डिपू संचालकों ने किया बायोमेट्रिक मशीनों पर काम करने से मना

11/5/2016 3:21:18 PM

यमुनानगर (हरिंदर सिंह): यमुनानगर में डिपूओं पर राशन वितरण करने के लिए आज से बायोमीट्रिक मशीनों को बांटने का काम तो शुरू हो गया लेकिन ऐसे में यहां डिपू संचालकों ने इन मशीनों को ले तो लिया लेकिन इन पर काम करने से मना कर दिया। डिपू संचालकों ने अपनी-अपनी समस्या को बताते हुए इन पर राशन वितरण करना एक बडी समस्या बताया है। संचालकों का कहना है कि जिन गांवों में नेट ही नहीं चलता वहा राशन वितरण कैसे होगा। जबकि डिपू की समय सारणी को भी एक बडी मुसिबत बताया है।

 

गौरतलब है कि यमुनानगर के खाद्वपूर्ति विभाग द्वारा वितरण की जाने वाले बायोमीट्रिक मशीनों का आज डिपू संचालको को वितरण करना शुरू कर दिया है। ऐसे में डिपू संचालको ने मशीनों को लेने के लिए तो पहुंचे लेकिन ऐसे में डिपू संचालको ने अपनी मांगो को बीच में रखते हुए राशन वितरण करने से अभी भी मना किया हुआ है।  कई जगह डिपू संचालको की अपनी ही समस्या को बताते हुए डिपूओं पर बायोमीट्रिक मशीनों को न कामयाब बताया है। संचालको की माने तो कई जिले के गांव ऐसे है जिन में नेट की समस्या रहती है और ऐसे में उन गांवों में अंगूठा लगा कर राशन नहीं दिया जाएगा। कई जगह तो संचालक ही ऐसे है जिनकी नजर कमजोर होने के कारण उन्हें मशीन के अक्षर भी नजर नहीं आ रहे लेकिन सबसे बडी समस्या इन लोगों को टाइम टेबल की है जोकि पांच बजे के बाद यहां सरकारी कार्यालय बंद हो जाते है। ऐसे में लोग भी शाम को ही काम निपटाकर राशन लेने के लिए आते है जोकि डिपू संचालक पांच बजे के बाद उन्हें राशन नहीं दे सकता।

 

एक तरफ तो मशीनों के आते ही उनका विरोध भी शुरू हो गया है और कुछ दिन पहले ही डिपू संचालको ने इक्टठे होकर यह निर्णय लिया था कि वह सरकार द्वारा गरीब लोगों को दिए जाने वाला समान सरकार से तो लेंगे लेकिन आगे वितरण नहीं करेंगे। इन दिनों हरियाणा के दस जिलो के डिपू संचालक हडताल पर हैं और इन लोगो का कहना है कि सरकार के फैंसले का स्वागत करते है पर उनके लिए यह बायोमीट्रिक मशीने परेशानी का सबब बन गई है। क्योंकि पहले डिपू के साथ-साथ वह दूसरे काम भी करते थे लेकिन अब वह केवल डिपू ही चला पाएंगे। जबकि अन्य काम भी उनके रूक जाएंगे। ऐसे में इन लोगों ने सरकार से अपनी पिछले दस माह की रूकी हुई कमीशन को लेने की मांग तो की ही है साथ ही इन लोगो ने अपनी कमीशन को बढाने की बात कही है। 

 

उन्होंने कहा कि कम से कम इन्हें 15 से 20 हजार रू महीना सरकार दे। तब जाकर वह लोग अपने डिपू चला पाएंगे नहीं तो यह अपनी हडताल को जारी रखेंगे। अब अगर सरकार कोई कदम उठाती है तो उसका पूरजोर विरोध भी किया जाएगा। खाद्वपूर्ति विभाग के डीएफएससी का कहना है कि हडताल के बारे में उन्हें नहीं पता लेकिन उन्हें जो ज्ञापन दिया गया था वह उन्होंने आगे भेज दिया है। इन डिपू संचालकों की मांगे सरकार तक भी पहुंचा दी है अब सरकार इस पर कैसा रवैया अपनाती है यह देखने वाली बात होगी।