पीएम के सपनों को पूरा करने और देश के बच्चों को आगे बढ़ाने का काम किया जा रहा है: कुलभूषण शर्मा

punjabkesari.in Thursday, Sep 22, 2022 - 09:56 PM (IST)

चंडीगढ़(चंद्रशेखर धरणी): नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति के सही क्रियान्वयन को लेकर देशभर के विभिन्न क्षेत्रों में पहुंच रहे निसा के राष्ट्रीय अध्यक्ष कुलभूषण शर्मा हाल ही में आसाम के गुवाहाटी में भी कांफ्रेंस करके वापस लौटे हैं। पहले वह अंबाला, बेंगलुरु और हैदराबाद का भी दौरा कर चुके हैं। प्रधानमंत्री के सपने को साकार करने के लिए लगातार देशभर का दौरा कर रहे शर्मा ने बताया कि आमतौर पर नीतियां तो बनती हैं।

लेकिन उनका क्रियान्वयन सही ढंग से नहीं हो पाने के कारण उम्मीद अनुरूप कामयाबी नहीं मिल पाती। अनुपालना सही ढंग, सही तरीके से हो, इसे लेकर एक जन जागरण अभियान के तहत हम लगातार कांफ्रेंस के अधिकारियों को भी मौके पर बुलाते हैं और प्रधानमंत्री के सपने को साकार करने के लिए देश के बच्चों को आगे बढ़ाने के लिए हम यह प्रयास जारी रखे हुए हैं।

उन्होंने कहा कि आधुनिकता के इस दौर में अपनी विशेषता को प्रदर्शित कर चुकी टेक्नोलॉजी ने शिक्षा को भी एक नया रास्ता दिया है। आज किताबों से निकलकर शिक्षा आईपैड पर पहुंच चुकी है। निसा राष्ट्र का पहला ऐसा संगठन है जो राष्ट्रीय शिक्षा नीति की कामयाबी के लिए सरकार से कंधे से कंधा मिलाकर आगे बढ़ रहा है। पहले कभी किसी राष्ट्रीय शिक्षा नीति को लेकर किसी संगठन इस सहयोगात्मक भूमिका नहीं देखी गई। निसा का एकमात्र उद्देश्य देश के हिसाब से देश के बच्चों को विश्व में अग्रणी भूमिका में पहुंचाना है। इसी क्रम में सभी स्कूलों को डिजिटल करने की कोशिश के तहत हम प्रयासरत हैं। कोविड के दौरान पढ़ना लिखना तक भूल चुके हमारे बच्चों के लिए हम लगातार इंग्लिश समेत अन्य भाषाओं पर भी कार्यक्रम चला रहे हैं। बच्चों को कैसे अलर्ट, स्मार्ट और जागरूक नागरिक बनाया जाए यह भी हमारे कार्यक्रम का हिस्सा है।

 

राष्ट्रीय नीति के उचित क्रियानवन के साथ ही सरकार को बचना चाहिए: कुलभूषण शर्मा

 

हालांकि शर्मा ने सरकार की कुछ पॉलिसियों पर प्रश्नचिन्ह लगाते हुए कहा कि सरकार की नजर में कभी भेदभाव की सोच नहीं होनी चाहिए। जिस प्रकार से हिमाचल में टैब वितरण ना केवल सरकारी बल्कि प्राइवेट स्कूल के बच्चों को भी किया गया, इसी प्रकार प्रदेश सरकार को भी इसी प्रकार का फैसला लेने की जरूरत है। क्योंकि बहुत से गरीबी रेखा से नीचे के अभिभावक भी अपने बच्चों को प्राइवेट स्कूल में पढ़ाते हैं। लेकिन टेबले कर देने में असमर्थ है।

बिना भेदभाव की नीति से आगे बढ़ते हुए भाजपा को "सबका साथ- सबका विकास" के अपने नारे सार्थक दिशा देनी चाहिए। हर बच्चा देश का बच्चा है। प्राइवेट और सरकारी स्कूल में पढ़ने वाले किसी बच्चे के साथ इसी प्रकार का भेदभाव उचित नहीं है। इस पर गहन मंथन और चिंतन की आवश्यकता शर्मा ने बताई है। उन्होंने कहा कि आज एजुकेशन के डाटानुसार देश में 80 फ़ीसदी एजुकेटेड युवा बेरोजगारी के शिकार हैं।बीएड और इंजीनियरिंग किए नौजवान या तो बेरोजगार हैं या फिर उन्हें उनकी काबिलियत के अनुसार रोजगार नहीं मिला।

जिस कारण उनकी काबिलियत का फायदा दूसरे देश उठा रहे हैं। यह अच्छे संकेत नहीं है। प्रधानमंत्री मोदी ने एक अच्छी राष्ट्रीय नीति का निर्माण किया है। इसके साथ साथ कुछ बदलाव और आवश्यक हैं। आज बच्चों के बिगड़ रहे स्वास्थ्य का मुख्य कारण मानसिक दबाव जो लगातार कोचिंग के ट्रेंड के कारण पैदा हुआ है, उस पर भी रोक लगाया जाना अति आवश्यक है। देश में दो तीन फ़ीसदी ही बच्चे कोचिंग ले पाने में समर्थ हैं।इसलिए सभी अभिभावकों से भी हमारी अपील हमेशा रही है कि उन्हें भी उठकर बच्चों के लिए संघर्ष करने की जरूरत है।

 

 

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Content Writer

Gourav Chouhan

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