गर्भपात करते वक्त मनोरोग विशेषज्ञ से फटी महिला की बच्चादानी

11/26/2019 1:06:06 PM

पानीपत(अनुज): तहसील कैंप की गर्भवती महिला का गर्भपात करते वक्त मनोरोग विशेषज्ञ से महिला की बच्चादानी फट गई। महिला ने डाक्टर के खिलाफ कार्रवाई के लिए सी.एम. विंडो में शिकायत दी थी। लेकिन अभी तक महिला डाक्टर के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं हो पाई है।  पीड़ित सुनील प्रजापति पुत्र काशीनाथ प्रजापति ने बताया कि उसकी शादी निशा पुत्री महंगीराम प्रजापति निवासी जिला गाजीपुर उत्तरप्रदेश के साथ 2014 में हुई थी। वह 2011 से वो पानीपत के तहसील कैंप स्थित प्रकाश नगर में रह रहा है।

शादी के 2 साल बाद 2016 में उसकी पत्नी मानसिक बीमारी का शिकार हो गई। इसका इलाज करवाने वह ई.एस.आई. लेकर आया। जहां दिमाग की डाक्टर ने चैकअप किया तो निशा की 2 माह की प्रेग्नैंसी मिली। लेकिन उस समय गर्भ में पल रहे बच्चे की दिल की धड़कन बहुत कम बताई। जिस वजह डाक्टर ने कहा कि वो दोनों में से किसी एक को बचा सकती है। पति सुनील ने पत्नी को बचाने की बात कही। जिस पर डॉक्टर ने महिला का गर्भपात किया। गर्भपात के बाद से महिला के पेट में दर्द रहने लगा। दर्द के 6 दिन तक डाक्टर महिला को पेन किलर और इंजैक्शन लगाते रहे। लेकिन दर्द दिन पर दिन बढ़ता जा रहा था।

 सुनील ने बताया कि डाक्टर ने निशा को सातवें दिन रोहतक पी.जी.आई. रैफर कर दिया। रोहतक पी.जी.आई. डाक्टर ने कहा कि महिला की बच्चादानी फटने के कारण पेट दर्द हो रहा है। फिर डाक्टरों ने महिला का बच्चादानी व पेट का ऑप्रेशन कर इलाज किया। डाक्टरों ने पति सुनील को बताया कि दंपति 4 साल तक माता-पिता नहीं बन सकते हैं। अब उसकी पत्नी करीब 5 माह की गर्भवती है। लेकिन डाक्टरों का कहना है कि उसकी पत्नी निशा के पेट में पल रहे बच्चे को 9 माह से पहले ही सीजेरियन कर बाहर निकालना पड़ेगा। पति सुनील ने बताया कि इसकी शिकायत सी.एम. विंडो, पी.एम.ओ. के पास भेजे जाने के बाद भी कोई कार्रवाई नहीं हो रही है। पति ने आरोप लगाया कि जांच के नाम पर डाक्टरों की टीम आती है और बिना कुछ निष्कर्ष निकाले ही चली जाती है। 

Isha