2 मजदूरों की मौत का मामला: जिला उपायुक्त आवास के बाहर एकत्रित हुए मजदूर

10/3/2021 4:09:07 PM

रोहतक(दीपक): दो मजदूरों की मौत के मामले में गुस्साए मजदूरों ने जिला उपायुक्त आवास के बाहर धरना दे दिया और आरोप लगाया कि नगर निगम तथा ठेकेदारों की लापरवाही के चलते मजदूरों की मौतें हो रही है। यही नहीं श्रम बोर्ड में भी धांधली के चलते मजदूरों का पंजीकरण नहीं हो रहा। हादसे के बाद इन मजदूरों को कोई आर्थिक सहायता नहीं मिलती इसलिए मैं मांग करते हैं कि हादसे में मारे गए दोनों मजदूरों को 10-10 लाख रुपए की आर्थिक सहायता दी जाए। अगर ऐसा नहीं किया गया तो वह मजदूरों के शव को जिला उपायुक्त कार्यालय के बाहर रखकर धरना दे देंगे।

छोटू राम चौक पर एक निर्माणाधीन बिल्डिंग की पैड टूटने से गौतम व उत्तम नामक मजदूर की गिरने के बाद मौत हो गई। फिलहाल उनका पोस्टमार्टम रोहतक पीजीआई में चल रहा है। लेकिन उनकी मौत से गुस्साए मजदूरों ने आज जिला उपायुक्त आवास के बाहर नारेबाजी कर धरना दे दिया। मजदूरों का कहना है कि नगर निगम में धांधले बाजी होती है। ऊंची ऊंची बिल्डिंग के नक्शे पास कर दिए जाते हैं, लेकिन काम करने वाले मजदूरों को किसी भी प्रकार की सेफ्टी उपलब्ध नहीं कराई जाती। यही नहीं श्रम बोर्ड में तो असली काम करने वाले मजदूरों का पंजीकरण ही नहीं हो पाता है।

मजदूरों ने आरोप लगाया कि हालांकि रोहतक जिले में लगभग 65 हजार के करीब मजदूरों का पंजीकरण है जो कि रिश्वत देकर करवाए जा रहे हैं। यही हाल नगर निगम का है, बड़ी बड़ी बिल्डिंग के बनाने के लिए नक्शे तो पास कर दिए जाते हैं, लेकिन कोई भी अधिकारी मौके पर जाकर यह नहीं देखता है कि मजदूरों की सेफ्टी के लिए क्या किया गया है। इसीलिए आज वे यहां पर यह प्रदर्शन करने पहुंचे हैं और उनकी मांग है कि मारे गए मजदूरों के परिवार को 10-10 लाख रुपए  की आर्थिक सहायता दी जाए। ताकि उनका परिवार परिवार पल सके।  अगर ऐसा नहीं किया तो वे मृतकों के शव जिला उपायुक्त आवास के बाहर रखकर धरना दे देंगे।

 

 

Content Writer

Isha