किसानों का गेहूं पड़ा है खेतों में, यूपी के गेहूं की हो रही खरीद

4/19/2019 8:29:35 PM

हथीन (ब्यूरो): स्थानीय अनाज मंडी में आढतियों व खरीद एजेंसियों के अधिकारियों की कथित मिलीभगत के चलते उत्तरप्रदेश से आ रहे गेहूं की जमकर खरीदारी हो रही है। जबकि इलाके के अधिकांश किसानों की गेहूँ की फसल खेतों पडी हुई है। यदि यही स्थिति बनी रही तो खरीद एजेंसियां अपना टारगेट किसानों के गेहूं मंडी में आने से पहले ही पूरा कर अपने कर्तव्य की इतिश्री कर लेंगी और फिर  बेचारे किसानों को बाद में अपना पीला सोना औने- पौने दामों पर बेचने को मजबूर होना पडेगा। मार्कीट कमेटी रिकॉर्ड के मुताबिक अब तक लगभग साडे तीन लाख क्विंटल गेहूं की खरीद हो चुकी है। पिछले दिनों हुई बरसात से मंडी में खुले आसमान के नीचे भीग गए गेहूं को जोकि अभी पूरी तरह सूखा भी नहीं है।

सरकारी कट्टों में खुलेआम भरा जा रहा है। सूत्रों से पता चला है उत्तरप्रदेश के गांवों से गेहूं को सस्ते दामों में खरीद कर कट्टों में भर ट्रेक्टर ट्रालियों में लादकर हथीन लायाजा रहा है। उत्तरप्रदेश से लाए उक्त गेहूं के कट्टों को खाली कर लोकल किसानों का बताकर सरकारी खरीद एजेंसियों को बेचा जा रहा है। अनाज मंडी से बाहर खाली पडे खेतों में यूपी से लाए गए गेहूं को कट्टों से खाली कर गेहूं की बडी बडी ढेरियां लगा रखी हैं। गत दिनों हथीन थाना पुलिस ने ऐसे दो ट्रेक्टर ट्रालियों को पकड कर चालान काटे थे जिनमें उत्तरप्रदेश के मथुरा जिला अंतर्गत गोवर्धन से गेहूं को कट्टों में भरकर लाया गया था।

किसान जनहित समिति के जिलाअध्यक्ष अमरू पहलवान का कहना है कि पहले लोकल किसानों का गेहूं खरीदा जाना चाहिए। यूपी का गेहूं बाद में। क्या कहते हैं सचिव इस बारे में हथीन मार्किट कमेटी के सचिव इन्द्रपाल का कहना है कि यूपी से आ रहे गेहूं पर विशेष नजर रखी जाएगी। वैसे भी यूपी से आने वाले गेहूं को खरीदने के लिए सरकार ने नियम निर्धारित किए हुए हैं। जिसके तहत उत्तरप्रदेश की सम्बंधित अनाज मंडी का आढती अपने लैटर हैड पर यह सर्टिफाईड करके देगा कि यह हमारा किसान है और उत्तरप्रदेश से गेहूं लाने वाले किसान का आधार कार्ड की फोटो प्रति भी जमा करानी होती है। उन्होंने साफ कहा कि यदि कोई गोरखधंधा चल रहा है तो वह किसी भी सूरत में नहीं चलने दिया जाएगा। इलाके के किसानों का एक-एक गेहूं का दाना खरीदा जाएगा।

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