महिलाओं ने पेश की अनूठी मिसाल, बंदिशों को तोड़ निकली बाहर

9/13/2018 12:57:53 PM

फतेहाबाद(रमेश भट्ट):  हरियाणा के ठेठ ग्रामीण परिवेश में पली बढ़ी और हमेशा घुंघट के पीछे रहने वाली महिलाएं बिजनेस भी कर सकती हैं। वो भी ढाबे चलाने जैसा बिजनेस। यह कोई कोरी कल्पना नहीं है बल्कि फतेहाबाद के ग्रामीण क्षेत्र की महिलाओं ने ऐसा कुछ कर दिखाया जिसकी हर तरफ चर्चा हो रही है। दरअसल, ग्रामीण आजीविका मिशन से जुड़े महिलाओं के एक ग्रुप लक्की महिला ग्राम संगठन ने लघु सचिवालय में एक ढाबा खोला है। ढाबा भी ऐसा कि खुलते ही लोगों की भीड़ जुटनी शुरु हो गई। 

चर्चा यहां तक हुई कि जिले के डीसी और एसपी भी वहां खाना खाने जा पहुंचे। महिलाओं के इस ग्रुप द्वारा शुरु किए गए इस ढाबे की खासियत यह है कि यहां मिलने वाले खाने को कोई टे्रंड खानसामा नहीं बल्कि ग्रुप से जुड़ी महिलाएं ही बना रही हैं। मात्र 30 रुपए में एक वक्त डाईट जिसमें दाल सब्जी, चपातियां और घर की बनी हुई लस्सी भी शामिल की गई है। ग्रुप की मुखिया पतासो देवी ने बताया कि बड़े होटलों और रोड़ साईड ढाबों पर जो खाना मिलता है उसमें पौष्टिकता कम और रेट अधिक होते हैं, जिसे एक गरीब व्यक्ति नहीं ले सकता, बस इसी बात को ध्यान में रखकर उन्होंने इस प्रोजेक्ट को शुरु किया है। 

उन्होंने बताया कि प्रशासन ने भी उनके हौसले का सम्मान किया और लघु सचिवालय परिसर में नाममात्र के किराए पर उन्हें ढाबा चलाने के लिए दुकान उपलब्ध करवाई है। मात्र दो दिन में ढाबे की लोकप्रियता का आलम यह है कि लघु सचिवाल, कोर्ट परिसर में काम करने वाले अधिकारियों एवं कर्मचारियों के अलावा यहां अपने काम से आने वाले अनेक लोग यहां बने जायकेदार खाने का स्वाद चख रहा है। वहीं उपायुक्त ने भी महिलाओं की अनूठी पहल को स्वागत योग्य बताते हुए कहा कि आने वाले दिनों में यह सारथी ढाबा लोगों के लिए एक उदाहरण साबित होगा।


 

Rakhi Yadav