जानिए क्यों बीजेपी के पंवार को राज्यसभा के लिए नाम चयनित होने पर नहीं हुआ था विश्वास
6/2/2022 7:18:13 PM
चंडीगढ़(धरणी): 10 जून को राज्यसभा के लिए होने वाले चुनावों के लिए भारतीय जनता पार्टी ने पूर्व मंत्री कृष्ण लाल पंवार का नाम तय किया था। पंवार का कहना है कि उन्होंने कभी नहीं सोचा था कि पार्टी द्वारा उन्हे इतनी बड़ी जिम्मेदारी दी जाएगी। कृष्ण लाल पंवार के अनुसार वे उस वक्त पानीपत में बैठे थे, जब उन्हें हरियाणा भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष ओमप्रकाश धनखड़ का फोन आया तथा धनखड़ ने उन्हें बधाई दी। कृष्ण लाल पंवार ने ओमप्रकाश धनखड़ जी को कहां की बधाई आपको हो। उस वक्त राज्यसभा की टिकट किसे मिलेगी किसी को भी पता नहीं था। पवार साहब ने सोचा कि ओमप्रकाश धनखड़ को राज्यसभा की टिकट मिल गई है। लेकिन चंद पलों में ओमप्रकाश धनखड़ ने कृष्ण लाल पंवार को कहा कि भाई आपको भाजपा राज्यसभा में भेज रही है। उसके बाद कृष्ण लाल पंवार की मुख्यमंत्री मनोहर लाल से बात हुई तथा मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने उन्हें बधाई दी और बाकी बातचीत भी उनसे की।
रोचक बात तो यह है कि कृष्ण लाल पंवार ने कभी खुद सपने में नहीं सोचा था कि उन्हें बीजेपी इतना बड़ा सम्मान देगी तथा राज्यसभा का उम्मीदवार बनाएगी। कृष्ण लाल पंवार ने इसके लिए हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल, प्रदेश अध्यक्ष ओपी धनखड़ तथा केंद्रीय नेतृत्व का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि एक साधारण परिवार के व्यक्ति को भाजपा ने दिल से अपना कर अपना स्नेह दिया है।
1991 से राजनीति में सक्रिय हैं पंवार, 5 चुनाव जीते, 2 हारे
कृष्ण लाल पंवार मूल रूप से मतलोडा के रहने वाले हैं। कृष्ण लाल पंवार ने हरियाणा की राजनीति में 1991 से लेकर आज तक 7 विधानसभा के चुनाव लड़े हैं। इनमें से 5 चुनाव में जीते तथा दो चुनाव हारे हैं। कृष्ण लाल पंवार भाजपा की हरियाणा में अकेले अपने दम पर 2014 में बनी सरकार में परिवहन व जेल मंत्री हरियाणा रहे हैं। कृष्ण लाल पंवार ने राज्यसभा उम्मीदवार घोषित होने के बाद बातचीत करते हुए हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल व भाजपा के केंद्रीय नेतृत्व का आभार व्यक्त किया है। कृष्ण लाल पंवार का कहना है कि बीजेपी के राष्ट्रीय नेतृत्व तथा हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने उन पर भरोसा जताया है वह सदैव उनके कृतघ्य रहेंगे।
पानीपत थर्मल प्लांट में कभी बिजली बोर्ड के कर्मचारी रहे कृष्ण लाल पंवार छोटी उम्र में ही राजनीति में सक्रिय हो गए थे। कृष्ण लाल पंवार ने अपनी राजनीति की शुरुआत इनेलो से की थी। इनेलो में रहते हुए कृष्ण लाल पंवार ने पांच विधानसभा के चुनाव लड़े थे। जिनमें से वे चार चुनाव जीते तथा 1 चुनाव हारे थे। वर्ष 2014 के अंदर इनेलो छोड़कर कृष्ण लाल पंवार बीजेपी में शामिल हुए तथा बीजेपी ने उन्हें इसराना विधानसभा सीट से अपना उम्मीदवार बनाया था। इसराना से 2014 के चुनाव जीत गए थे तथा 2019 के विधानसभा चुनावों में वह इसराना विधानसभा सीट से हार गए।
पंवार के जरिए कांग्रेस के राजनीतिक तीर का किया पलटवार
कृष्ण लाल पंवार की गिनती मुख्यमंत्री मनोहर लाल के वफादार लोगों में होती है। कृष्ण लाल पंवार को भाजपा ने राज्यसभा का उम्मीदवार बनाकर एक तीर से कई निशाने किए हैं। हरियाणा भाजपा के प्रमुख दलित नेता के रूप में कृष्ण लाल पंवार अच्छी पहचान रखते हैं। हरियाणा प्रदेश कांग्रेस के द्वारा उदय भान को प्रदेश अध्यक्ष बनाए जाने के बाद भाजपा ने कांग्रेस की रणनीति पर पलटवार करते हुए राज्यसभा में दलित चेहरे को भेजने के नाम पर स्वीकृति दे कांग्रेस के राजनैतिक तीर पर पलटवार किया है।
राजनीतिक घटनाक्रम
1991 में कृष्ण लाल पंवार ने जनता असंध निर्वाचन क्षेत्र से चुनाव लड़ा और विधानसभा चुनाव जीते थे।
1996 में वह आसंध से हरियाणा विधानसभा में फिर से चुने गए थे।
2005 वह आईएनएलडी से असंध विधानसभा से चुनाव लड़े लेकिन कांग्रेस पार्टी के राज रानी पूनम से हार गए।
2009 में उन्होंने इसराना सीट से चुनाव लड़ा और एक स्वतंत्र उम्मीदवार बलबीर को हराकर हरियाणा विधानसभा के लिए चुने गए।
2014 में वह इसराना से हरियाणा विधान सभा के लिए चुने गए थे। उन्होंने कांग्रेस के बलबीर सिंह को हराया। बाद में वह परिवहन, आवास और जेल मंत्री बने।
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