75 पार स्पीकर ज्ञानचंद गुप्ता पर मध्यप्रदेश फॉर्मूले के तहत चुनाव लड़ने की रहेगी छूट ?

3/1/2024 1:53:19 PM

चंडीगढ़ (चंद्र शेखर धरणी): हरियाणा भजपा की राजनीति में 75 पार विधानसभा अध्यक्ष ज्ञान चन्द गुप्ता को विधानसभा चुनावो में एम पी फार्मूले पर टिकट मिलने के कयास प्रबल हैं।साल 2019 के लोकसभा चुनाव के समय अमित शाह ने कहा था कि, पार्टी ने 75 की उम्र वाले लोगों को टिकट नहीं दी जाएगी। मगर हाल ही में में हुए मध्यप्रदेश, राजस्थान के चुनावों में भजपा का यह फार्मूला परिवर्तित नजर आया।मध्य प्रदेश में सतना और रीवा में बुजुर्ग प्रत्याशी की जीत हो चुकी है।

80 वर्षीय राज्य के पूर्व मंत्री नागेंद्र सिंह नागौद सतना जिले के नागौद से जीत हासिल की थी। जबकि 79 वर्षीय नागेंद्र सिंह रीवा जिले के गुढ़ से विजयी हुए।  राजनीतिक पर्यवेक्षको का कहना है कि ‘‘पिछली विधानसभा के सदस्य नागोद और सिंह, दोनों ने लगभग पांच महीने पहले चुनाव लड़ने की अनिच्छा व्यक्त की थी.

मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव में 70 साल से अधिक उम्र के 14 उम्मीदवारों को मैदान में उतारने का बीजेपी का फैसला फायदेमंद साबित ही चुका है  क्योंकि इन 14 उम्मीदवारों में से 11 ने जीत हासिल की है।जबकि इनमें सबसे अधिक आयु का व्यक्ति 80 साल का है. 

मध्यप्रदेश में 75 साल से ज्यादा उम्र वाले उम्मीदवारों में दमोह से जयंत मलैया (76), अशोक नगर जिले के चंदेरी से जगन्नाथ सिंह रघुवंशी (75) वर्ष के हैं।नर्मदापुरम के होशंगाबाद से सीताशरण शर्मा (73), और अनुपपुर सीट से बिसाहूलाल सिंह (73) भी चुनाव जीत गए। 2023 के चुनावों में विधानसभा में पहुंचने वाले भाजपा के अन्य उम्र दराज नेताओं में राजगढ़ जिले के खिलचीपुर से हजारीलाल दांगी (72), नर्मदापुरम के सिवनी-मालवा से प्रेमशंकर वर्मा (72), शहडोल जिले के जैतपुर से जयसिंह मरावी (71) , सागर जिले के रहली से गोपाल भार्गव (71) और जबलपुर पाटन से अजय विश्नोई (71) भी शामिल हैं.हालांकि, श्योपुर सीट से दुर्गालाल विजय (71), बालाघाट से गौरीशंकर बिसेन (71) और ग्वालियर पूर्व से माया सिंह (73) चुनाव हार गये। गौरतलब है कि 2016 में, सरताज सिंह (तब 76 वर्ष) को कथित तौर पर उम्र बढ़ने के कारण शिवराज सिंह चौहान मंत्रिमंडल से बाहर कर दिया गया था. जब वह 78 वर्ष के थे, तब उन्हें 2018 के विधानसभा चुनाव में टिकट देने से इनकार कर दिया गया था. सिंह ने भाजपा छोड़ दी और होशंगाबाद सीट से कांग्रेस के टिकट पर लड़े लेकिन असफल रहे।

हरियाणा विधानसभा अध्यक्ष ज्ञान चन्द गुप्ता 75 वर्ष से अधिक आयु के हैं।मगर उनकी सक्रियता जबरदस्त है।गुप्ता के द्वारस विधान सभा ने अपनी तरह का एक और अनूठा प्रयोग किया है। यहां सत्र की अवधि के अलावा प्रत्येक माननीय सदस्य द्वारा एक महीने में तीन प्रश्न देने की प्रक्रिया शुरू की गई है। इस व्यवस्था का माननीय सदस्यों द्वारा भरपूर लाभ उठाया जा रहा है।विधान सभा सचिवालय में अनुशासन स्थापित करने के लिए ज्ञान चंद गुप्ता अनेक अभिनव प्रयोग कर चुके हैं। इनमें बायोमेट्रिक उपस्थिति, मूवमेंट रजिस्टर, सभी कर्मचारियों के लिए पहचान पत्र अनिवार्य करने जैसे प्रयोग प्रमुख हैं। सुरक्षा प्रहरी स्टाफ के लिए वे पहले ही ड्रेस अनिवार्य कर चुके हैं। वर्तमान में चल रहे बजट सत्र से उन्होंने जिस प्रकार सभी कर्मचारियों और अधिकारियों के लिए ड्रेस लागू की है, उससे पूरी विधान सभा की आबोहवा बदली है। इससे कर्मचारियों में कर्तव्यपरायणता की भावना प्रगाढ़ हुई है। एक ओर जहां विधायी कामकाज की गरिमा बढ़ी है, वहीं स्टाफ में उत्साह का संचार हुआ है।

ज्ञान चंद गुप्ता ने 4 नवंबर 2019 में हरियाणा विधान सभा के अध्यक्ष की जिम्मेदारी संभालने के बाद से अनेक अभिनव प्रयोग व नूतन परम्पराएं शुरू की हैं। इन प्रयोगों और परम्पराओं से विधान सभा के सचिवालय से लेकर सदन तक की कार्यप्रणाली में आमूलचूल सुधार हुए हैं।   डिजीटलाइजेशन के दौर में विधान सभा की कार्य-प्रणाली को पेपरलैस किया जा चुका है। इससे न केवल कार्यप्रणाली त्वरित हुई, बल्कि उसमें पारदर्शिता भी आई। केंद्र सरकार के संसदीय कार्य मंत्रालय की नेवा (नेशनल ई-विधान एप्लिकेशन) परियोजना का सफलतापूर्वक क्रियान्वयन किया गया है। यहां डिजीटल माध्यम से सदन की कार्यवाही चलाई जा रही है। 

हरियाणा विधान सभा ने अपने गठन के 56 वर्ष बाद पूरा कामकाज हिन्दी में शुरू किया है। 3 फरवरी 2023 को इस संबंध में आदेश जारी किए गए। इससे पहले विधान सभा का कामकाज अंग्रेजी भाषा में हो रहा था। गुप्ता का मानना है कि हिन्दी भाषी जनता के लिए अंग्रेजी में कानून बनाना संतोषजनक नहीं है। नए आदेशों के बाद विधान सभा सचिवालय में सभी प्रकार के फाइल कार्य, पत्राचार और विधायी कामकाज से संबंधित सभी प्रकार के कार्य हिन्दी भाषा में करने अनिवार्य कर दिए गए हैं।

Content Writer

Manisha rana