हरियाणा में सभी 22 डिस्ट्रिक्ट अटॉर्नी को जल्दी हैंड ओवर कर देंगे गाड़ियां : नरशेर सिंह

5/17/2022 7:42:52 PM

चंडीगढ़(धरणी): पीड़ितों को जल्द इंसाफ और दोषियों को अधिक से अधिक सजा मिले, इसे लेकर डायरेक्टर प्रॉस्टिट्यूशन हरियाणा नरशेर सिंह ने बुधवार को प्रदेश के सभी 22 जिला अटॉर्नी की बैठक लेकर सख्त गाइडलाइन जारी की। जिसमें जीरो टोलरेंस, अनियमितता और पीड़ितों को बेफिजूल चक्कर ना लगवानेे जैसे महत्वपूर्ण विषयों पर गंभीरता से चर्चा हुई। नरशेर सिंह ने बैठक के दौरान भ्रष्टाचार के मामले में किसी भी सूरत में नहीं बख्शने के सख्त निर्देश दिए। उन्होंने सभी जिला अटॉर्नी को सरकार और उनके कार्यालय की गाइड लाइन के अनुसार कार्य करने और जल्द से जल्द मामलों के निपटान हेतु गवाही इत्यादि करवाने को लेकर गाइडलाइन जारी की, ताकि कनविक्शन सही समय पर और अधिक से अधिक हो सके। उन्होंनेे कहा कि दोषियों को जल्द से जल्द उनके अपराध की सजा अपराध की सजा दिलवाने में आपकी भूमिका बेहद अहम है।हरियाणा में पहलू बार हरियाणा में सभी 22 डिस्ट्रिक्ट अटॉर्नी को जल्दी  गाड़ियां हैंड ओवर करने जा रहे हैं।वह जो ड्यूटी है उसे  जिम्मेदारी के साथ निभाए। इस बैठक के अलावा बहुत से महत्वपूर्ण विषयों पर नरशेर सिंह से हुई बातचीत के कुछ अंश आपके सामने प्रस्तुत हैं:-

प्रशन:- आज आपने प्रदेश के सभी 22 जिलों के डिस्ट्रिक्ट अटॉर्नी की बैठक ली है, बैठक का क्या एजेंडा था ?

उत्तर:- मैंने हरियाणा के सभी डिस्ट्रिक्ट अटॉर्नी को बुलाया था। सरकार द्वारा एक साल के जारी की गई सभी एसओपी और हमारे कार्यालय द्वारा जारी गाइडलाइन की समीक्षा के बारे में बात हुई है। निचले लेवल पर हर व्यक्ति को इंसाफ मिले, इसे लेकर डायरेक्शन जारी की गई हैं कि पीड़ित, मौके का गवाह, पब्लिक विटनेस को पहले एग्जामिन किया जाए। बाकि गवाही बाद में हो, ताकि कोई व्यक्ति यह ना सोच सके या कह सके कि मेरी गवाही नहीं हुई। कि सरकारी वकील ने लापरवाही की। इसीलिए सभी को डायरेक्शन जारी की गई है ताकि ज्यादा से ज्यादा कनविक्शन हो सके, हम अपने ड्यूटी अच्छे ढंग से करें। यही मुख्य एजेंडा था। नीचे कुछ अनियमितताएं हो रही है। कुछ चालान चेकिंग में है। जिसके लिए 1 साल से गठित की गई कमेटी में डीआर, एडीए शामिल हैं। मैंने सभी डिस्ट्रिक्ट अटॉर्नी को कहा है कि सरकार की नीतियों को लागू करें। जीरो टोलरेंस सरकार की सोच है। भ्रष्टाचार पर पूर्ण रूप से अंकुश लगना चाहिए। अगर फिर भी किसी की शिकायत आई तो किसी भी सूरत में छोड़ा नहीं जाएगा।

प्रशन:- पुलिस द्वारा डिस्ट्रिक्ट अटॉर्नी कार्यालय में चालान पेश करने की क्या कोई टाइम लाइन फिक्स है ?

उत्तर:- एक्ट के अनुसार टाइम फिक्स है। कुछ चालान 60 दिन में, कुछ 90 दिन में पेश करने होते हैं। लेकिन कुछ चालान इन टाइम आते हैं और कुछ लेट भी हो जाते हैं। डिस्ट्रिक्ट अटॉर्नी को सख्त डायरेक्शन दी गई है कि चालान को टाइम बाउंड ही चेक किया जाए। किसी को बेफिजूल चक्कर ना लगवाएं। अगर कोई पुलिसकर्मी चालान देरी से लाता है तो इसकी जानकारी पुलिस अधीक्षक को दें। तीन-चार दिन पहले चालान को अपने पास मंगवाए। अच्छी तरह से स्कूटनी करके। उसे कोर्ट में पेश करें। अगर इस कार्य में अनियमितता पाई गई तो उस पर एक्शन की बात कही गई है।

प्रशन:- आमतौर पर गवाहों को धमकी देने के मामले आते हैं, क्या आप उन्हें प्रोटेक्शन भी दिलवातें हैं ?

