महिलाऐं क्यों रखती हैं अहोई माता का व्रत

punjabkesari.in Thursday, Oct 24, 2024 - 07:22 PM (IST)

अंबाला (अमन कपूर) : भारत में कई त्यौहार मनाये जाते है कई व्रत भी होते हैं लेकिन अहोई माता का व्रत एक खास अहमियत रखता है क्योंकि ये व्रत भारतीय स्त्रियां अपनी संतान के लिए रखती हैं। इस व्रत से पहले महिलाऐं नबाजार से गन्ना, सिंघाड़े आदि खरीदकर उनकी पूजा करती हैं। अहोई माता की पूजा के बाद आसमान में तारों को देखकर व्रत खोलती हैं।

बच्चो की सुख सनमती के लिए रखा जाता है व्रत

शहर में व्रत रखने वाली महिलाओं ने बताया कि सुहागिनों का सबसे बड़ा पर्व करवाचौथ होता है जो महिलाऐं अपने पति की लम्बी उम्र के लिए रखती है उसके बाद महिलाओं का दूसरा सबसे बड़ा व्रत अहोई अष्टमी का व्रत होता जो अपनी संतान के लिए रखा जाता है। महिलाओं ने बताया कि आज का व्रत अहोई अष्टमी का व्रत है जिसे सुबह चार बजे सरगी से शुरू किया जाता है फिर सारा दिन नीरजल रहती है, उन्होंने बताया कि ये व्रत महिला अपने बच्चो की दीर्घायु के लिए रखती है शाम को अहोई अष्टमी की पूजा के लिए गन्ने को रखती है व पकवान बनाती है। उन्होंने बताया कि अहोई अष्टमी का व्रत बच्चो की सुख सनमती के लिए कार्तिक की अष्टमी पर रखा जाता है। आज के दिन माताएं अपने बच्चों की हर इच्छा पूरी करते हैं। शाम को पूजा करने बाद तारों को देखकर ही ये व्रत खुलता है।

गन्ने का किया जाता है विशेष रूप से पूजन

इस व्रत की महत्वता बताते हुए पुजारी ने बताया कि आज बड़े ही पुण्य का दिन है और माता और बहनों के लिए बड़े ही सौभाग्य की बात है कि आज कृष्ण पक्ष कि अष्टमी है और आज अहोई अष्टमी का व्रत है आज माताएं-बहनें अपने पुत्र, पुत्री संतान सुख की कामना के लिए उनकी दीर्घायु के लिए निर्जला व्रत रखती हैं। आज का पूजन जो होता है वो अहोई माता को प्रसन्न करने के लिए होता है, ताकि उनके बच्चे दीर्घायु रहे जीवन में खूब तरक्की करें। आज अहोई माता का पूजन किया जाता है। कई महिलाऐं निर्जला व्रत रखती है और कुछ फलाहार होकर व्रत करती हैं। उन्होंने बताया कि आज के दिन । शाम के समय जब महिलाऐं पूजन करती हैं व तारों को देखकर की भोजन का प्रशाद ग्रहण करती है। 

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Content Editor

Saurabh Pal

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