खत्म हो चुका है और आने वाले कुछ घंटों में ही मसलन सोमवार को जनता मतदान करके अपना फैसला भी वोटों के रूप में सुना देगी जबकि किसकी जीत होती है और किसकी हार इसका फैसला 31 जनवरी (वीरवार) को होगा। इस चुनाव को लेकर कयास बहुतेरे हैं लेकिन सभी राजनीतिक दलों के लिए मसला एक ही है जीत। चूंकि ये जीत-हार प्रदेश की राजनीति में बहुत कुछ साफ कर देगी। 

यही नहीं प्रदेश के राजनेताओं के साथ पर्यवेक्षकों की निगाहें भी जींद पर टिकी हुई हैं और उनके जहन में भी सवाल यही है कि क्या जींद राजनीतिक इतिहास के पन्नों पर नई इबारत लिखते हुए नए रिकार्ड कायम करेगा? इन कयासों और संभावनाओं पर बेशक 31 जनवरी को मतगणना के दिन विराम लग जाएगा लेकिन इसमें कोई दोराय नहीं है कि दिलचस्प और रोमांचक मोड़ लिए इस चुनाव में पसीना सभी का बहा है और प्रतिष्ठा भी दांव पर है।

परिणाम भले ही 31 को आएंगे मगर सोमवार को होने वाले मतदान के बाद कयासों व संभावनाओं के आंकलन का दौर अवश्य जोर पकड़ लेगा। मतदान पर भी राजनीतिक पर्यवेक्षकों की निगाह रहेगी, यदि जींद के पिछले 12 चुनावों पर निगाह दौड़ाई जाए तो साफ होता है कि इस सीट पर सर्वाधिक 76 प्रतिशत ही मतदान हुआ है। अब देखना ये होगा कि इस उपचुनाव में मतदान का यह रिकार्ड टूटता है अथवा नहीं। मतदान प्रतिशत पर भी खासतौर पर ग्रामीण व शहरी क्षेत्रों में होने वाला मतदान समीकरणों में काफी उतार-चढ़ाव ला सकता है।

मतदान के लिए 164 बूथ बनाए गए हैं और इन बूथों पर ई.वी.एम. के माध्यम से वोटर अपना फैसला सुना देंगे। रविवार की रात को कयामत की रात कही जा सकती है क्योंकि जहां वोटरों में मतदान को लेकर उत्सुकता बनी हुई है तो वहीं इस दंगल के ‘महारथियों’ में भी कौतुहल की स्थिति है। 

ऐसे बहा पसीना
दरअसल, जींद उपचुनाव की तारीख का ऐलान होते ही इस क्षेत्र में चुनावी बिसात बिछने लगी थी मगर जैसे ही सभी राजनीतिक पाॢटयों ने अपने-अपने उम्मीदवारों का एलान किया तो जींद पूरी तरह से चुनावी रंग ही में रंग गया। 10 जनवरी को नामांकन का आखिरी दिन था और उम्मीदवारों ने अपना नामांकन दाखिल करने के साथ ही चुनावी कार्यालयों का उद्घाटन क्रम शुरू करते ही प्रचार भी तेज कर दिया। हर मुख्य पार्टी की ओर से नेताओं व वर्करों की फौज ने जींद में डेरा डाल लिया और उम्मीदवार के साथ सर्द मौसम में खूब पसीना बहाते नजर आए। अल सुबह से यह दौर शुरू होता और देर रात तक अनवरत जारी रहता।

दो मुख्यमंत्रियों ने दी दस्तक
प्रतिष्ठा का प्रश्न बना जींद उपचुनाव वाकई ऐसे मोड़ पर आ गया है कि अब फैसले की घड़ी महज घंटों पर टिक गई है लेकिन इस चुनाव को लेकर जींद की जनता ये जरूर कहती है कि ऐसा नजारा पहली बार ही देखा। चूंकि भाजपा प्रत्याशी डा.कृष्ण मिढा के समर्थन में जहां खुद मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने चुनावी सभाओं को संबोधित किया तो उनकी सरकार के मंत्रियों ने भी डेरा डाला। कांग्रेस प्रत्याशी रणदीप सिंह सुर्जेवाला के समर्थन में पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा सहित कई बड़े दिग्गज नेताओं ने वोटरों से संपर्क साधा तो जजपा प्रत्याशी दिग्विजय सिंह चौटाला के समर्थन में दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने चुनावी सभा में शिरकत की।

इनैलो की ओर से उम्मीदवार उमेद रेढू के पक्ष में नेता प्रतिपक्ष अभय सिंह चौटाला व पार्टी के प्रदेशाध्यक्ष अशोक अरोड़ा सहित कई बड़े नेताओं ने जींद में पूरी ताकत लगा दी। लोसुपा की ओर से सांसद राजकुमार सैनी ने विनोद आसरी के लिए सभा की। भले ही इन सभी ने एड़ी चोटी का जोर लगाए रखा मगर किसकी मेहनत रंग लाती है ये फै सला सोमवार को मतदाता कर ही देंगे। मगर तस्वीर 31 जनवरी को ही मतगणना के साथ ही साफ हो जाएगी कि जींद के मतदाताओं ने किसके सिर बांधा है जीत का सेहरा और किसकी झोली में डाली है हार।
 

Deepak Paul