LIVE : गंगा में मेडल नहीं बहाएंगे पहलवान, नरेश टिकैत के समझाने के बाद वापस हुए रेस्लर, 5 दिन का दिया समय

5/30/2023 7:51:11 PM

डेस्क : भाजपा सांसद व भारतीय कुश्ती संघ (WFI) के पूर्व अध्यक्ष बृजभूषण सिंह के खिलाफ पहलवान पिछले काफी दिनों से धरने पर थे। बीते 28 मई को जब पहलवान नई संसद भवन के सामने शांतिपूर्ण प्रदर्शन करने जा रहे थे तो पुलिस ने उनके साथ बर्बर्ता की और उन्हें हिरासत में ले लिया था। जिसके बाद मंगलवार को पहलवानों ने चिट्ठी लिखकर ऐलान किया था कि वे शाम 6 बजे अपने मेडल गंगा में प्रवाहित करेंगे। जिसके लिए पहलवान हरिद्वार में हर की पौड़ी पहुंच चुके हैं। थोड़ी देर बाद वे अपने मेडल गंगा में प्रवाहित करेंगे। हालांकि वहां पहुंच उन्होंने अपने मेडल को सीने से लगाकर खूब आंसू बहाए।

बता दें कि ये पहलवान बृजभूषण शरण सिंह की गिरफ्तारी के लिए जंतर-मंतर पर धरना दे रहे थे। रेसलर साक्षी मलिक ने सोशल मीडिया पर पोस्ट करते हुए लिखा कि वे मेडल्स गंगा में प्रवाहित करने के बाद इंडिया गेट पर आमरण अनशन करेंगे। साक्षी ने लिखा, ‘हमने पवित्रता से इन मेडल्स को हासिल किया था। इन मेडल्स को पहनाकर सफेदी वाला तंत्र सिर्फ अपना प्रचार करता है। फिर हमारा शोषण करता है। राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री को नहीं लौटाएंगे, क्योंकि उन्होंने हमारी कोई सुध नहीं ली।’

हालांकि पहलवानों के इस कदम का गंगा सभा ने विरोध किया है। गंगा सभा के अध्यक्ष का कहना है कि आज गंगा दशहरा है और गंगा जी से लोगों की आस्था जुड़ी है। लिहाजा हम पहलवानों ने हाथ जोड़कर विनती करते हैं कि वे इसको राजनीति का अखाड़ा न बनाएं। उन्होंने कहा कि पहलवान हमारे देश की शान हैं, हम उनका सम्मान करते हैं।

बता दें कि बृजभूषण शरण सिंह ने 5 जून को अयोध्या में महारैली बुलाई है। इसमें संत भाग लेंगे। बृजभूषण और संतों का कहना है कि पॉक्सो एक्ट का फायदा उठाकर इसका दुरुपयोग किया जा रहा है।

हर की पौड़ी पर पहुंचे नरेश टिकैत

पहलवानों को समझाने के लिए भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय अध्यक्ष नरेश टिकैत पहुंचे। उनके समझाने के बाद पहलवान मान गए और उन्होंने मेडल को गंगा प्रवाहित करने के फैसने को वापस ले लिया। खिलाड़ियों ने अपने मेडल नरेश टिकैत को सौंप दिए। हालांकि ये मुद्दा यहीं खत्म नहीं हुआ। पहलवानों ने 5 दिन का समय मांगा है और कहा है कि पांच दिन के भीतर कोई ठोस कार्यवाही नहीं हुई तो वे फिर यहां पहुंचेंगे और अपने मेडल गंगा में प्रवाहित करेंगे। समझाने-बुझाने के बाद पहलवान वहां से वापस आ रहे हैं। 

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Content Editor

Mohammad Kumail