कब सुनेगी सरकार किसानों की फरियाद!

5/3/2019 2:37:08 PM

गोहाना(सुनील जिंदल): किसानों को अन्नदाता माना जाता है, लेकिन अगर हम किसान के वर्तमान हालत की बात करें तो आज किसान को अपनी ही फसल और मांगो के लिए सरकार के आगे गिड़गिड़ाना पड़ रहा है। जब कभी नई सरकार का आने का समय होता है तो ना जाने कितने सपनों से भरे वायदे लेकर वह किसान के पास पहुंच जाते है और आखिर में बस उन्हें आज-कल या फिर सस्ते-महंगे का मुंह देखना पड़ता है।

ऐसे ही एक किसान अपने हक और अन्याय के लिए अपनी मांगों को लेकर सरकार से फरियाद करता है, लेकिन उसकी सुनने वाला कोई नहीं। जुलाना हलके के किला जफरगढ़ में एन एच 152 हाईवे को बनाने के लिए नौ गांवो के खेतों की जमीन एक्वायर की गई है। वहीं किसानों को उपयुक्त राशि का मुआवजा न मिलने के कारण ९ गांव के किसान और महिलाएं 23 दिन से धरने पर बैठे हैं। किसानों की मांगों का समर्थन करने लोकसभा के आज़ाद उम्मीदवार सतीश राज देशवाल किला जफरगढ़ धरने स्थल पर पहुंचे।

धरना स्थल पर पहुंचकर देशवाल ने कहा कि किसानों के साथ इस प्रकार का भेदभाव क्यों किया जा रहा है। किसानों की जमीन का अलग अलग मुआवजा क्यों निर्धारित किया गया है। ऐसी सरकार को सबक सिखाने का वक्त आ गया है। इन सरकारों ने कैसा तरीका बना रखा है। ऐसे लोगों को घर पर बिठाने का समय आ गया है। ऐसी राजनीति करने वाले लोगों को आगे बढ़ाने की कोई जरूरत नहीं है ।मैं तो एक सामाजिक आदमी हूं ।

राजनीति करना नहीं जानता समाज की बात करता हूं। सामाजिक बुराइयों के खिलाफ हमारी लड़ाई है और इस बार चुनाव लड़ने का बीड़ा इस बार सामाजिक बुराइयों को खत्म करने और अपने समाज को दिशा देने के लिए उठाया है। ये लोग तो यही चाहते हैं कि हर वर्ग, हर बिरादरी के लोग पूरी उम्र गरीबी में काटे। साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि किसान भाइयों की समस्या का निवारण निकले, पैदावार बढ़े। लेकिन ऐसा कोई भी सरकार नहीं करती।

मुआवजे के लिए किसान भाई काफी दिनों से बैठे हुए हैं और नेताओं के कानों पर जूं तक नहीं रेंगती । देशवाल ने धरने पर बैठे हुए किसानों को समर्थन करते हुए ये भी कहा कि किसान भाइयों के हक के लिए हमेशा तैयार हूं। वह जहां कहेंगे मैं हमेशा उनके साथ खड़ा मिलूंगा। इसके उपरांत देशवाल ने अपने जनसम्पर्क अभियान के तहत जुलाना के काफी गांवो में लोगों से वोट की अपील की। साथ ही वह जनता से जोरदार समर्थन जुटाने में भी काफी सफल हो रहे हैं।

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