स्कूल जाते समय मनचले खींच लेते हैं दुपट्टा, करते हैं अभद्र भाषा का प्रयोग, पढ़ाई कैसे होगी

1/25/2020 4:22:55 PM

रेवाड़ी(मोहिंदर): बेटियों की सुरक्षा के साथ उन्हें उच्च शिक्षा दिलाने का का दम भरने वाली प्रदेश सरकार के सभी दावे यहां खोखले नजर आ रहे हैं। रेवाड़ी के गांव राजावास की लड़कियांं शरारती तत्वों द्वारा की जाने वाली छेड़छाड़ ओर छींटाकशी कारण अपनी पढ़ाई छोडऩे को मजबूर हैं। इस संबंध में ग्रामीणों ने पंचायत में फैसला लिया कि अगर इस मामले में उचित कार्रवाई नहीं होती तो वे अपनी बेटियों को मस्तापुर के सरकारी स्कूल में नहीं भेजेंगे।

दरअसल, गांव राजावास की 40 से अधिक छात्राएं पड़ोस के गांव मस्तापुर स्थित सरकारी स्कूल में पढऩे जाती हैं। लेकिन पिछले लंबे समय से उस गांव के कुछ मनचले बीच रास्ते में लड़कियों पर छींटाकशी कर उनसे छेड़छाड़ करते हैं। इससे परेशान होकर उन्होंने स्कूल प्रिंसिपल से कई बार शिकायत की लेकिन इसे गम्भीरता से नहीं लिया गया। नतीजन मनचलों के हौंसले और भी बुलन्द हो गए। आलम यह है कि मनचले छात्राओं का पीछा करते हुए उनके घर तक पहुंच जाते हैं। 



इन समस्याओं से परेशान छात्राओं ने अपने परिजनों व ग्राम पंचायत को अवगत करवाया। अभिभावक व पंचायत के लोग मस्तापुर के सरपंच से मिले और कहा कि वह बच्चियों के साथ छेड़छाड़ बर्दाश्त नहीं करेंगे और समाधान नहीं हुआ तो वह उन्हें स्कूल नहीं भेजेंगे। इसपर उक्त सरपंच ने कहा कि मामला उनके संज्ञान में नहीं, फिर भी आप उन्हें स्कूल नहीं भेजते तो उन्हें कोई फर्क नहीं पड़ता।

स्कूली छात्राओं ने कहा कि जब वह स्कूल जाती हैं तो कुछ युवक उनका दुपट्टा खींच लेते हैं और विरोध करने पर अभद्र भाषा का प्रयोग करते हैं, इसकी शिकायत कई बार प्रिंसिपल से की लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई ऐसे में भला कैसे पढ़ाई होगी। वहीं मीडिया की दखलंदाजी के बाद मस्तापुर के सरपंच कहा कि अब मामला संज्ञान में आया है और वे कथित युवकों के खिलाफ कार्यवाही में पूरा सहयोग करेंगे।

बुधवार को छात्राओं के अभिभावक व पंचायत के लोग रेवाड़ी जिला शिक्षा अधिकारी से मिले और परेशानी से अवगत करवाया। जिसके बाद उन्होंने पुलिस अधीक्षक से बात करके आश्वासन दिया कि कल से ही निजी स्कूल की बस छात्राओं को गांव से स्कूल लेकर आएगी और जाएगी। वहीं दूसरी ओर पुलिस ने भी वहां पुलिस की तैनाती की बात कही। लेकिन गुरुवार को जब मीडिया गांव राजावास पहुंची तो कोई पुलिस कर्मचारी वहां नहीं मिला। गांव में मीडिया के पंहुचने की भनक लगते ही पुलिस मौके पर पहुंची। लेकिन आरोपियों के खिलाफ क्या कार्रवाई होगी, इसपर पुलिस की ओर से एसएचओ ने चुप्पी साध ली।

अब देखना यह होगा कि गांव और स्कूल के आसपास छात्राओं की सुरक्षा को लेकर की गई पुलिस की तैनाती कब तक रहेगी और क्या छात्राओं को मनचलों की गंदी हरकतों से निजात मिल पाएगी या फिर वास्तव में अभिभावकों को कोई अन्य विकल्प खोजना होगा। बताते चलें कि इस मामले में स्कूल प्रिंसिपल कहना है कि कोई लिखित शिकायत नहीं मिली है, अगर लिखित शिकायत मिलेगी तो कार्यवाही करेंगे।

Shivam