लॉकडाउन होने से मजदूरों की परेशानियां बढ़ी, काम बंद होने से कमरे का किराया व राशन का बोझ बढ़ा
3/27/2020 6:27:44 PM
गुरुग्राम(माेहित): गुरु द्रोण की धरती कहा जाने वाला शहर गुरुग्राम की दूरी देश की राजधानी दिल्ली से करीब 25 किलोमीटर है। इस शहर में लगभग 25 लाख लोगाें की आबादी है। राजधानी दिल्ली से सटे होने के कारण ज्यादातर लोग रोजी रोटी कमाने के लिए दूसरे प्रदेश से इस शहर में आए है। यहांं एक छोटे कमरे का किराया भी हजार से शुरू होता है, लेकिन बाहरी लोग अपना गुजारा करने के लिए एक कमरे में 5 से 10 की संख्या में रहते है।
ये लोग अपना कमाया हुआ पैसा बचाकर अपना और अपने परिवार का पेट पालते है। यहां कई ऐसे दिहाड़ी मजदूर हैं, जो प्रतिदिन दिहाड़ी पर काम करते है, लेकिन लॉकडाउन के चलते इनके पास बचाया हुआ पैसा भी अब खत्म हो चूका है, आने वाले समय में इन्हें जरुरत का सामान खरीदने में भी दिक्कत आएगी। इन लोगों ने लॉकडाउन के फैसले को पूर्ण समर्थन दिया है, लेकिन ये लोग पेट की भूख से परेशान है|
इनके कमरे की हालत से कुछ हैरान करने वाली तस्वीरें सामने आई। यहां एक कमरे में 20 लोग मिले। जब इनसे पूछा की इस लॉक डाउन के दौरान इनको कैसी समस्या आ रही तो इनका जबाब सुनने लायक था। इन लोगों का कहना है की यातायात बाधित होने के कारण अपने घर नहीं जा पा रहे है। महंगाई की मार इस कदर है कि राशन भी महंगा हो गया है। आटा, तेल, चीनी, सब्जी जो आम आदमी की जरुरत होती है, वो सब महंगी हो चुकी है।
कंपनी बंद होने के कारण कमरे का किराया तो इनके सिर चढ़ता ही जा रहा है, साथ ही कमाकर बचाया हुआ पैसा भी अब राशन खरीदने में खत्म हो चला है। इन इलाको में कई बाहरी लोग ऐसे भी है जो अपना पूरा परिवार लेकर इस महंगे शहर में रहते है। अब ऐसे में लॉकडाउन के दौरान पैसा कम होने के कारण इन्हे बहुत दिक्क्तों का सामना करना पड़ रहा है।
वहीं इस बारे जिला उपायुक्त अमित खत्री का कहना है कि सरकार सभी की मदद करने को तैयार है, फिर भी समाज सेवी और अन्य संगठनों की मदद से उन सभी लोगो को राशन पहुंचाने का काम करेंगे जो लोग अपना खर्चा नहीं उठा सकते। जिला प्रसासन ने एक टीम का भी गठन किया है जो आम लोगों तक सस्ते दामों में राशन पहुंचाने का काम करेगी।
बता दें की प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अपील के बाद ज्यादातर लोग इस लॉकडाउन की पालना कर रहे हैं। जिले में अभी तक कोरोना पाॅजिटिव के 10 मामले कन्फर्म हो चुके हैं।