हरियाणा को स्वच्छ वायु परियोजना के लिए 305 मिलियन डॉलर देगा वर्ल्ड बैंक, प्रदूषण से मुक्ति पाने के लिए करने होंगे ये उपाय
punjabkesari.in Friday, Dec 12, 2025 - 12:46 PM (IST)
चंडीगढ़ : हरियाणा को प्रदूषण मुक्त बनाने की राज्य सरकार की सबसे बड़ी पर्यावरणीय पहल को अंतरराष्ट्रीय समर्थन मिल गया है। वर्ल्ड बैंक ने हरियाणा स्वच्छ वायु परियोजना फॉर सस्टेनेबल डिवैल्पमैंट (एच.सी.ए.पी.एस.डी) के लिए 305 मिलियन अमरीकी डॉलर करीब 2498 करोड़ रुपए की सहायता को मंजूरी दे दी है। यह परियोजना मुख्यमंत्री नायब सैनी और वर्ल्ड बैंक प्रतिनिधियों की उच्च-स्तरीय बैठक के बाद मंजूरी के अंतिम चरण में पहुंची थी। कुल 3646 करोड़ रुपए की इस परियोजना में वर्ल्ड बैंक ऋण के अलावा 1065 करोड़ रुपए हरियाणा सरकार और 83 करोड़ रुपए अनुदान के रूप में शामिल होंगे।
परिवहन में 500 ई-बसें, 200 चार्जिंग स्टेशन
सड़क परिवहन में उत्सर्जन घटाने के उद्देश्य से परियोजना में 1688 करोड़ रुपए निर्धारित किए गए हैं। गुरुग्राम, फरीदाबाद, सोनीपत, झज्जर में 500 इलैक्ट्रिक बसों की तैनाती के लिए 1513 करोड़ रुपए का निवेश होगा।
अन्य प्रावधान
- पुराने वाहनों को हटाने के लिए 10 करोड
- 200 ई.वी. चार्जिंग स्टेशन 20 करोड़
- ई-थ्री व्हीलर इंसेंटिव 100 करोड़
- फ्लीट रिप्लेसमेंट योजना 45 करोड़
उद्योग व वाणिज्य के लिए 563 करोड़-डी. जी. सैट रिप्लेसमैंट पर जोर
- बॉयलर को पाइप्डनैचुरल गैस (पी.एन.जी.) में बदलने पर 100 करोड़
- डीजल जैनरेटर सैट के विकल्पों को बढ़ावा देने पर 330 करोड़
- प्रमुख औद्योगिक इकाइयों में सी.ई.एम.एस. लगाने पर 33 करोड़
कृषि क्षेत्र को 746 करोड़-2030 तक पराली मुक्त हरियाणा का लक्ष्य
पराली जलाने पर रोक हेतु - 280 करोड़
बायो-डीकंपोजर अनुसंधान - 52 करोड
सैकेंडरी एमिशन मॉनिटरिंग सेंटर 51 करोड़
पशु अपशिष्ट आधारित स्वच्छ खाद प्रणाली 263 करोड़ वैज्ञानिक निगरानी को मिलेगा बड़ा बढ़ावा-564 करोड़
राज्य लैब अपग्रेड और 12 मिनी लैब 107 करोड़
10 सी.ए.ए.क्यू.एम. स्टेशन - 73 करोड
मोबाइल ए. क्यू मानिटरिंग वैन - 28 करोड़
सैटेलाइट-आधारित डाटा इंटीग्रेशन -6 करोड़
डाटा-संचालित नीति प्रणाली (डी. एस. एस.) 50 करोड अर्जन (ए.आई.) एस.पी.वी. करेगी कार्यान्वयन
परियोजना के लिए गठित एसपीवी अर्जन को शीर्ष स्तर का क्रियान्वयन और निगरानी दायित्व सौंपा गया है, जिसकी अध्यक्षता मुख्य प्रधान सचिव राजेश खुल्लर कर रहे हैं। परिवहन, उद्योग, कृषि, शहरी प्रबंधन और वैज्ञानिक निगरानी में एक साथ हस्तक्षेप कर यह परियोजना हरियाणा को राष्ट्रीय स्तर पर स्वच्छ वायु और सतत विकास का अग्रणी राज्य बनाने का लक्ष्य रखती है। नगर निगम और नगर परिषदों के माध्यम से शहरी क्षेत्रों में धूल प्रदूषण और स्वच्छता सुधार अभियानों को गति मिलेगी।
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