हरियाणा: महिला को भी बनाया जा सकता है भाजपा प्रदेशाध्यक्ष, इनके नाम चर्चा में

6/25/2020 3:15:33 PM

चंडीगढ़ (धरणी): हरियाणा में भाजपा प्रदेशाध्यक्ष पद को लेकर गतिविधियां तेज हो गई हैं। कुछ ही दिनों में नए प्रदेशाध्यक्ष की नियुक्ति कर दी जाएगी, लेकिन अभी तक किसी के नाम पर मौहर नहीं लग पाई है। नए प्रदेशाध्यक्ष को लेकर कई नेताओं के नाम चर्चा में हैं। इस बीच चर्चा यह भी है कि महिला नेता को भी प्रदेशाध्यक्ष नियुक्त किया जा सकता है। इसके लिए सांसद सुनीता दुग्गल व कविता जैन का नाम चर्चा में है।  

हरियाणा भाजपा क्या प्रदेशाध्यक्ष पद किसी भी महिला कार्यकर्ता को दे सकती है। यह चर्चा भजपा के दिल्ली दरबार में सरगर्म है? सांसद सुनीता दुग्गल व पूर्व मंत्री कविता जैन ऐसे सशक्त नाम हैं, जिनकी चर्चा हो रही है। यह भी तर्क दिया जा रहा है की प्रदेशाध्यक्ष पद पर किसी महिला की नियुक्ति से संगठन ज्यादा मजबूत व अनुशासन में रहेगा। तर्कशील लोग यह भी कह रहें हैं की कांग्रेस की प्रदेशाध्यक्ष महिला कुमारी शैलेजा है। भाजपा अगर किसी महिला को प्रदेशाध्यक्ष बनाती है तो महिलाओं में भी जहां अच्छा संदेश जाएगा। वहीं राजनैतिक गुटबाजी पर भी नियंत्रण लगेगा।



आज भाजपा लोकसभा व राज्यसभा में पूर्ण सशक्त है। महिला आरक्षण बिल लाकर महिलाओं की राजनीति में 33 प्रतिशत भागीदारी सुनिश्चित करने की मांग भी पुरानी हो चुकी है। मगर देश देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी में यह क्षमता है। क्योंकि जो पीएम धारा 370 को कश्मीर से हटा सकते है, तीन तलाक के मुद्दे पर बिल पास करवा सकते हैं। पुरानी कई महत्वपूर्ण मांगों को यह देश में लागू करके अपना मनोबल व कार्यशैली साबित कर चुकें हैं। महिलाओं को भी यह आस है की महिलाओं की राजनीति में 33 प्रतिशत भागीदारी सुनिश्चित करने का भी कानून प्रावधान कर सकते हैं।

चर्चा है की हरियाणा भाजपा संगठन में मात्र 7 प्रतिशत भागीदारी महिलाओं की है। जबकि विधानसभा की टिकटों में भी भागीदारी 13 प्रतिशत की रही। भाजपा हरियाणा के अंदर महिला प्रदेशाध्यक्ष बनाने से यह मैसेज राजनीतिक दलों को भी जाएगा कि प्रदेश की महिलाओं में भी सशक्त नेतृत्व के गुण हैं। सांसद सुनीता दुग्गल व कविता जैन के नामों पर जो चर्चा हुई है वह कितनी सार्थक है इसका पता तो आने वाले समय में ही लगेगा।

सांसद सुनीता दुग्गल पूर्व आई आर एस अधिकारी हैं, जबकि कविता जैन के पास हरियाणा में कैबिनेट मंत्री के रूप में अनुभव रहा है। हुड्डा सरकार के कार्यकाल में वह विपक्ष के विधायक के रूप में विधानसभा में उपस्थिति जबरदस्त तरीके से दर्ज करवा चुकी हैं। कविता जैन के पति राजिव जैन भी मनोहर पार्ट वन में मुख्यमंत्री के मीडिया एडवाइजर रह चुके हैं। 

