हरियाणा के इस छोरे ने 2017 में लिए सबसे ज्यादा विकेट, अब टेस्ट खेलना है सपना

12/24/2017 6:09:22 PM

जींद(ब्यूरो): हर क्षेत्र में अपने प्रदेश का नाम रोशन करने में हरियाणा के युवाअों में एक नाम युजवेंद्र चहल का भी है। चहल कटक में चल रहे टी 20 सीरिज का पहला मैच जीतने के बाद सबसे ज्यादा चर्चा में हैं। उनको बचपन से ही क्रिकेटर बनने की जिद थी जिसको पूरा करने के लिए उन्होंने कड़ी मेहनत की। अपने सपने को पूरा करने लिए चहल 6 साल पहले तक खेत में उनके पिता द्वारा बनाई पिच पर कड़ी मेहनत करता था। इसी मेहनत का परिणाम यह है कि युजवेंद्र अब टी-20  क्रिकेट का सबसे बेहतरीन गेंदबाज है। साल 2017 में उसने दुनिया के दिग्गज गेंदबाजों को पछाड़ कर 10 मैच में सबसे ज्यादा 19 विकेट लेने का रिकाॅर्ड बनाया है।  

चहल ने करियर की शरुआत क्रिकेट से नहीं चेस से की थी 
युजवेंद्र चहल का जन्म 23 जुलाई 1990 को हरियाणा में हुआ। चहल ने अपने स्पोर्ट्स करियर की शरुआत क्रिकेट से नहीं बल्कि चेस से की थी। उन्होंने मात्र 7 साल की उम्र से शतरंज खेलना शुरू कर दिया था। चहल ने अंडर-12 की नेशनल किड्स चेस चैंपियनशिप भी जीती थी और इसके अलावा वो अंडर-16 नेशनल चेस चैंपियनशिप का भी हिस्सा रहे चुके हैं।

टेस्ट क्रिकेट खेलना है युजवेंद्र का सपना
चहल के पिता केके चहल पेशे से एकवोकेट हैं। उनका कहना है कि बेटे ने टी-20 में साल 2017 में सबसे ज्यादा विकेट लेने का जो रिकाॅर्ड बनाया है। उस पर वे काफी खुश हैं क्योंकि टी-20 क्रिकेट में बल्लेबाज हावी और गेंदबाज असहाय होते हैं। उन्होंने कहा कि टेस्ट क्रिकेट खेलना उनके साथ युजवेंद्र का भी सपना है। टेस्ट खेलने के बाद ही कोई क्रिकेटर संपूर्ण क्रिकेटर बनता है। उनका कहना है कि यजुवेंद्र अच्छी बैटिंग भी करता है। इसका प्रमाण अंडर-19 खेलते हुए उसके द्वारा बनाए गए रन और मिला आलराउंडर का खिताब है।

मां ने बताया यजुवेंद्र की सेहत का राज
यजुवेंद्र की मां सुनीता देवी ने बताया कि घर हो या बाहर यजुवेंद्र कभी भी तली हुई चीजें नहीं खाता। देशी घी भी बहुत कम। उसकी खाने में सबसे फेवरिट डिश राजमा-चावल और लहसुन की चटनी होती है। खाने में दोनों टाइम वह लहसुन की चटनी जरूर खाता है। दूध पीने से वह कभी मना नहीं करता। उन्होंने बताया कि घर हो या बाहर यजुवेंद्र डेली 2 से 3 किलो दूध दिन भर में पी जाता है।