महिला ने नहर में कूदकर दी जान, घर में धरी रह गई मासूम बेटी के जन्मदिन की तैयारियां

1/21/2021 2:03:02 PM

हिसार : सैक्टर 9-11 की रजनी रानी की 5 वर्षीय बेटी फ्लक का मंगलवार को जन्मदिन था। परिजन नन्हीं गुड़िया का जन्मदिन मंगलवार शाम को धूमधाम से मनाने वाले थे। लेकिन रजनी द्वारा नहर में कूदकर आत्महत्या करने के कारण उनकी बेटी के जन्मदिन की तैयारियां धरी की धरी रह गई। आदर्श नगर के कमल कुमार ने बताया कि मेरी बहन रजनी 5-6 साल से मनोरोग से ग्रस्त थी और सैक्टर-14 के एक निजी अस्पताल में उसका ईलाज चल रहा था। वह इससे पहले परिजनों को बिना कुछ बताए 5-6 बार घर से निकल चुकी थी, मगर 2-3 घंटे बाद लौट आती थी। पूछने पर कहती कि मैं मरने के लिए गई थी, मैं जिंदगी से संतुष्ट नहीं हूं। घर में उसकी बेटी के जन्मदिन पर बर्थडे पाटी की तैयारी चल रही थी कि रजनी ने घर से निकलकर बालसमंद माइनर में छलांग लगा दी। हम उसे तलाशने के बाद देर शाम सैक्टर 9-11 थाने में गुमशुदगी की शिकायत देने पहुंचे | वहां हमें बताया गया कि आजाद नगर थाना पुलिस ने नहर से एक अज्ञात महिला का शव निकाला  हैं। संपर्क करने पर वह शव रजनी का मिला।

मानसिक तौर पर रहती थी परेशान : पति
सैक्टर 9-11 के रजनीश ने बताया कि मेरी और रजनी की शादी साल 2004 में हुईं थी। हमारी 2 बेटियां है। बड़ी बेटी 15 साल की और दूसरी बेटी 5 साल की है। उन्होंने बताया कि मेरी पत्नी मानसिक तौर पर परेशान रहती थी। रजनीश ने शव देखकर मृतका के कपड़ों व गहनों को पहचान लिया। आजाद नगर थाना पुलिस ने इस संबंध में इत्तेफाकिया कार्रवाई की है। 

मिलती-जुलती शक्ल होने से हुआ भ्रम
गंगवा रोड नाके के पास बालसमंद माइनर में मंगलवार शाम को मिले अज्ञात शव की शिनाख्त सैक्टर 9-11 की रजनी (42) के रूप में हुई। शव के दावे को लेकर बुधवार को सिविल अस्पताल की मोर्चरी में 2 पक्ष आमने-सामने हो गए। अढ़ाई घंटे तक हंगामे के बाद 4 महीने पहले घर से निकली युवती के परिजन गांव लौट गए। सैक्टर 9-11 निवासी एवं मैडीकल लाइन से जड़े रजनीश अपने रिश्तेदारों व करीबियों के साथ सिविल अस्पताल में पहुंचे। इससे पहले उन्होंने आजाद नगर थाना पुलिस से संपर्क कर शव अपनी पत्नी रजनी का बताया था। पुलिस कर्मियों ने पोस्टमार्टम संबंधी कागजात तैयार किए और फिर डॉक्टर राजीव डायला से संपर्क किया। इस दौरान करीब 11.30 बजे बालसमंद एरिया के एक गांव से कुछ ग्रामीण मोर्चरी में पहुंच गए। उनमें से एक व्यक्ति ने बताया कि यह मेरी 23 वर्षीय बेटी का है, जो 4 महीने से लापता हैं। दोनों पक्ष शव पर अपना- अपना दावा जताने लगे, जिससे वहां हंगामे की स्थिति बन गई।  

डॉक्टर के समझाने पर लौटा दूसरा पक्ष
दोनों पक्षों में हंगामे के चलते पोस्टमार्टम की प्रक्रिया रुक गई। दोनों पक्षों ने मृतका की ठोडी के नीचे कुछ बाल और एक गाल पर तिल बताया। यह बात सही थी। सैक्टर 9-11 के लोग मृतका की उम्र 42 साल व उसे दो बच्चियों की मां ब्रता रहे थे। जबकि बालसमंद एरिया के ग्रामीण बेटी की उम्र 23 साल बता रहे थे। आखिरकार डॉ. राजीव डाबला ने फिर दोनों पक्षों के लोगों को शव दिखाया। सैक्टर 9-11 के रजनीश ने बताया कि मेरी एक बेटी ऑप्रेशन के जरिये पैदा हुई थी। डॉक्टर के चैक करने पर मृतका के पेट पर ऑपरेशन का निशान मिला। इससे ग्रामीण यह मान गए कि शव उनकी बेटे का नहीं है और लौट गए।

4 महीने से बेटी का कुछ पता नहीं
बालसमंद एरिया के एक गांव के एक ग्रामीण ने बताया कि सितम्बर महीने में हमारे घर बालसमंद चौकी पुलिस पहुंची। पुलिस कर्मियों ने बताया कि हमारे पास महिला एवं बाल संरक्षण अधिकारी बबीता चौधरी का फोन आया है। उन्होंने बताया है कि एक युवती ने फोन कर जान का खतरा बताया है। फिर पुलिस कर्मी मेरी बेटी को साथ ले गए थे। हम महिला थाने में बबीता चौधरी के पास पहुंचे तो उन्होंने बताया कि आपकी बेटी आपसे मिलना नहीं चाहती। फिर भी आप 5 बजे के बाद बेटी से मिल लेना। हम 6 बजे दोबारा गए तो बताया गया कि आपकी बेटी बालिग है और कह मर्जी से यहां से चली गई है। उसके बाद से आज तक बेटी नहीं मिली और न उससे फोन पर बात हुई। यह कहां है, किस स्थिति में है, हमें कुछ पता नहीं है।

Manisha rana