ATM तोड़कर साढ़े 11 लाख चुराने वाला निकला बैंक का सिक्योरिटी गार्ड

3/29/2019 4:29:39 PM

करनाल (काम्बोज): सैक्टर-12 स्थित विजया बैंक के ए.टी.एम. को तोड़ कर करीब साढ़े 11 लाख रुपए चोरी करने वाला आरोपी पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। पुलिस जांच में पता चला कि बैंक के ए.टी.एम. को तोड़कर चोरी को अंजाम देने वाला बैंक का पूर्व सिक्योरिटी गार्ड है। जानकारी के अनुसार 22 मार्च को बैंक शाखा अधिकारी अमरेंद्र कुमार ने सिविल लाइन थाना में शिकायत दी थी कि बीती रात बैंक के ए.टी.एम. से 11.55 लाख रुपए कैश चोरी हो गया जिसके बाद पुलिस ने केस दर्ज कर जांच शुरू की थी। एस.पी. ने जांच की जिम्मेदारी डिटैक्टिव स्टाफ इन्चार्ज निरीक्षक विरेन्द्र राणा को दी जिसने एस.आई. हिम्मत सिंह के नेतृत्व में एक टीम का गठन कर जांच आगे बढ़ाई।

पुलिस टीम ने बैंक में कार्य कर रहे सभी कर्मचारियों से बातचीत की और बैंक के सभी कर्मचारी व अधिकारी जो बैंक ए.टी.एम. कैश के संबंध में जानकारी रखते थे से बारी-बारी पूछताछ की गई। सभी को चोरी के समय का वीडियो दिखाकर पूछताछ की जिसके आधार पर उनके शक की सुई बार-बार कुछ दिन पहले सिक्योरिटी गार्ड की नौकरी छोड़ चुके विरेन्द्र सिंह के आसपास ही आकर रुकती थी। जो पुलिस टीम द्वारा विरेन्द्र सिंह पुत्र चन्द्रभान वासी तितरम जिला कैथल हाल किरायेदार दयानन्द कालोनी की तलाश शुरू की, दयानन्द कालोनी में पता करने पर मकान मालिक ने बताया कि वह अपने परिवार के साथ अपने गांव गया हुआ है, उसके गांव में पता करने पर भी वह मौजूद नहीं मिला। 27 मार्च को पुलिस को गुप्त सूचना मिली कि आरोपी नेवल आवर्धन नहर की पटरी पर मौजूद हैं। सूचना मिलते ही पुलिस टीम ने मौके पर पहुंचकर विरेन्द्र सिंह की धर दबोचा। 

पहले भी दे चुके हैं वारदात को अंजाम
पुलिस टीम द्वारा आरोपी के विषय में छानबीन करने पर सामने आया कि आरोपी विरेन्द्र सिंह ने 2007 में आई.टी.बी.पी. ज्वाइन की थी, जहां से करीब 7/8 साल के बाद इसे भगौड़ा घोषित कर दिया गया था और बाद में डिसमिस कर दिया गया था। आरोपी ने पूछताछ पर बताया कि करीब 2 साल पहले उसके द्वारा गांव सांभली क्षेत्र में एक ए.टी.एम. तोडऩे का प्रयास किया गया था। जिस संबंध में थाना निसिंग में मुकद्दमा दर्ज है। इसके अलावा आरोपी ने अपने अन्य साथियों के साथ मिलकर दिल्ली के नरेला क्षेत्र से एक गाड़ी चोरी की थी व हथियार के बल पर एक गाड़ी लूटी थी, जिस संबंध में यह दिल्ली में गिरफ्तार हो चुका है।

ऐसे बनाई योजना   
पुलिस जांच में सामने आया कि आरोपी द्वारा साल 2013 में आई.टी.बी.पी. में सेवा के दौरान ही अपना शस्त्र लाइसैंस बनवाया गया था और उसके आधार पर ही 12 जनवरी 2017 को विजया बैंक में गार्ड के पद पर नियुक्त किया गया था।

 जो 1 फरवरी 2019 को बैंक से गार्ड की नौकरी छोड़ चुका था, गार्ड की नौकरी के दौरान ही आरोपी ए.टी.एम. में रुपए डालने वाली टीम की सहायता करता था, जहां से उसने मशीन के कोड और अन्य सभी प्रकार की जानकारी हासिल कर ली थी। ए.टी.एम. में कैश डालते समय सिक्योरिटी गार्ड अंदर रहता था और उसके सामने ही कैश मशीन में डाला जाता था। पिछले करीब डेढ़ साल से मशीन का कोड भी नहीं बदला गया था, जिसकी वजह से आरोपी को वारदात को अंजाम देने में ज्यादा परेशानी नहीं हुई। पुलिस ने आरोपी को कोर्ट में पेश कर रिमांड पर लिया है।

आरोपी के कब्जे से बरामदगी   
पुलिस टीम द्वारा आरोपी के साथ सख्ती से पूछताछ करने पर उसने ए.टी.एम. चोरी की वारदात का खुलासा किया, जो उसकी निशानदेही पर पुलिस टीम द्वारा दयानन्द कालोनी स्थित उसके किराए के मकान से ए.टी.एम. से चोरी की गई रकम में से 10.75 लाख रुपए और एक ए.टी.एम. का कैश बॉक्स सहित और उसके कब्जे से एक अवैध देसी पिस्तौल 315 बोर बरामद हुई। 

Shivam