पुलिस के डंडे का भय, रात के अंधेरे में कच्चे रास्तों से बाॅर्डर पार कर रहे श्रमिक

5/4/2020 4:45:20 PM

चरखी दादरी (नरेंद्र): साहब, ठेकेदार ने निकाल दिया और रोटी देने से मना कर दिया। ऐसे हालात में क्या करें, बाहर निकलते हैं तो पुलिस के डंडे का भय रहता है और कहीं रुकते हैं तो रोटी नहीं मिलती। ऐसे में रात के अंधेरे में कच्चे रास्तों से बाॅर्डर पार कर घर जा रहे हैं। कोरोना का डर सता रहा है, वहीं घर में बच्चे चिंता कर रहे हैं। ऐसे में यहां मरने से अच्छा है कि घर जाकर ही मर जाएं।

यह पीड़ा उन प्रवासी श्रमिकों की है जिनको दादरी क्षेत्र के क्रेशर जोन के ठेकेदारों ने निकाल दिया और रोटी देने से मना कर दिया। उत्तर प्रदेश के निवासी प्रवासी श्रमिक यहां कुछ कमाने के लिए आए थे, लेकिन कोरोना की वजह से लगे लॉकडाउन के दौरान फंस गए। लॉकडाउन का प्रथम व द्वितीय चरण तो किसी तरह काट लिया।

प्रशासन के निर्देशों पर ठेकेदार द्वारा कुछ दिन तो राशन-पानी दिया, लेकिन अब देने से मना कर दिया। ऐसे में वे अपने घर जाने के लिए रात के अंधेरे में निकले हैं। उत्तर प्रदेश के रामपुर जिले के करीब 30 प्रवासी श्रमिक बीती रात दादरी क्षेत्र से कच्चे रास्तों पर निकले।

श्रमिक राजू, दीनानाथ, कमलदीप आदि ने बताया कि वे दादरी में दो जून की रोटी का जुगाड़ करने आए थे। कोरोना की वजह से यहां फंस गए। ठेकेदार ने उनको निकाल दिया तो वे रात के अंधेरे में निकले हैं। क्योंकि रास्तों में पुलिस के डंडे का भय है। वहीं घर की चिंता की वजह से कच्चे रास्तों से होकर घर जा रहे हैं।

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vinod kumar