पत्नी के अत्याचार से घट गया पति का 21 किलो वजन, कोर्ट ने आधार बनाकर दी तलाक की मंजूरी

9/16/2021 2:45:21 PM

ऐलनाबाद (सुरेन्द्र सरदाना): आपने पति-पत्नी के बीच विवाद बढऩे के कारण तमाम ऐसे तलाक के मामले सुने होंगे जो आपको बेहद अजीबोगरीब लगे होंगे। कुछ ऐसा ही एक मामला हरियाणा के जिले हिसार से सामने आया है। यहां फैमिली कोर्ट ने पत्नी द्वारा पति पर किए जा रहे अत्याचार और पति के 21 किलो वजन घट जाने को आधार बनाकर तलाक की मंजूरी दी है।

जानकारी के मुताबिक, हिसार के एक शख्‍स को उसकी पत्‍नी से इस आधार पर तलाक मिल गया कि शादी के बाद पत्‍नी के अत्‍याचारों की वजह से उसका वजन 21 किलो तक घट गया। पंजाब और हरियाणा हाई कोर्ट ने हिसार फैमिली कोर्ट के आदेश के बरकरार रखते हुए पीड़ित की दलील स्‍वीकार कर ली। पीड़ित शख्‍स दिव्‍यांग है, उसे सुनने में कठिनाई होती है। फैमिली कोर्ट के फैसले के खिलाफ उस शख्‍स की पत्‍नी ने हाई कोर्ट में अपील की थी लेकिन हाई कोर्ट ने पाया कि महिला ने अपने पति और उसके परिवार के खिलाफ घरेलू हिंसा के जो केस दर्ज कराए थे न केवल झूठे थे बल्कि वे ऐसी मानसिक क्रूरता के उदाहरण थे जिनकी वजह से पीड़ित शख्‍स को शारीरिक नुकसान हुआ।



जस्टिस रितु बाहरी और अर्चना पुरी की डिविजन बेंच ने फैमिली कोर्ट के 27 अगस्‍त 2019 को सुनाए गए तलाक के फैसले को बहाल करते हुए महिला की अपील खारिज कर दी। दंपति की अप्रैल 2012 में शादी हुई थी और दोनों के एक बेटी भी है। पुरुष की दलील थी कि उसकी पत्‍नी गुस्‍सैल और फिजूलखर्च है। उसने कभी भी पति के परिवार के साथ सामंजस्‍य बैठाने की कोशिश नहीं की। वह छोटी-छोटी बातों में लड़ाई करने लगती थी, जिसकी वजह से पति को अपने परिवार के सामने शर्मिंदा होना पड़ता था। पति यह सोचकर चुप रहा कि शायद एकदिन उसकी पत्‍नी को समझ आ जाएगी लेकिन उसके बर्ताव में कोई बदलाव नहीं आया।



पुरुष ने अपनी पत्‍नी पर क्रूरता का आरोप लगाते हुए कोर्ट के सामने कहा कि जिस समय उसकी शादी हुई उसका वजन 75 किलो था लेकिन अब वह घटकर महज 53 किलो रह गया है। इसका विरोध करते हुए पत्‍नी ने दलील दी कि उसने अपने वैवाहिक कर्तव्‍यों का प्रेम और आदर से हमेशा पालन किया। उसने पति पर आरोप लगाया कि वही उसके साथ प्रेमपूर्ण व्‍यवहार नहीं कर रहे थे। इतना ही नहीं उसके साथ क्रूरता करते थे। उसने कभी अपने ससुरालवालों के साथ बुरा बर्ताव नहीं किया। महिला ने यह भी आरोप लगाया कि शादी के छह महीने बाद ही उसके पति और उनके परिवार ने दहेज की मांग करते हुए उसे परेशान और शर्मिंदा करना शुरू कर दिया था। 

लेकिन सुनवाई के दौरान हाई कोर्ट ने पाया कि महिला साल 2016 में अपने पति को और बेटी को छोड़कर चली गई थी। उसने कभी बेटी से मिलने की कोशिश भी नहीं की। यह भी पता चला कि पति और उसके परिवार ने कभी दहेज की मांग नहीं की। इतना ही नहीं उन्‍होंने तो शादी के बाद उसकी उच्‍च शिक्षा का खर्च तक उठाया था। कोर्ट ने यह भी पाया कि उसने अपने पति और उनके परिवारवालों के खिलाफ झूठी शिकायतें दर्ज कराईं थीं।

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Content Writer

Shivam