उत्तर:- 2020 में सरकार ने विटनेस प्रोटक्शन स्कीम बनाई थी। जिसमें एसओपी जारी हुई थी। विटनेस की प्रोटेक्शन सिक्योर करें। विटनेस को खतरा है तो जिला पुलिस अधीक्षक या थाना प्रभारी के नोटिस में मामले को लाया जाए ताकि निर्भय होकर गवाही हो पाए।

प्रशन:- क्या बायोमैट्रिक सिस्टम डिस्ट्रिक्ट अटॉर्नी कार्यालयों में दोबारा से शुरू हो गया है ?

उत्तर:- सरकार द्वारा बायोमैट्रिक सिस्टम फिर से शुरू करने को लेकर 5 अप्रैल को गाइडलाइन जारी कर दी गई थी। मैंने सभी को लेटर भी जारी कर दिए हैं और इस बैठक के दौरान भी बोल दिया गया है कि सुबह टाइम पर आए और शाम को जाते वक्त बायोमेट्रिक का इस्तेमाल करें। अगर कोई ऐसा नहीं करता हाजिरी नहीं लगाता तो उनकी सैलरी काटने की जरूरत भी समझी गई तो वह काम हम करेंगे।

प्रशन:- एससी- एसटी एक्ट के नोडल अधिकारियों की बैठक भी आपने मंगलवार को ली, उसका क्या कारण था ?

उत्तर:- मैंने एससी- एसटी के पूरे हरियाणा के अधिकारी बुलाए थे। क्योंकि हमारा कनविक्शन रेट कुछ कम था। शीर्ष नेतृत्व द्वारा मीटिंग ली गई थी जिसमें कनविक्शन रेट कम होने की बात सामने आई थी। हमने कॉल करके सभी ला ऑफिसर्स को डायरेक्शन दी कि कनविक्शन सिक्योर करने के लिए एसपी ऑफिस में पैरवी करने वालों की ड्यूटी लगाएं। गवाहों को गवाही समझाएं। कोर्ट में आकर उसे एग्जामिन करें ताकि हमारा कनविक्शन अच्छा हो पाए।

प्रशन:- क्या बैठक के दौरान डिस्ट्रिक्ट अटॉर्नी और डीए भी सुविधाओं के अभाव की डिमांड करते हैं ?

उत्तर:- जिला अधिकारियों की बैठक के दौरान इस प्रकार की बातें सामने आती रहती हैं। सरकार ने फर्नीचर -कंप्यूटर इत्यादि सभी सुविधाएं सभी कार्यालयों में उपलब्ध करवाई हैं। जल्द ही सभी डीएस को हम गाड़ियां भी हैंड ओवर करने जा रहे हैं। कौशल रोजगार निगम से ड्राइवर मिलते ही गाड़ियां  हैंड ओवर कर देंगे। बैठने इत्यादि की समस्या को लेकर मैं जल्द सरकार से बात करूंगा। ताकि हाईकोर्ट से बात करके बैठने की व्यवस्था का प्रबंध हो सके।

प्रशन:- सुप्रीम कोर्ट में हरियाणा कार्यालय की जानकारी मिली है, कृपया इसकी सच्चाई को स्पष्ट करें ?

उत्तर:- सुप्रीम कोर्ट हरियाणा भवन में हमारा हरियाणा कार्यालय है। मैं और एडवोकेट जनरल इसे देखते हैं।एक बेहतरीन डिजिटल कार्यालय बनाया जा रहा है।एजी- डिप्टी एजी- एडवोकेट जनरल की गाइड लाइन से हम सुव्यवस्थित ढंग से इसका निर्माण कर रहे हैं।

प्रशन:-  ला की बुक्स ऑनलाइन उपलब्ध हो जाती हैं। ई लाइब्रेरी बारे आपके जेहन में क्या है, स्पष्ट करें ?

उत्तर:- पिछले पांच-छह साल से ई-लाइब्रेरी शुरू कर दी गई है। ला ऑफिसर इसे देखते हैं। हमने इसे लेकर सेमिनार भी लगाए हैं। इसे लेकर ला ऑफिसर के राय मशवरा भी आए हैं कि हम इनकी सीडी प्रोवाइड करवाएं ताकि समुचित ढंग से वह लीगल कार्रवाई देख सके और अच्छे ढंग से काम कर सके।

प्रशन:- बतौर डायरेक्टर प्रॉसीक्यूशन अच्छा कार्य करने वालों की हौसला अफजाई भी आप करते हैं ?

उत्तर:- बहुत अच्छा काम करने वाले -अपने कार्य में एक्सपर्ट -जिनकी कनेक्शन बहुत अच्छी है, उन्हें अवार्ड देने को लेकर मैं सरकार से बात करने वाला हूं।

Content Writer

Vivek Rai