हरियाणा का किसान दिल्ली में फसल बेचने को क्यों हुआ मजबूर? आखिर क्या है वजह ?

punjabkesari.in Thursday, Apr 21, 2022 - 04:33 PM (IST)

सोनीपत(सुनील): गोहाना की अनाज मंडी में गेहूं की आवक दिन-प्रतिदिन कम होती जा रही है। अनाज मंडी में गेहूं की आवक कम होने का कारण दिल्ली की अनाज मंडियों में भाव अधिक होना बताया जा रहा है। दिल्ली की अनाज मंडियों में किसानों को हरियाणा के एमएसपी से 200रुपये प्रति क्विंटल तक ज्यादा भाव मिल रहा है। भाव ज्यादा मिलने के चलते किसान दिल्ली की अनाज मंडियों का रुख कर रहे हैं।

गोहाना की अनाज मंडी में इस बार सरकारी खरीद के साथ-साथ प्राइवेट व्यापारी भी गेहूं की खरीद कर रहे हैं। अनाज मंडी में प्राइवेट व्यापारी एमएसपी से 50 से 60 रुपए प्रति क्विंटल अधिक भाव लगाकर गेहूं की खरीद कर रहे हैं। जबकि दिल्ली की अनाज मंडियों में किसानों को 200 रुपए प्रति क्विंटल तक ज्यादा भाव मिल रहा है। ज्यादा भाव मिलने पर क्षेत्र के किसानों ने दिल्ली की मंडियों का रुख करना शुरू कर दिया है। इससे क्षेत्र के अनाज मंडी में गेहूं की आवक कम हो गई है। 

गोहाना अनाज मंडी के आढ़ती डॉ प्रदीप व रामधारी गुप्ता ने कहा कि हरियाणा प्रदेश में मार्केट फीस 4% है। जबकि दिल्ली में मार्केट फीस केवल एक प्रतिशत है। मार्केट फीस कम होने के चलते प्राइवेट व्यापारी हरियाणा के साथ लगते दिल्ली की नरेला अनाज मंडी में ज्यादा भाव लगाकर गेहूं खरीद रहे हैं। इससे मंडी के आढ़तियों के साथ-साथ मार्केट कमेटी को भी नुकसान हो रहा है।

क्षेत्र का गेहूं दिल्ली की मंडियों में जाने से मार्केट कमेटी को फीस कम मिलेगी। उनकी सरकार से मांग है की हरियाणा प्रदेश में मार्केट फीस 4% से घटाकर आधी की जाये ताकि यहाँ के व्यापारियों को भी फायदा हो सके। वही आढ़तियों ने बताया की अबकी बार गेहूं की फसल की कम पैदावार होना भी है जिस के चलते गोहाना अनाज मंडी में गेहू पिछले साल की तुलना में कम आ रहा है ।

 

 


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Content Writer

Vivek Rai

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