सांसद सुनीता दुग्गल प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से प्रेरित हो राजनीति में आई
अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित सिरसा संसदीय क्षेत्र से सांसद सुनीता दुग्गल प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से प्रेरित हो राजनीति में आई। सन 2014 मे जब सिरसा सीट भजपा-हजकां गठबंधन में हजकां को मिली थी। सुनीता दुग्गल ने तब भी फेस बुक पर लिखा था की  ‘जब मुझे नरेंद्र मोदी मोदी के प्रतिनिधि के तौर पर सिरसा से चुनावी समर में उतरने को कहा गया तो मैंने उस प्रस्ताव को स्वीकार कर लिया और अपने पद से इस्तीफा दे दिया पर कहते हैं होई है वही जो राम रची राखा।। इस सारे घटनाक्रम के बाद भी ‘मैं हार नहीं मानूंगा, रार नहीं ठानूंगा…’ की तर्ज पर में सामाजिक उत्थान के लिए उसी दृढ़ निश्चय के साथ कार्य करती रहूंगी।

सुनीता दुग्गल का मुख्यमंत्री मनोहर लाल से भी सामंजस्य बेहतरीन
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ-साथ हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल से भी इसका सामंजस्य बेहतरीन है। मनोहर पार्ट वन में सुनीता दुग्गल को हरियाणा अनुसूचित जाति वित्त एंव विकास निगम की चैयरमेन लगाया गया था। सुनीता दुग्गल की सक्रियता बतौर सांसद भी कोरोना कार्यकाल में सामजिक रूप से खूब रही है। उनके द्वारा खुद मास्क बनाने व् महिलाओं को मास्क बनाने के अभियान में शामिल करने की खूब चर्चा रही है। भाजपा संगठन हो या मुख्यमंत्री की मीटिंगों में भी इनकी सक्रियता किसी से छुपी नहीं है।



इनके नाम चर्चा में 
भाजपा में प्रदेशाध्यक्ष की घोषणा लगातार लटक रही है। लंबे समय से चर्चाओं में भाजपा के द्वारा जातीय व क्षेत्रीय संतुलन के मध्यनजर मजबूत चेहरे कौन-कौन हो सकते हैं चर्चित चेहरों में केवल कयास ही लगाए जा रहें हैं। इसको लेकर मंथन लगातार चल रहा है। अगर वर्तमान प्रदेशाध्यक्ष सुभाष बराला नहीं बनते तो उस रेस में जाट वर्ग में सबसे अहम नाम कैप्टन अभिमन्यु, ओ पी धनखड़, महिपाल ढांडा का है। 

गैर जाटों में चर्चा में नाम संदीप जोशी, राम विलास शर्मा, विपुल गोयल, नायब सिंह सैनी का भी हैं। हरियाणा में भाजपा की तरफ से मुख्यमंत्री मनोहर लाल पंजाबी समुदाय से व उत्तरी हरियाणा से संबंधित है। करनाल उनकी कर्म भूमि है। भाजपा को आने वाले समय के लिए जाट बाहुल्य क्षेत्रों में पैठ बढ़ानी है व मजबूत करनी हैं। इसके साथ ही दलित, सैनी, ब्राह्मण, बनिया वोट बैंक पर भी निगाह है।
मुख्यमंत्री की पसंद सुभाष बराला व नायाब सैनी है।

भाजपा व कांग्रेस के कल्चर में फर्क
भाजपा आलाकमान किसी की भी ताजपोशी करे उसका मुख्यमंत्री से पूरा तालमेल तो रहेगा ही। भाजपा व कांग्रेस के कल्चर में फर्क है। यहां भजपा में कोई भी प्रधान बने अनुशासन प्राथमिकता है। कांग्रेस में पैरलल लाइन खींचने की आदत है। चर्चा है कि 2019 के चुनावों के परिणामों व 2024 की रणनीति के तहत नए प्रधान की ताजपोशी हाईकमान करेगा। 

Edited By

vinod kumar