अवैध कॉलोनियों पर कार्रवाई में झोल, जनता के निर्माण को बनाया निशाना, कॉलोनाइजरों पर बरती ढील
2/10/2021 8:44:00 AM
करनाल : अवैध कॉलोनियों पर शिकंजा कसने का दम भरने वाले विभाग की कार्रवाई में ही झोल है। गत दिनों की तोडफ़ोड़ से साफ है कि डी.टी.पी. व उनकी टीम ने जनता के निर्माण को जमकर निशाना बनाया। जबकि सरकार का करोड़ों का टैक्स चोरी कर कॉलोनियां काटने वालों पर ढील बरती गई। अवैध कॉलोनी में प्लॉट लेकर कार्रवाई झेल चुके मदन, सोमपाल व बिजेंद्र ने इस पर सवाल उठाए। कहा कि गत 10 दिन में डी.टी.पी. विक्रम व उनकी टीम ने जो कार्रवाई की दरअसल वह कॉलोनी रोकने के लिए नहीं बल्कि अपना रिकॉर्ड दुरुस्त करने के लिए थी। गत दिनों 6 से अधिक अवैध कॉलोनियों में तोडफ़ोड़ की गई। इसकी स्टडी से पता चलता है कि विभाग ने निशाने पर कॉलोनाइजर की बजाय आम जनता रही। अवैध कॉलोनी रोकनी होती तो सबसे पहले सीवरेज की लाइन तोड़ी गई होती। लेकिन यहां टीम ने केवल प्लॉट लेने वालों पर कहर बरपाया। कोई ऐसी तोडफ़ोड़ नहीं की जिससे कालोनाइर को नुक्सान हो। सूत्रों की मानें तो यह मामला अब मुख्यमंत्री के संज्ञान में भी आ चुका है।
नाराज पार्षदों ने सी.एम. दरबार में उठाया मुद्दा
अवैध कॉलोनियों में आम जनता को निशाना बनाने से नाराज पार्षद सी.एम. दरबार में पहुंचे। सूत्रों की मानें तो आम जनता पर सितम और कॉलोनाइजरों पर मेहरबानी का यह मुद्दा पार्षदों ने मुख्यमंत्री के सामने विस्तार से उठाया। इसके बाद सी.एम. ने अधिकारियों को नसीहत दी कि पुराने मकानों को न ढहाएं। कॉलोनाइजरों को चेताया था कि वह सरकार को टैक्स जमा करवाकर ही कॉलोनी काटें।
मासूम लोगों को जाल में फंसाते हैं
दरअसल, लैंड माफिया अवैध कॉलोनियों में सीवरेज दिखाकर मासूम लोगों को जाल में फंसाते हैं। चुपके से कालोनी की सीवरेज लाइन को सरकारी लाइन से जोड़ दिया जाता है। पानी निकासी की व्यवस्था देखकर जनता यहां प्लॉट खरीद लेती है। लैंड माफिया करोड़ों के टैक्स की चोरी और ऊंचे दामों में प्लॉट बेचकर आराम से निकल जाता है। इसके बाद जनता को आगे कर दिया जाता है। कार्रवाई का दंश उन्हें झेलना पड़ता है।
कार्रवाई से पहले ढका सीवरेज
करनाल में कॉलोनाइजर इन दिनों राइस मिलों में अवैध कालोनियां काट रहे हैं। मिल के गेट बंद कर अंदर अवैध निर्माण चल रहा है। घोघड़ीपुर रोड पर गिरड़े वाले पीर के पास अवैध कॉलोनी में कालोनाइजर ने चालाकी दिखाई। कार्रवाई की भनक लगते ही सीवरेज मिट्टी से ढक दिया। विभाग की टीम यहां एक डी.पी.सी. पर कार्रवाई कर लौट आई। कुछ कॉलोनियों में इंटरलॉकिंग टाइल उखाड़कर सीवरेज लाइन को यूं ही छोड़ दिया गया।
पानी निकासी न होती तो प्लॉट नहीं बिकते
अवैध कॉलोनी में पक्की सड़कें और पानी निकासी दिखाकर लैंड माफिया ने मोटा मुनाफा कमाया। सरकार के टैक्स की चोरी कर अपनी जेब भरी। सड़कें व सीवरेज नहीं होते तो प्लॉट बिकना मुमकिन नहीं था। अधिवक्ता देवव्रत चौहान का कहना है कि क्या अधिकारियों की शह के बिना इतने बड़े स्तर पर अवैध कॉलोनी पनप सकती हैं। इसकी विजिलेंस जांच होनी चाहिए ताकि सच जनता के सामने आ सके।
एफ.आई.आर. का भी नहीं डर
करनाल निवासी राहुल, नीरज व दर्शन सिंह का कहना है कि कॉलोनाइजर बड़ी ही चालाकी से काम लेते हैं। यह खुद पर्दे के पीछे रहकर काम करते हैं। किसान से जमीन लेते समय एक दूसरे व्यक्तियों के नाम दिए जाते हैं। डी.टी.पी. के अनुसार गत एक वर्ष में अवैध कॉलोनी काटने वालों पर 15 एफ.आई.आर. करवाई जा चुकी हैं। जिन धाराओं के तहत केस दर्ज होता है उनमें तुरंत बेल मिल जाती है। यही वजह है कि कॉलोनाइजर इस एफ.आई.आर. से नहीं डरते।
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