24 लाख में खरीदी थीं निगम ने कचरा उठाने की 20 ई-रिक्शा, मात्र 9 महीने में बनी कबाड़

12/1/2019 1:29:26 PM

हिसार (संदीप): स्वच्छता सर्वेक्षण के नाम पर नगर निगम शहर में ङ्क्षढढोरा पीट रहा है। शहर मेंं डोर-टू-डोर कचरा उठाने के लिए निगम ने मार्च महीने में 20 ई-रिक्शा खरीदी थीं। यह ई-रिक्शा मात्र 9 महीने में ही कबाड़ बन गई हैं। 20 में से सिर्फ  6 गाडिय़ां ही शहर में डोर-टू-डोर कचरा उठाने जा रही हैं। अन्य 16 गाडिय़ां निगम के कबाड़ खाने में धूल फांक रही हैं। निगम ने कचरा उठाने वाली 1 रिक्शा 1 लाख 20 हजार रुपए की लागत से खरीदी थी। इनमें से करीब 10 ई-रिक्शा तो ऐसी हैं जो शुरूआती 1 सप्ताह में ही जवाब दे गई।

सूत्रों के अनुसार 20 ई-रिक्शा 24 लाख रुपए में खरीदी गई थीं। शहरवासियों ने बताया कि इन ई-रिक्शा  का हाल देखकर यह लग रहा है कि इन्हें खरीदकर अधिकारियों ने निगम को 24 लाख का नुक्सान ही पहुंचाया है। शहर से कचरा उठाकर यह ई-रिक्शा बड़ी मुश्किल से ही ढंढूर डमिं्पग स्टेशन तक पहुंचती हैं। शहरवासियों ने यह भी आरोप लगाया कि यह ई-रिक्शा खरीदने के मामले में भ्रष्टाचार की बू आ रही है, क्योंकि जब निगम ने यह ई-रिक्शा खरीदी थीं उस समय भी निगम के कई कर्मचारियों ने इस पर ऐतराज जताया था। इसके  अलावा निगम कर्मचारियों ने बताया कि निगम द्वारा खरीदी गई नई जे.सी.बी. भी कम पावर की है जिसके मुकाबले पुरानी जे.सी.बी. ज्यादा पावरफुल है।

सरकार ने स्वच्छता अभियान पर करोड़ों रुपए खर्च किए पर सफाई कर्मचारी भर्ती नहीं किए। फिलहाल हिसार नगर निगम में सिर्फ 697 सफाई कर्मचारी हैं जबकि 1990 यहां 800 से ज्यादा सफाई कर्मचारी कार्यरत थे। वहीं 1986-87 में करीब 1000 से ज्यादा सफाई कर्मचारी थे तब हिसार नगर परिषद था। 2012-13 में हिसार को नगर निगम बनाया गया जिसमें करीब 6 गांवों को शामिल कर लिया गया। हिसार में 20 वार्ड बने। नगर निगम बनने के बाद हिसार का क्षेत्रफल लगातार बढ़ता गया परंतु सफाई कर्मचारी कम होते गए। ऐसे में कर्मचारियों को शहर में सफाई करते समय बहुत परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। फिलहाल निगम में करीब 1000 से ज्यादा सफाई कर्मचारी होने चाहिए तब जाकर शहर की सफाई हो सकेगी।

Isha