चिट्टे की आग में दहक रही मंडी, युवाओं का भविष्य खो रहा नशे की अंधेरी गलियों में

12/16/2019 11:33:17 AM

कालांवाली(प्रजापति): पंजाब-हरियाणा के बार्डर पर स्थित मंडी कालांवाली करीब 10 सालों से अपने बच्चों को बर्बादी की तरफ जाते हुए देख रही है। दर्जनों माओं के बच्चे छोटी उम्र में नशे की अंधेरी गलियों में खोकर अपना भविष्य बर्बाद कर चुके हैं। पढऩे की उम्र में अपने हाथों में किताबों की जगह नशे के टीके लेकर युवा नशों की अंधेरी गलियों में भटक रहे हैं। किताबों की जगह नशे के टीकों ने ले ली है। नशे की शुष्क बंदरगाह के तौर पर बदनाम हो चुकी कालांवाली मंडी के युवाओं का भविष्य खतरे में है।

इस समय 14 से लेकर 20 साल के युवा हैरोइन यानी चिट्टे जहर की चपेट में हैं। हर वर्ग के छात्र इन दिनों चिट्टा जहर लेने लगे हैं। माता-पिता अपने होनहारों के भविष्य को बर्बाद होते देखकर परेशान है। ज्यादा अभिभावक लोकलाज के डर से इस बात की चर्चा करने से भी डरते हैं। एक तरह युवा पीड़ित का भविष्य खतरे में है, दूसरी तरफ पुलिस प्रशासन को इसे खत्म करने का कोई दमदार रास्ता नहीं नजर आ रहा। हालांकि बढ़ते नशे के कारोबार को देखते हुए पुलिस प्रशासन ने अपने स्तर पर काफी प्रयास किए हैं और उसमें सफलता भी मिली है। कालांवाली के मौजिज लोगों ने इस जहर कारोबारियों पर सख्त कार्रवाई की मांग की है। 

कालांवाली क्षेत्र लम्बे अर्से से नशे के रूप में बदनाम रहा है। पहले इस क्षेत्र के लोग अफीम व चूरापोस्त का नशा करते थे। उसके बाद यह क्षेत्र मैडीकल नशे के लिए बदनाम हो गया। युवा नशा करने के बाद जहां-तहां गिरे आम देखे जा सकते थे। मैडीकल नशे के कारोबार को बढ़ाने में कहीं न कही ड्रग विभाग व पुलिस की सुस्ती का भी हाथ रहा लेकिन जब हालात हद से गुजरने लगे तो जिला पुलिस के तत्कालीन कप्तान सतेंद्र गुप्ता ने नशे के खिलाफ अभियान शुरू किया जिसके सार्थक परिणाम भी सामने आए। आज हालात यह हैं कि ज्यादातर मैडीकल स्टोर पर आपको किसी प्रकार की नशे की दवाई नहीं मिलेगी। हालांकि अभी भी इक्का-दुक्का मैडीकल संचालक चोरी-छिपे इस घिनौने कार्य को अंजाम देने में लगे हैं।

मगर सफेद जहर का कारोबार अभी भी धड़ल्ले से चल रहा है। जिसका एक कारण यह भी है कि पुलिस इस कारोबार से जुड़े बड़े हाथों तक नहीं पहुंच पाई है। जब भी पुलिस को कोई सफलता मिलती है तो जहर की मात्रा नाममात्र की होती है। सीधा सा मतलब है की पुलिस की पकड़ में आने वाले ज्यादातर लोग नशेड़ी होते हैं या छोटे-मोटे सप्लायर। अभी तक के आंकडों के अनुसार कालांवाली पुलिस द्वारा नशे की कोई बड़ी खेप नहीं पकड़ी गई है, जिससे इस कारोबार से जुड़े बड़े मगरमच्छ पकड़ में आए। लोगों का कहना है कि पुलिस को अपना नैटवर्क ज्यादा तेज करते हुए बड़े कारोबारियों को पकडऩा होगा ताकि इस धंधे से जुड़े लोगों की जड़ पर प्रहार हो।  

वजीर सिंह, थाना प्रभारी, कालांवाली ने कहा कि इस मामले में मेरा रवैया बिल्कुल साफ है। अगर इस तरह का घिनौना कार्य करने वाला मेरे राडार में आ गया तो उसे बख्शा नहीं जाएगाा फिर चाहे वह कितनी भी पहुंच वाला व्यक्ति क्यों न हो।
 

Edited By

vinod kumar