किसानों की भाजपाइयों को चेतावनी, समर्थन करें नहीं तो होगा बहिष्कार

4/7/2021 8:24:59 AM

सोनीपत : संयुक्त किसान मोर्चा ने भाजपा सांसद व विधायकों को खुले तौर पर चेतावनी दी है कि वे किसानों का खुलकर समर्थन करें नहीं तो उनका सामाजिक बहिष्कार होगा। उन्होंने कहा कि जिस तरह का देश में माहौल बन रहा है इसमें आने वाले दिनों में भाजपा नेताओं का घर से निकलना भी दूभर हो जाएगा। किसान संयुक्त मोर्चा के नेताओं ने कहा कि मंगलवार को राजस्थान के हनुमानगढ़ में जिला परिषद की बैठक में सासंद निहालचंद ने आना था लेकिन यहां बड़ी संख्या में किसान जमा हो गए। किसानों के जायज सवालों से डरे भाजपा सांसद बैठक स्थल आए ही नहीं। किसान मोर्चा का कहना है कि यह संदेश उन सभी आधारहीन तर्कों का जवाब भी है जो कहते हैं कि किसान आंदोलन बस एक राज्य में है। इसी तरह भाजपा नेता विजय सांपला का पंजाब के फगवाड़ा में घेराव व विरोध किया गया।

मोर्चा ने कहा कि भाजपा नेता स्थिति बदलें और पार्टी छोड़कर किसानों का समर्थन करें। देश के कई हिस्सों में भाजपा व अन्य दलों के नेताओं ने किसान विरोधी कानूनों के खिलाफ चल रहे संघर्ष को समर्थन देते हुए अपना पद छोड़ा है। किसान नेता डा. दर्शनपाल, राकेश टिकैत, धर्मेंद्र मलिक, गुरनाम सिंह चढूनी, कविता गुरूगुंटी व अभिमन्यु कोहाड़ आदि ने कहा कि वे फिर से भाजपा समेत अन्य दलों के नेताओं से अपील कर रहे हैं कि वे किसानों का समर्थन करें, वर्ना वह दिन दूर नहीं है जब लोग नेताओं को गांव में घुसने तक नहीं देंगे।

मिट्टी सत्याग्रह यात्रा पहुंची गाजीपुर और कुंडली
देशभर में मिट्टी सत्याग्रह यात्रा दिल्ली बार्डर पर पहुंची। यहां गाजीपुर व कुंडली में यात्रा का जोरदार स्वागत किया गया। इस यात्रा से लाई गई मिट्टी का इस्तेमाल बार्डर पर बन रहे शहीद स्मारक में किया जाएगा। मिट्टी सत्याग्रह यात्रा 30 मार्च को दांडी (गुजरात) से शुरू होकर राजस्थान, हरियाणा, पंजाब होते हुए शाहजहांपुर बॉर्डर पहुंची थी। यात्रा के दौरान तथा देशभर से 23 राज्यों की 1500 गांवों की मिट्टी लेकर किसान संगठनों के साथी दिल्ली पहुंच चुके हैं। शहीद भगत सिंह के गांव खडख़ड़कलां, शहीद सुखदेव के गांव नौघरा जिला लुधियाना, ऊधम सिंह के गांव सुनाम जिला संगरूर, शहीद चंद्रशेखर आजाद की जन्म स्थली भाभरा, झाबुआ, मामा बालेश्वर दयाल की समाधि बामनिया, साबरमती आश्रम, सरदार पटेल के निवास, बारदोली किसान आंदोलनस्थल, असम में शिव सागर, पश्चिम बंगाल में सिंगूर और नंदीग्राम, उत्तर दीनाजपुर, कर्नाटक के वसव कल्याण एवं बेलारी होते हुए कुंडली बार्डर पर पहुंची।

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Content Writer

Manisha rana