पुलिस में खुद को थानेदार बताकर युवती को दिया नौकरी दिलवाने का भरोसा, लूटे लाखों

3/31/2017 11:13:56 PM

यमुनानगर (सुमित ओबेरॉय):हरियाणा में ठगी का एक ऐसा मामला सामने आया है जो शायद ही देश में पहले कहीं देखा या सुना गया हो। गांव का एक ठग दामाद खुद को हरियाणा पुलिस में थानेदार बताकर गांव की ही एक भोली-भाली युवती को पुलिस में भर्ती करवाने के नाम पर लाखों रूपए ठगकर फरार हो गया। हैरानी वाली बात यह है कि खाकी की इस सौदेबाजी में ठग दामाद की पत्नी भी बाकायदा पुलिस वर्दी पहनकर इस धोखाधड़ी में अपने पति के कदम से कदम मिलाकर बराबर साथ दे रही है। आरोप है कि ठगी का शिकार हुई लड़की का चंडीगढ़ में मेडिकल करवाने के बाद उसे पुलिस की वर्दी भी दी गई जिसमें उसके नाम का बिल्ला भी लगा हुआ था। 

यही नहीं सेलरी के लिए पीड़िता को एक एटीएम कार्ड भी जारी कर दिया गया था। आज पीड़ित परिवार हाथों में वर्दी लेकर सीएम विंडों पर इंसाफ की गुहार लगाने पहुंचा। बचपन से ही पुलिस में भर्ती होने का ख्वाब देखने वाली नीतू के सीने पर आज खाकी है। 

वर्दी पर उसके नाम का बिल्ला भी टंगा है
सिर पर पुलिस की कैप और कमर पर हरियाणा पुलिस की बेल्ट देख कोई भी पहली नजर में नीतू को हरियाणा पुलिस का सिपाही समझ बैठेगा। लेकिन अपने सीने में ठगी का झकजोर कर रख देने वाला दर्द दबाकर बैठी नीतू का दर्द कोई नहीं देख पा रहा है। नीतू और उसके पिता की माने तो करनाल निवासी अजय का उन्हीं के गांव गोलनी में ससुराल है। गोलनी का दामाद अजय खुद को हरियाणा पुलिस में थानेदार बताता था और उसकी पत्नी भी पुलिस की ही वर्दी में उसके साथ अपने घर आती जाती थी।

नीतू के पिता राजेश्वर की माने तो जैसे ही अजय को पता चला कि नीतू पुलिस में भर्ती होकर देश की सेवा करना चाहती है तो वह उनके घर आ गया और नीतू को पुलिस में भर्ती करवाने का दावा करने लगा। अजय के साथ उसकी पत्नी भी पुलिस वर्दी में आई थी जिसे हाल ही में पुलिस में भर्ती करवाने की बात बोलकर अजय ने राजेश्वर के परिवार को झांसें में ले लिया। राजेश्वर के राजी होते ही अजय ने उनसे नौकरी के बदले सवा चार लाख रूपए मांगे।

बैकवर्ड परिवार और तंग हालातों में पैदा पली-बड़ी हुई बेटी की जिंदगी बनाने के लिए नीतू के पिता ने अपने मवेशी बेच दिए, घर में रखी जमा-पूंजी और जेवर भी बेच दिए और पच़ॉस-पच़ॉस हजार की किश्तों में सवा चार लाख रूपए अजय को दे दिए। इसके बाद अजय नीतू को मेडिकल के लिए चंडीगढ़ भी ले गया औऱ कुछ दिनों बाद उसे दराजपुर रेलवे स्टेशन पर बुलाकर पुलिस की वर्दी के साथ एक ए.टी.एम कार्ड भी यह कहकर थमा गया कि इसमें सरकार उसे उसकी सेलरी भेजेगी। नीतू यह सब लेकर घर आ गई और इसके बाद जब भी वह अजय को फोन करके पूछते तो वह फोन पर ही उसे उसकी डयूटी इधर से उधर लगाए जाने की बातें बोलकर गुमराह करता रहा।
 
इससे पहले की परिवार अजय के मनसूबों को समझ पाता बहुत देर हो चुकी थी। और धीरे धीरे अजय ने राजेश्वर के फोन उठाने भी बंद कर दिए। शुक्रवार को वर्दी हाथों में लेकर नीतू और उसके पिता यमुनानगर सीएम विंडों पहुँचे और सरकार से मदद की गुहार लगाई।