आदेशों की पालना न करने पर आपके खिलाफ क्यों न हो कार्रवाई : हाईकोर्ट

5/15/2018 8:24:55 AM

चंडीगढ़(बृजेन्द्र): पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट ने हरियाणा स्टाफ सिलैक्शन कमीशन के चेयरमैन समेत सैक्रेटरी को एक अवमानना याचिका में कारण बताओ नोटिस जारी करते हुए पूछा है कि हाईकोर्ट के आदेशों की पालना न करने पर आपके खिलाफ अवमानना प्रक्रिया शुरू क्यों न की जाए। केस की अगली सुनवाई मई के अंतिम सप्ताह में होगी। 

मेवात के मोहम्मद इरशाद ने कमीशन के चेयरमैन भारत भूषण भारती एवं सैक्रेटरी महावीर कौशिक को पार्टी बनाते हुए यह अवमानना याचिका दायर की है। जस्टिस राजीव नारायण रैना ने याची के अनुभव के कम अंक देने पर 8 मार्च के फैसले में कहा था कि इस पूरे प्रकरण से कमीशन के तुच्छ काम का खुलासा होता है। 

यह कमीशन की योग्यता पर संदेह पैदा करता है और प्रतिस्पर्धा में शामिल लोगों में चिंता पैदा करता है। हाईकोर्ट ने कमीशन को निर्देश दिया कि गलती करने वाले कर्मियों/ अफसरों को लेकर जांच शुरू करें जिन्होंने यह गलती की, उन्हें उचित दंड दिया जाए। वहीं निकाले जाने वाले निष्कर्षों को केस के रिकार्ड पर 4 महीने में लाएं। इन आदेशों के साथ हाईकोर्ट ने याचिका को मंजूर कर लिया। यह करते हुए कमीशन को आदेश दिए कि याची का नाम सरकार के पास नियुक्ति के लिए भेजें और याची ने अदालती केस आदि के लिए विचारयोग्य पैसा खर्च किया है, ऐसे में कमीशन याची को 1 महीने में 50 हजार रुपए की कॉस्ट देगी। इस गलती को अंजाम देने वाले संबंधित कर्मियों/अफसरों से कमीशन यह रकम वसूलेगा जो इस गलती के जिम्मेदार पाए जाएं।

बता दें कि हरियाणा के स्वास्थ्य विभाग में विभिन्न पदों के लिए सरकार ने 2015 में नियुक्तियां मांगी थी। याची ने फार्मासिस्ट के लिए आवेदन किया था। याची के वकील मजलीश खान ने दलीलें देते हुए कहा था कि याची को गवर्नमैंट सैक्टर में फार्मासिस्ट के रूप में 7 वर्ष का अनुभव था जिसके उन्हें 14 अंक मिलने चाहिए थे जबकि कमीशन ने 8 प्रतिशत अनुभव कोटा में केवल 2 अंक दिए। 

याची ने बैकवर्ड क्लास-बी कैटेगरी में आवेदन किया था। 80 प्रतिशत लिखित परीक्षा 160 अंकों की थी जिसमें याची के 98 अंक आए। 12 प्रतिशत इंटरव्यू के 24 अंक थे जिसमें याची के 10 नंबर आए थे। कमीशन द्वारा जारी अंकों के हिसाब से याची के 110 अंक बने जबकि कट ऑफ 119 था। मामले की सुनवाई के दौरान कमीशन ने अपनी गलती मान ली थी।

Rakhi Yadav