हथिनी कुंड बैराज से छोड़े गए पानी का कहर बरकरार, 2 दर्जन से अधिक गांव आए चपेट में

8/20/2019 5:51:27 PM

करनाल(मैनपाल): 3 दिन पहले हथनी कुंड बैराज से यमुना नदी छोड़े गए सवा 8 लाख क्यूसिक पानी का कहर अभी थमा नहीं है। करनाल के दो दर्जन से अधिक गांव यमुनानदी में छोड़े गए पानी की बाढ़ के चपेट में है। हालांकि कल से आज पानी मात्रा थोड़ी कम जरूर हुई है, लेकिन कई किलोमीटर के क्षेत्र में पानी की धार चलने से काफी गांवों का सड़क मार्ग से आवागमन अभी तक शुरू नहीं हो पा रहा है। बाढ़ में फंसे लोगों को नाव से  बाहर निकालने का काम चल रहा है। गांव बाणो खेड़ी, नगली, जप्पती छप्परा, सैयद छप्पर, नबियाबाद, हलवाना डेरा, हलवाना रोडान, कमालपुर, गढ़पुर टापू क्षेत्र, चंद्राव और दूसरे गांवों में अब भी हालत नहीं सुधर पाए है।

इन गांवों में पीने के पानी की समस्या है तथा डेरों पर रहने वाले लोगों का जीवन तो जैसे थम गया है। इंसानों के साथ पशुओं के लिए भी खाने पीने की समस्या उत्पान हो गई है। सड़कों व खेतों में अभी भी 3 से लेकर 4 फुट पानी भरा होने से लोगों के सामने कई तरह की मुसीबतें खड़ी हो गई है।  गांव में जाने के लिए पहले तो डबकोली कलां से मोटरवोट का सहारा लेकर कुछ दूरी सड़क पर चल रहे 3 से 4 फुट पानी तक पहुंचा पड़ा, फिर ट्रैक्टर पर सवार होकर जल मग्र हुई सड़क से बड़ी मुश्किल से गांव तक जाना पड़ा। हमें लेकर कई कई फुट पानी से चल रहे टै्रक्टर ने रास्ते कई जगह पानी से हमें भी भिगोह दिया। रास्ते में बाढ़ के पानी में बह कर आए सांप भी पानी में तैरने के साथ वृक्षों पर अपने शिकार की इंतार में बैठे थे। फसलों में पानी ही पानी था तथा गांव बाणो खेड़ी गांव के पास के डेरे भी जलमग्र थे। पशुओं के लिए भी जगह न होने से पशु बाढ़ के पानी में बुग्गी ट्रैक्टर से बांधकर रखे हुए थे।

बाणो खेड़ी में बाढ़ पीडि़त लोगों को दवाईयां आदि देने के लिए प्रशासन की तरफ से एक अनुभहीन टीम आज जरूरी भेजी गई, लेकिन पंचायती राज प्रकोष्ठ के प्रदेशाध्यक्ष डॉ. सुनील पंवार ने कल की तरह आज भी बाढ़ ग्रस्त गांवों में जाने के लिए अपनी जान की परवाह न कर गांवों में पहुंचकर लोगों को मुफ्त में दवाईया बांटी। गांव के रूपचन्द, राकेश, व प्रशंत ने उनके इस बहादूर भरे जज्बे वाले जनसेवा के कार्य की जमकर प्रशंसा की। डॉ सुनील पंवार ने कहा कि सरकार की तरफ से प्रयास हो रहे है, लेकिन बाढ़ पीडि़तों की स्थिति को देखते हुए वह नाकाफी है।उन्होंने सवाल उठाया कि क्या बांध पर खड़े होकर चिकनी चुपड़ी बातें करने से जनता की मदद हो गई है। सत्तासीनों व प्रशासन ने तो लोगों वे नाव व मोटरवोट का भी पर्याप्त इंतजाम नहीं किया हुआ है, दूसरे इंतजामों की तो उनसे उम्मीद ही क्या की जा सकती है। उन्होंने मुख्यमन्त्री मनोहर लाल व हल्के के विधायक से जन आर्शीवाद यात्रा को इन्द्री व बाढ़ ग्रस्त क्षेत्रों से स्थगित कर बाढ पीडित लोगों के घरों में जाकर जन आर्शीवाद लेने का आहवान किया।  
 

 

Isha